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केदारनाथ और बदरीनाथ धाम सहित हिमालय की ऊंची पहाड़ियों में बुधवार को जमकर बर्फबारी हुई है। काफी लम्बे समय बाद हुई बर्फबारी से लोगों को राहत मिली है। बर्फवारी के चलते बदरीनाथ और केदारनाथ में बर्फ की चादर बिछने लगी है। दोपहर 12 बजे से बर्फवारी शुरू हुई जो सांय 6 बजे तक होती रही। बर्फबारी से 3 इंच से अधिक बर्फ गिरी। वहीं हिम क्रीड़ा स्थल औली में भी बर्फवारी हुई। हालांकि लम्बे समय बाद हो रही बर्फबारी के कारण लोगों ने राहत की सांस ली है।
पर्यावरण प्रेमी सहित केदारनाथ में रह रहे साधु संत एवं आईटीबीपी एवं पुलिस जवान आदि बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे। इस बार काफी लम्बे समय बाद बर्फबारी हुई है। जनवरी मध्य में हुई बर्फबारी से अब आने वाले दिनों में भी बर्फबारी की उम्मीद जताई जा रही है।
केदारनाथ धाम सहित भैरव की पहाड़ियां बर्फबारी होने से सफेदी से चमकने लगी है। वहीं चन्द्रशिला, तुंगनाथ, मदमहेश्वर आदि स्थानों पर भी बर्फबारी हुई है। स्थानीय निवासी ने बताया कि हनुमान चट्टी से लेकर बदरीनाथ में बुधवार को साल का पहला हिमपात हुआ है, अभी हल्फी बर्फबारी ही हुई है लेकिन अब इस साल बेहतर हिमपात होने की आस बंधी है। गंगोत्री समेत ऊंचाई वाली चोटियों पर हल्की बर्फबारी देखने को मिली। इससे निचले इलाकों में ठंड बढ़ी है।
इसके साथ ही निचले क्षेत्रों में बूंदाबांदी भी हुई है। बुधवार सुबह से ही जिले भर में मौसम खराब रहा। औली की ढलनों में मौसम की यह दूसरी बर्फबारी हुई है। बता दे कि 12 दिसंबर को औली में पहली बर्फबारी हुई थी। अब एक बार फिर से बदले मौसम के मिजाज के बाद औली की ढलाने बर्फ से लकदक होने लगी हैं अभी तक औली में 2 इंच तक बर्फ जम चुकी है। और मौसम अभी भी बर्फबारी का बना हुआ है और लगातार हल्की बर्फबारी हो रही है।
Chardham yatra 2023: उत्तराखंड स्थित चारधाम में दर्शन और पूजन के लिए इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यहां हर रोज नए रिकॉर्ड बने। यहां मानसून और उसके बाद श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। अब यहां ठंड ने दस्तक दे दी है और अब जल्द ही चारों धाम के कपाट बंद होने वाले हैं। बढ़ती ठंड और बर्फबारी को देखते हुए अब गंगोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की तारीख और मुहूर्त तय हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त 14 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11:45 बजे का तय किया गया है।
यमुनोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट 15 नवंबर को होंगे बंद
इसके अलावा यमुनोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर्व पर 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे। हालांकि कपाट बंद करने के मुहूर्त अभी तय नहीं हुए हैं। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि एवं मुहूर्त विजयादशमी पर्व पर 24 अक्टूबर तय होंगे। बता दें कि सर्दियों के दौरान चारों धामों में भीषण ठंड पड़ती है। इस दौरान 14 नवंबर को सुबह दस बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा जाएगा। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली यात्रा शीतकालीन प्रवास स्थल मुखीमठ (मुखवा) के लिए प्रस्थान करेगी। यमुनोत्री के कपाट भैया दूज पर्व पर 15 नवंबर को बंद होंगे। वहीं, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ के कपाट भी भैयादूज के दिन बंद होंगे। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली यात्रा शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हो जाएगी।
22 अप्रैल से शुरू हुई थी चार धाम की यात्रा
बता दें कि उत्तराखंड के चार धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हुई थी। उत्तराखंड सरकार के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 4 जून तक 40 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। सरकार के मुताबिक 4 जून तक सबसे ज्यादा 7.13 लाख तीर्थयात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन किए थे।
Yogi Adityanath: उत्तराखंड के दौरे पर गए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को केदारनाथ के दर्शन किए। योगी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक किया और पूजा-अर्चना की। इससे पहले, केदारनाथ हैलीपैड पहुंचने पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय अजेंद्र, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी डॉ.सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक डॉ.विशाखा अशोक भदाणे ने पुष्पगुच्छ भेंटकर योगी का स्वागत किया। तीर्थ पुरोहित समाज ने परंपरागत मंत्रोच्चारण के साथ उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया।
कल बैठक के बाद भी आये थे सीएम योगी
सीएम योगी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और प्रमुख सचिव गृह एवं मुख्यमंत्री के सचिव संजय प्रसाद भी केदारनाथ पहुंचे। ऋषिकेश के पास नरेंद्रनगर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के बाद योगी को शनिवार को ही केदारनाथ पहुंचना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उनका हैलीकॉप्टर उतर नहीं पाया और इस कारण वह सीधे बदरीनाथ चले गए थे। बदरीनाथ मंदिर में उनका तीर्थ पुरोहितों ने स्वागत किया, जिसके बाद वह भगवान बदरी विशाल की शयन आरती में शामिल हुए और भगवान के दर्शन एवं विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्वालुओं और स्थानीय जनता का अभिवादन भी किया। योगी ने सरस्वती नदी के दर्शन और जलग्रहण किया। बाद में वह भारत-चीन सीमा पर घस्तोली में तैनात भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवानों से मिले और उनका हौसला बढ़ाया।
कल ITBP के जवानों से की थी मुलाकात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर उत्साहित जवानों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। भ्रमण के दौरान योगी ने कहा, ”उत्तराखंड मेरे लिए नया नहीं है। यह मेरी जन्मभूमि है। मैंने अपना बचपन उत्तराखंड में ही बिताया है और जब भी मुझे उत्तराखंड आने का अवसर मिलता है, तो मुझे अंतःकरण से आनंद की अनुभूति होती है।” उन्होंने भगवान बदरी विशाल के दर्शन को अपना सौभाग्य बताते हुए कहा कि इस पवित्र स्थान को अनेक संतों एवं योगियों ने अपनी साधना और तप से पवित्र किया है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार उत्तराखंड सरकार के साथ विकास और पर्यटन की सभी संभावनाओं पर मिलकर कार्य करेगी। इस दौरान उन्होंने बदरीनाथ धाम में निर्माणाधीन उत्तर प्रदेश पर्यटक आवास गृह का निरीक्षण किया तथा निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। योगी ने कहा कि आवास गृह के शेष निर्माण कार्यों को जल्द पूरा किया जाए, ताकि बदरीनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को जल्द इसका लाभ मिल सके।
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