<p style="text-align: justify;">हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे. इनमें तीन राज्यों में यानी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की शानदार जीत भी हुई. इस बार के विधानसभा चुनाव की खास बात ये रही कि इन पांचो ही राज्यों में बीजेपी ने अपने 21 सांसदों को मैदान में उतार दिया था. इनमें से 12 उम्मीदवारों को जीत मिली और 9 को हार का सामना करना पड़ा.</p>
<p style="text-align: justify;">वर्तमान में बीजेपी के 10 सांसदों ने संसद सदस्यता छोड़ दी है. ऐसे में एक सवाल जो सबके मन में उठ रहा है वह यह है कि क्या सासंदी छोड़ विधायकी चुनने वाले नेताओं का डिमोशन हो रहा है या क्या उनकी सैलरी पहले से कम हो जाएगी. इस रिपोर्ट में जानते हैं कि आखिर एक विधायक और सांसद की तनख्वाह में कितना फर्क होता है और अगर ये नेता सांसद का पद छोड़कर विधायक बनने का फैसला लेते हैं तो इनकी सैलरी और सेवाएं पर कितना फर्क पड़ेगा?</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सांसद को क्या सुविधाएं मिलती है और उनकी सैलरी कितनी होती है</strong></p>
<p style="text-align: justify;">किसी भी सांसद को मिलने वाली सैलरी और सुविधाएं संसद सदस्य अधिनियम, 1954 के तहत दी जाती है. वहीं भत्ता और पेंशन (संशोधन) अधिनियम, 2010 के तहत सांसदों की तनख्वाह 1 लाख रुपए प्रति महीने दी जाती है. सांसदों को हर महीने मिलने वाली सैलरी के अलावा भी कई तरह के भत्ते और लाभ मिलते हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">जैसे उन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (Constituency Allowance) के तौर पर हर महीने 70 हजार रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा सांसदों को ऑफिस के खर्चे के लिए भी 60 हजार रूपये दिए जाते हैं और संसद सत्र के दौरान हर दिन सांसदों को दो हजार रुपये का भत्ता अलग से भी मिलता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सांसदों को मिलने वाली सुविधा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">- अगर कोई सांसद ट्रेन से यात्रा करता है, तो उन्हें एक्जीक्यूटिव क्लास यानी फर्स्ट क्लास कैटेगरी में एसी पास दिया जाता है. <br />- सासंद किसी भी एयरलाइंस से हवाई यात्रा करते हैं, तो उनका एक चौथाई हवाई किराया दिया जाता है. <br />- सड़क मार्ग यानी बाईरोड यात्रा करने पर सांसदों को 16 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं. <br />- इसके अलावा संसद सदस्य को अपने परिवार के साथ हर साल 34 सिंगल एयर ट्रैवल की सुविधा भी दी जाती है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अब विधायक की भी सैलरी जान लीजिए </strong></p>
<p style="text-align: justify;">विधायकों को भी कई सारी सुविधाएं मिलती है लेकिन ये सुविधाएं हर राज्य के हिसाब से अलग-अलग होती है. विधायक का वेतन राज्य सरकार ही निर्धारित करते हैं. उन्हें हर महीने एक निश्चित वेतन तो मिलता ही है. इसके अलावा अपने क्षेत्र में लोककल्याण कार्यों पर खर्च करने के लिए भी उन्हें अलग से विधायक फंड दिया जाता है. </p>
<p style="text-align: justify;">5 राज्य ऐसे हैं जिनके विधायकों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. उन राज्यों में तेलंगाना सबसे पहले स्थान पर है, जहां के विधायकों की सैलरी और अलाउंसेज मिलाकर हर उन्हें हर महीने 2.50 लाख रुपये दिया जाता है. हालांकि उनकी बेसिक सैलरी केवल बीस हजार रुपये ही है, लेकिन भत्‍ते के तौर पर उन्‍हें 2,30,000 रुपये मिलते हैं. </p>
<p style="text-align: justify;">इसके बाद नाम आता है मध्य प्रदेश का, यहां विधायकों की एक महीने की सैलरी लगभग 2.10 लाख है. हालांकि उनकी भी बेसिक सैलरी केवल 30 हजार ही है. ठीक इसी तरह राजस्थान के विधायकों की बेसिक सैलरी 40 हजार रुपये है लेकिन भत्तों को मिलकार यह सैलरी प्रतिमाह 1.25 लाख रुपये हो जाती है. </p>
