In Pics: इस हफ्ते भारत में क्या रहा खास, तस्वीरों में देखिए
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Shivraj Chouhan
जेपी नड्डा से मिले बालकनाथ, प्रह्लाद पटेल ने की शिवराज से मुलाकात, CM पर जारी सस्पेंस
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस सवाल पर हलचल के बीच बीजेपी नेताओं मुलाकातों का दौर जारी है. हालांकि, बीजेपी ने शुक्रवार (8 दिसंबर) तीनों राज्यों में अपने विधायक दल के नेता चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी. तीनों राज्यों में विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. विधायक दल की बैठक रविवार को छत्तीसगढ़ में होगी, वहीं, सोमवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश में बैठक होगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को राजस्थान का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. मध्य प्रदेश के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पर्यवेक्षक बनाया गया है और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को छत्तीसगढ़ के लिए पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है.
राजनाथ सिंह के साथ पार्टी की उपाध्यक्ष सरोज पांडे और महासचिव विनोद तावड़े राजस्थान के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक की भूमिका निभाएंगे. मध्य प्रदेश विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर के साथ पार्टी के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा भी शामिल होंगी, जबकि केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और बीजेपी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम अर्जुन मुंडा के साथ छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे.
किसने किससे की मुलाकात?
तीनों राज्यों में बीजेपी के सीएम पद की दौड़ पर अटकलों के बीच शुक्रवार (8 दिसंबर) को तिजारा से नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक बाबा बालकनाथ और राजस्थान के ऑब्जर्वर सरोज पांडेय ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण भी जेपी नड्डा से मिले. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शुक्रवार को संसद भवन में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की.
उधर राजस्थान के लिए निकलने से पहले राजनाथ सिंह ने जेपी नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की. सीपी जोशी और प्रह्लाद जोशी भी नड्डा से मिलने पहुंचे थे. वहीं, गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अमित शाह के आवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंची थीं.
शिवराज से मिले प्रहलाद पटेल
मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर सीट चुनाव जीते केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. पटेल ने सीएम से मिलने का समय मांगा था. शिवराज चौहान दिन में गुना में थे. जैसे ही वह भोपाल लौटे तो दोनों नेताओं ने शिष्टाचार मुलाकात की. पटेल ने सीएम शिवराज को गुलदस्ता भेंट किया. इसी के साथ अटकलों जोर पकड़ने लगीं कि पटेल सीएम की रेस में सबसे आगे हैं.
दिल्ली नहीं आए शिवराज, मिशन 2024 के लिए हुए बिजी
बता दें कि अन्य नेताओं की तरह शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करने के लिए दिल्ली नहीं आए हैं. सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवराज लोकसभा चुनाव 2024 मिशन में व्यस्त हो गए हैं. चुनाव नतीजे आने के बाद वह दो दिन भोपाल में थे. इसके बाद वह मिशन 24 पर निकल पड़े. 6 दिसंबर को वह छिंदवाड़ा पहुंचे थे. 7 दिसंबर को सीएम श्योपुर में थे और 8 दिसंबर को गुना पहुंचे.
शिवराज चौहान ने मीडिया से कहा, ”मै यहां मोदी जी के लिए मध्य प्रदेश में लोकसभा की सभी 29 सीटें जिताने के लिए आया हूं. हम मोदी जी के गले में 29 सीटों की हारों की माला पहनाएंगे.”
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान बीजेपी में हलचल
बीजेपी के भीतर इस बात की चर्चा है कि केंद्रीय नेतृत्व इन राज्यों में नए चेहरों को आगे ला सकता है. नेतृत्व राजस्थान में दो बार की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के दावे को नजरअंदाज कर सकता है.
राजस्थान में वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ के अलावा, गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, दीया कुमारी, अर्जुन राम मेघवाल और ओम माथुर भी सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं. बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक राजनाथ सिंह की पसंद से विधायकों के बीच मुख्यमंत्री पद की पसंद को लेकर आम सहमति बनने में मदद मिलने की संभावना है. हालांकि, कई विधायकों को राजे का समर्थन करते देखा गया है.
मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत के साथ तीन राज्यों में अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल की है, वहां इस जीत के साथ ही मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दांव भी बढ़ गया है लेकिन एक राय यह भी है कि पार्टी नेतृत्व (2018 के विधानसभा चुनावों के बाद 15 महीनों को छोड़कर) सत्ता में उनके 18 साल के निर्बाध कार्यकाल के बाद नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहा है. प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा को सीएम पद की रेस में माना जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी छत्तीसगढ़ में किसी ओबीसी या आदिवासी नेता को कमान सौंपने पर विचार कर रही है. पिछड़ी जाति आने वाले प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी के अलावा लता उसेंडी, गोमती साय और रेणुका सिंह जैसे एसटी नेता शीर्ष पद के लिए स्वाभाविक दावेदार हैं. चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला मतदाताओं के बीजेपी के प्रति समर्थन को जाहिर करते रहे हैं और अक्सर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की जरूरत के बारे में बात करते रहे हैं, इसलिए पार्टी महिला मुख्यमंत्री को भी चुन सकती है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के तीन पर्यवेक्षकों में से दो आदिवासी समुदाय से हैं जबकि गौतम अनुसूचित जाति से आते हैं.
बता दें कि बीजेपी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में भारी अंतर से जीत हासिल की है और उनमें से प्रत्येक में कांग्रेस की चुनौती को दरकिनार किया है.
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राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में सीएम की पसंद कौन? एग्जिट पोल में इन पर लगी मुहर
ABP C Voter Exit Poll On CM Face: चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव की मतगणना रविवार (3 दिसंबर) को होगी. उससे पहले एबीपी न्यूज-सी वोटर की ओर से किए गए एग्जिट पोल में इन राज्यों में मुख्यमंत्री की पसंद को लेकर जनता ने अपनी राय साझा की है. सर्वे के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
राजस्थान में सीएम की पसंद कौन?
स्रोत- सी वोटर
अशोक गहलोत- 36%
सचिन पायलट- 18%
वसुंधरा राजे- 23%
गजेंद्र शेखावत- 5%
राजेंद्र राठौड़- 4
अन्य- 14%
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर ज्यादा एजेंसियों के एग्जिट पोल के आंकड़ों में बीजेपी को बढ़त मिलती दिखाई गई है लेकिन सीएम की पसंद को लेकर एबीपी न्यूज-सी वोटर एग्जिट पोल के आंकड़े दिलचस्प हैं. पोल के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में सीएम की पहली पसंद अब भी मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं.
पोल के नतीजों के मुताबिक, 36 फीसदी लोगों ने अशोक गहलोत सीएम की पसंद बताया, दूसरे नंबर पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को 23 फीसदी लोगों ने सीएम की पसंद बताया. इसके बाद 18 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के सचिन पायलट, पांच फीसदी लोगों ने बीजेपी के गजेंद्र शेखावत और चार फीसदी लोगों ने बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ को सीएम की पसंद बताया. वहीं, 14 फीसदी लोगों ने अन्य को सीएम की पसंद बताया है.
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सीएम की पहली पसंद
स्रोत- सी वोटर
शिवराज चौहान- 32%
कमलनाथ- 41%
ज्योतिरादित्य सिंधिया- 10%
अन्य- 17%
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी ज्यादातर एग्जिट पोल के आंकड़ों में बीजेपी को ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है लेकिन यहां सीएम के रूप में पहली पसंद कांग्रेस नेता कमलनाथ बने हुए हैं.
एबीपी न्यूज के लिए किए गए सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 41 फीसदी लोगों ने कमलनाथ को सीएम की पहली पसंद बतया. वहीं, मौजूदा मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान को 32 फीसदी लोगों ने सीएम की पसंद बताया. वहीं, बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को 10 फीसदी लोगों ने सीएम की पसंद बताया. इसके अलावा 17 फीसदी लोगों ने अन्य को सीएम की पसंद बताया.
छत्तीसगढ़ में सीएम की पसंद कौन?
स्रोत- सी वोटर
भूपेश बघेल- 40%
रमन सिंह- 29%
टीएस सिंहदेव- 8%
अन्य- 23%
सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 40 फीसदी लोगों ने मौजूदा मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश पटेल को सीएम की पहली पसंद बताया. वहीं, 29 फीसदी लोगों ने बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को सीएम की पसंद बताया. इसके अलावा, 8 फीसदी लोगों ने कांग्रेस नेता और मौजूदा उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव और 23 फीसदी लोगों ने अन्य को सीएम की पसंद बताया.