<p style="text-align: justify;">छत्तीसगढ़ के एक विधायक को बेसिक सैलरी 20 हजार मिलती है. लेकिन उन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, टेलीफोन भत्ता, अर्दली भत्ता, दैनिक भत्ता और हेल्थ भत्ता भी मिलता हैं जिससे उनकी कुल सैलरी 1.10 लाख हो जाती है. त्रिपुरा के विधायकों को सबसे कम सैलरी मिलती है. यहां के विधायकों की सैलरी 34 हजार रुपये है. <br />अब समझिए की सांसदी छोड़ विधायकी चुनने वाले नेताओं को कितना फायदा?</p>
<p style="text-align: justify;">इस चुनाव में जितने भी नेताओं ने संसद की सदस्यता छोड़ विधायक बनने का फैसला लिया है. उन नेताओं को विधायक की सैलरी तो मिलेगी ही, लेकिन उस सैलरी के साथ-साथ उन्हें सांसद की पेंशन भी मिलेगी और जब ये नेता विधायक नहीं रहेंगे यानी अगर वह भविष्य में वह अपनी विधायकी छोड़ते हैं तो उस वक्त उन्हें सांसदी के साथ विधायकी की पेंशन भी मिलेगी. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>भूतपूर्व संसद सदस्‍यों को कितना पेंशन मिलता है </strong></p>
<p style="text-align: justify;">15 सितंबर, 2006 से कोई भी व्यक्ति, संसद की किसी भी सभा का कितने भी समय के लिए सदस्‍य रहा हो, वह आठ हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन पाने का हकदार है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति पांच साल से ज्यादा समय तक संसद का सदस्‍य रहा हो तो उन्हें इन पांच सालों की अवधि के प्रत्‍येक वर्ष के लिए आठ सौ रुपये प्रति माह ज्यादा पेंशन दी जाएगी. यानी जितने पांच साल ज्यादा उतने 800 रुपये जुड़ते जाते हैं. पेंशन के अलावा पूर्व सांसद को नि:शुल्‍क रेल यात्रा सुविधा, चिकित्‍सा सुविधाएं जैसी तमाम सुविधाएं भी दी जाती है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मध्य प्रदेश से विधायक बनने वाले सांसद के नाम </strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">नरेंद्र सिंह तोमर – दिमनी सीट से विधायक बने, पहले केंद्रीय कृषि मंत्री थे</li>
<li style="text-align: justify;">प्रह्लाद पटेल- नरसिंहपुर से विधानसभा चुनाव जीतें </li>
<li style="text-align: justify;">राकेश सिंह – जबलपुर पश्चिम सीट से विधायक बनें </li>
<li style="text-align: justify;">राव उदय प्रताप सिंग – गाडरवार विधानसभा सीट से चुनाव जीतें </li>
<li style="text-align: justify;">रीति पाठक- सीधी से सांसद थीं, वहीं से विधायक भी बनीं</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>छतीसगढ़ से विधायक बने ये सांसद </strong></p>
<ul>
<li>गोमती साय- पत्थलगांव से विधायक बनीं </li>
<li>रेणुका – भरतपुर सोनहत से विधायक बनीं </li>
<li>अरुण साव- लोरमी सीट से विधायक बनें </li>
</ul>
<p><strong>राजस्थान से विधायक बनें सांसद </strong></p>
<ul>
<li>बाबा बालकनाथ – तिजारा सीटकिरोड़ी लाल – सवाईमाधोपुर सीट </li>
<li style="text-align: justify;">दीय कुमारी – विद्याधर नगर</li>
<li style="text-align: justify;">राज्यवर्द्धन राठौड़ – झोटावाड़ा सीट </li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>पीएम को कितनी सैलरी मिलती है </strong></p>
<p style="text-align: justify;">ये तो हुई सांसदों की बात. एक सवाल ये भी उठता है कि देश के प्रधानमंत्री को एक महीने में कितनी सैलरी मिलती है. तो बता दें कि देश के प्रधानमंत्री का वेतन लगभग 20 लाख रुपये सालाना होता है. यानी प्रधानमंत्री को हर महीने लगभग 2 लाख रुपये दिए जाते हैं. प्रधानमंत्री को मिलने वाले इस वेतन में बेसिक सैलरी के अलावा डेली अलाउंस, सांसद भत्ता समेत अन्य कई भत्ते शामिल होते हैं.</p>
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Prahlad Patel
जेपी नड्डा से मिले बालकनाथ, प्रह्लाद पटेल ने की शिवराज से मुलाकात, CM पर जारी सस्पेंस
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस सवाल पर हलचल के बीच बीजेपी नेताओं मुलाकातों का दौर जारी है. हालांकि, बीजेपी ने शुक्रवार (8 दिसंबर) तीनों राज्यों में अपने विधायक दल के नेता चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी. तीनों राज्यों में विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. विधायक दल की बैठक रविवार को छत्तीसगढ़ में होगी, वहीं, सोमवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश में बैठक होगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को राजस्थान का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. मध्य प्रदेश के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पर्यवेक्षक बनाया गया है और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को छत्तीसगढ़ के लिए पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है.
राजनाथ सिंह के साथ पार्टी की उपाध्यक्ष सरोज पांडे और महासचिव विनोद तावड़े राजस्थान के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक की भूमिका निभाएंगे. मध्य प्रदेश विधायक दल की बैठक में मनोहर लाल खट्टर के साथ पार्टी के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा भी शामिल होंगी, जबकि केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और बीजेपी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम अर्जुन मुंडा के साथ छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे.
किसने किससे की मुलाकात?
तीनों राज्यों में बीजेपी के सीएम पद की दौड़ पर अटकलों के बीच शुक्रवार (8 दिसंबर) को तिजारा से नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक बाबा बालकनाथ और राजस्थान के ऑब्जर्वर सरोज पांडेय ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण भी जेपी नड्डा से मिले. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शुक्रवार को संसद भवन में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की.
उधर राजस्थान के लिए निकलने से पहले राजनाथ सिंह ने जेपी नड्डा के आवास पर उनसे मुलाकात की. सीपी जोशी और प्रह्लाद जोशी भी नड्डा से मिलने पहुंचे थे. वहीं, गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अमित शाह के आवास पर उनसे मुलाकात करने पहुंची थीं.
शिवराज से मिले प्रहलाद पटेल
मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर सीट चुनाव जीते केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. पटेल ने सीएम से मिलने का समय मांगा था. शिवराज चौहान दिन में गुना में थे. जैसे ही वह भोपाल लौटे तो दोनों नेताओं ने शिष्टाचार मुलाकात की. पटेल ने सीएम शिवराज को गुलदस्ता भेंट किया. इसी के साथ अटकलों जोर पकड़ने लगीं कि पटेल सीएम की रेस में सबसे आगे हैं.
दिल्ली नहीं आए शिवराज, मिशन 2024 के लिए हुए बिजी
बता दें कि अन्य नेताओं की तरह शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करने के लिए दिल्ली नहीं आए हैं. सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवराज लोकसभा चुनाव 2024 मिशन में व्यस्त हो गए हैं. चुनाव नतीजे आने के बाद वह दो दिन भोपाल में थे. इसके बाद वह मिशन 24 पर निकल पड़े. 6 दिसंबर को वह छिंदवाड़ा पहुंचे थे. 7 दिसंबर को सीएम श्योपुर में थे और 8 दिसंबर को गुना पहुंचे.
शिवराज चौहान ने मीडिया से कहा, ”मै यहां मोदी जी के लिए मध्य प्रदेश में लोकसभा की सभी 29 सीटें जिताने के लिए आया हूं. हम मोदी जी के गले में 29 सीटों की हारों की माला पहनाएंगे.”