तेलंगाना में रेवंत रेड्डी सीएम
स्रोत- सी वोटर
केसीआर- 34%
बंडी संजय-14%
रेवंत रेड्डी- 35%
ओवैसी-1%
अन्य-16%
इस एग्जिट पोल के मुताबिक, तेलंगाना में सबसे ज्यादा 35 फीसदी लोगों ने कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी, 34 फीसदी लोगों ने मौजूदा मुख्यमंत्री और बीआरएस नेता के चंद्रशेखर राव (KCR), 14 फीसदी लोगों ने बीजेपी नेता बंडी संजय और एक फीसदी लोगों ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को सीएम की पसंद बताया. वहीं, 16 फीसदी लोगों ने अन्य को सीएम की पसंद बताया.
I.N.D.I.A. की पहली रैली रद्द? कांग्रेस नेताओं को ही जानकारी नहीं, जानें अब तक किसने क्या कहा
I.N.D.I.A Alliance Bhopal Rally Cancel: मध्य प्रदेश के भोपाल में होने वाली विपक्षी गठबंधन इंडिया की पहली रैली रद्द हो गई है. एमपी कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) ने शनिवार (16 सितंबर) को ये जानकारी दी. इस फैसले के बाद बीजेपी (BJP) नेताओं की ओर से विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया गया. आपको बताते हैं कि इस सियासी हलचल पर किसने क्या कहा.
पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को भोपाल में पीसी की. इस दौरान कमलनाथ ने रैली को लेकर कहा, “अक्टूबर में होने वाली विपक्षी गठबंधन इंडिया की प्रस्तावित रैली अब नहीं हो रही है. इसे रद्द कर दिया गया है.”
इंडिया की रैली रद्द होने पर क्या बोले कांग्रेस नेता?
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष और इंडिया गठबंधन के दूसरे पार्टनर के साथ चर्चा जारी है. रैली कब होगी, कहां होगी, अभी आखिरी फैसला नहीं हुआ है. फैसला लेने के बाद हम इसकी पुष्टि करेंगे.” वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने रैली को रद्द किए जाने पर कहा कि उन्हें रैली रद्द होने की कोई जानकारी नहीं है.
“जनता के गुस्से के कारण उठाया गया कदम”
विपक्षी गठबंधन इंडिया की पहली रैली रद्द होने पर बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि ये कदम द्रमुक नेताओं की ओर से सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी पर जनता के गुस्से के कारण उठाया गया है.
“हमारी आस्था पर चोट की गई”
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “इंडी गठबंधन के नेताओं ने सनातन का अपमान किया है इसलिए जनता में आक्रोश है. सनातन का अपमान एमपी की जनता सहन नहीं करेगी. ये लोग समझ लें कि हमारी आस्था पर चोट की गई है. ये हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा. अब जनता छोडे़गी नहीं.
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, “इनकी लीडरशिप में दम नहीं है. बीजेपी में जहां भी चुनाव होते हैं, सभी काम पर लग जाते हैं. कांग्रेस में लट्ठम लट्ठ मचा हुआ है. ये आपस में लड़ रहे हैं कि किसका फोटो लगे और किसका नहीं.”
इंडिया गठबंधन की पहली रैली नागपुर में?
सूत्रों के मुताबिक, इंडिया गठबंधन की पहली रैली अब भोपाल की बजाय नागपुर में हो सकती है. नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय भी है. भोपाल रैली क्यों रद्द हुई इसको लेकर तमाम कयास भी लगाए जा रहे हैं. सवाल है कि क्या डीएमके नेताओं की ओर से सनातन विरोधी बयानों से मध्य प्रदेश में संभावित नुकसान के डर से कमलनाथ ने भोपाल में इंडिया गठबंधन की पहली रैली रद्द करवा दी?
कई तरह के कयास शुरू
दूसरा सवाल ये है कि क्या विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के एमपी में चुनाव लड़ने से इंडिया गठबंधन की एकजुटता की तस्वीर पेश करने में दिक्कत आती इसलिए इंडिया गठबंधन के रणनीतिकारों ने प्लान बदल दिया? बहरहाल सूत्रों का दावा है कि चुनावी व्यस्तता के मद्देनजर इंडिया गठबंधन की रैलियां फिलहाल गैर-चुनावी राज्यों में होगी. इसलिए भोपाल की रैली रद्द हुई.
समन्वय समिति की पहली बैठक में हुआ था फैसला
गौरतलब है कि 13 सितंबर को दिल्ली में एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की पहली बैठक हुई थी. जिसमें घोषणा की गई थी कि गठबंधन की पहली रैली अक्टूबर की शुरुआत में मध्य प्रदेश के भोपाल में की जाएगी. मध्य प्रदेश एक चुनावी राज्य हैं. यहां इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं.
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