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान बीजेपी में हलचल
बीजेपी के भीतर इस बात की चर्चा है कि केंद्रीय नेतृत्व इन राज्यों में नए चेहरों को आगे ला सकता है. नेतृत्व राजस्थान में दो बार की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के दावे को नजरअंदाज कर सकता है.
राजस्थान में वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ के अलावा, गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, दीया कुमारी, अर्जुन राम मेघवाल और ओम माथुर भी सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं. बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक राजनाथ सिंह की पसंद से विधायकों के बीच मुख्यमंत्री पद की पसंद को लेकर आम सहमति बनने में मदद मिलने की संभावना है. हालांकि, कई विधायकों को राजे का समर्थन करते देखा गया है.
मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत के साथ तीन राज्यों में अपनी सबसे बड़ी जीत हासिल की है, वहां इस जीत के साथ ही मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दांव भी बढ़ गया है लेकिन एक राय यह भी है कि पार्टी नेतृत्व (2018 के विधानसभा चुनावों के बाद 15 महीनों को छोड़कर) सत्ता में उनके 18 साल के निर्बाध कार्यकाल के बाद नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहा है. प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा को सीएम पद की रेस में माना जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी छत्तीसगढ़ में किसी ओबीसी या आदिवासी नेता को कमान सौंपने पर विचार कर रही है. पिछड़ी जाति आने वाले प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी के अलावा लता उसेंडी, गोमती साय और रेणुका सिंह जैसे एसटी नेता शीर्ष पद के लिए स्वाभाविक दावेदार हैं. चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला मतदाताओं के बीजेपी के प्रति समर्थन को जाहिर करते रहे हैं और अक्सर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की जरूरत के बारे में बात करते रहे हैं, इसलिए पार्टी महिला मुख्यमंत्री को भी चुन सकती है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के तीन पर्यवेक्षकों में से दो आदिवासी समुदाय से हैं जबकि गौतम अनुसूचित जाति से आते हैं.
बता दें कि बीजेपी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में भारी अंतर से जीत हासिल की है और उनमें से प्रत्येक में कांग्रेस की चुनौती को दरकिनार किया है.
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केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की गाड़ी का हुआ एक्सीडेंट, टक्कर में एक की मौत
मध्यप्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के वाहन का एक्सीडेंट हो गया है। ये हादसा एक बाइक सवार को बचाने के दौरान हुआ है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से रोड शो के बाद वापस लौट रहे थे। इसी बीच अमरवाड़ा से सींगोडी बाईपास पर खाकरा चौरई की समीप यह घटना हो गई है। इस घटना में प्रहलाद पटेल सुरक्षित बताए जा रहे हैं। वहीं, उनके साथ का एक शख्स घायल है।
कई लोगों के घायल होने की खबर
मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस घटना में प्रहलाद पटेल सुरक्षित हैं। वहीं, उनके साथ का एक व्यक्ति आंशिक रूप से घायल है। ये घटना अमरवाड़ा से सींगोडी बाईपास पर खाकरा चौरई की समीप हुई है। जानकारी के मुताबिक, मंत्री का काफिला जब गुजर रहा था तभी गलत दिशा से आ रहे बाइक सवार को बचाने के चक्कर में केंद्रीय मंत्री की गाड़ी हादसे का शिकार हो गई। जानकारी मिल रही है कि घायल हुए व्यक्ति केंद्रीय मंत्री के मीडिया सलाहकार नितिन त्रिपाठी हैं।
बाइक सवार की हुई मौत
वहीं, बाइक सवार भी इस हादसे में घायल हैं। घटना में बाइक सवार शिक्षक निरंजन सूर्यवंशी निवासी मोहगांव की मौत हो गई है, वहीं, 3 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं। जानकारी के मुताबिक, बाइक पर एक चालक सहित तीन बच्चे सवार थे। सभी स्कूल छूटने के बाद घर जा रहे थे।
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