यूक्रेन में सेना भर्ती को लेकर बड़े बदलाव का कानून संसद में पास हो गया है। हालांकि अभी इसे लागू नहीं किया गया है। इसको लेकर पहले से ही सैनिकों में रोष व्याप्त होने लगा है।
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Russia-Ukraine War
Russia: राष्ट्रपति चुनाव में जीतते ही पुतिन ने दी तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी, अमेरिकी लोकतंत्र का उड़ाया मजाक
व्लादिमीर पुतिन
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
व्लादिमीर पुतिन ने रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है, जिसके बाद पुतिन का पांचवी बार रूस का राष्ट्रपति बनना तय हो गया है। सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी और शायद ही कोई ऐसी परिस्थिति देखना चाहता है।
पुतिन का दावा- अभी भी नाटो के सैनिक यूक्रेन में मौजूद
साल 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस और पश्चिमी देशों के संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने बीते महीने ही भविष्य में यूक्रेन में अपने सैनिकों को उतारने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया। इस बारे में जब पुतिन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘आज के आधुनिक दौर में कुछ भी संभव है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो तीसरा विश्वयुद्ध ज्यादा दूर नहीं है।’ पुतिन ने ये भी कहा कि ‘वैसे नाटो के सैनिक अभी भी यूक्रेन में मौजूद हैं। रूस को पता चला है कि युद्ध के मैदान में इंग्लिश और फ्रेंच भाषा बोलने वाले जवान भी मौजूद हैं। ये अच्छी बात नहीं है, खासकर उनके लिए क्योंकि वे बड़ी संख्या में यहां मर रहे हैं।’
यूक्रेन युद्ध पर बातचीत के लिए तैयार रूस
पुतिन ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था। पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर कहा कि फ्रांस बातचीत में अहम भूमिका निभा सकता है क्योंकि अभी भी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। पुतिन ने कहा कि ‘मैंने पहले भी कहा है, और मैं अब भी कहता हूं कि हम बातचीत के लिए तैयार है और ये बातचीत सिर्फ इसलिए नहीं होगी क्योंकि दुश्मनों के पास गोला-बारूद खत्म हो चुका है। अगर वे सचमुच गंभीर हैं और शांति चाहते हैं तो उन्हें पड़ोसी देशों की तरह अच्छे संबंध बनाकर चलना होगा।’
अमेरिकी लोकतंत्र का उड़ाया मजाक
पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस के चुनाव की आलोचना करने पर खुद अमेरिका के लोकतंत्र का मजाक उड़ाया और कहा कि ‘पूरी दुनिया उन (अमेरिका) पर हंस रही है, वहां क्या हो रहा है।’ पुतिन ने ट्रंप के खिलाफ पूरी स्टेट मशीनरी को लगाए जाने का भी आरोप लगाया। पुतिन के विरोधी माने जाने वाले एलेक्सी नवलनी की मौत पर पुतिन ने पहली बार उनके नाम का जिक्र किया और कहा कि अब वह मर चुके हैं और उनकी मौत पर दुख जताया। नवलनी की बीते दिनों ही रूस की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। नवलनी को पुतिन का विरोधी माना जाता था। नवलनी की मौत के आरोप पुतिन पर ही लगे थे।
लाखों की सैलरी और ऐश ही ऐश, भारतीयों को फंसाकर रूस भेजते थे एजेंट; CBI ने खोली पोल
लाखों की सैलरी और शानदार लाइफ स्टाइल का झांसा देकर भारतीयों को यूक्रेन युद्ध में एक सैनिक के रूप में भी भेजा गया था। अब इस मामले की सीबीआई जांच कर रही है।
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भारत निभा सकता है जंग रोकने में अहम भूमिका, रूसी हमलों पर यूक्रेन का बड़ा बयान – India TV Hindi
Ukraine on India: रूस और यूक्रेन में जंग को दो साल पूरे हो रहे हैं। जंग में हत्याएं भी कम नहीं हुई है। जहां रूस ने यूक्रेन के कई शहरों को नेस्तनाबूत किया है, वहीं यूक्रेन ने भी रूस पर पलटवार कर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। इस जंग का निकट भविष्य में कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा है। हालांकि इसी बीच यूक्रेन ने इस जंग को रोकने में भारत की भूमिका पर बड़ा बयान दिया है।
रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच यूक्रेन की उप विदेश मंत्री इरीना बोरोवेट्स ने भारत को ग्लोबल साउथ की आवाज बताया। साथ ही कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। दरअसल, भारत ने हमेशा ही रूस-यूक्रेन युद्ध में हो रही आम लोगों की हत्याओं की निंदा की है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह बात यूक्रेन की ओर से आई है। उसने जंग रोकने में भारत की भूमिका को अहम बताया।
24 फरवरी को पूरे हो जाएंगे जंग के दो साल
रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 फरवरी को दो साल पूरे हो जाएंगे। फिर भी यह जंग थमने का नाम नहीं ले रही। दोनों देशों में से कोई भी हथियार नीचे डालने को तैयार नहीं है। कई देशों की मध्यस्थता के बाद भी युद्ध रुकता नहीं दिख रहा। यूक्रेन को पश्चिमी देशों की मदद मिलने के बाद वह भी रूस पर हमलावर हो गया है। पश्चिमी देशों की मदद के कारण यह जंग लंबी खिंचती दिखाई दे रही है। क्योंकि रूस हथियार नहीं डालना चाहता है और वह अकेला लड़ने में सक्षम है। वहीं यूक्रेन को भी आर्थिक और सैन्य मदद लगातार मिल रही है।
ग्लोबल साउथ देशों की शक्तिशाली आवाज
इरीना बोरोवेट्स ने बताया कि यूक्रेन ने मार्च में स्विट्जरलैंड में होने वाले वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन के लिए भारत को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा, ‘भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। सबसे पहले, भारत एक वैश्विक नेता है, यह निश्चित रूप से ग्लोबल साउथ देशों की शक्तिशाली आवाज है। भारत मेरे देश की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। तो उस अर्थ में, हमारे पास पूर्ण समर्थन है।’ उन्होंने कहा कि भारत शांतिपूर्ण समाधान खोजने की दिशा में अधिक कार्रवाई कर सकता है। भारत को शांति खोज समाधान का हिस्सा बनना होगा।
‘भारत ने यूक्रेन को नहीं भेजे कोई तोप के गोले’ विदेश मंत्रालय ने अफवाहों को किया खारिज
Russia Ukraine War: भारत ने गुरुवार को उन खबरों को खारिज कर किया, जिनमें यूक्रेन में भारत निर्मित तोप के गोले मिलने का दावा किया गया था. भारत की तरफ से कहा गया कि उसने यूरोपीय देश को कोई गोला-बारूद नहीं भेजा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने यूक्रेन को न तो तोप के गोले भेजे हैं और न ही उनका निर्यात किया है.
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा, “हमने इस संबंध में मीडिया में आई कुछ खबरें देखी हैं. हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि हमने यूक्रेन को तोप के गोले नहीं भेजे हैं.” यूक्रेन में भारत निर्मित तोप के गोले देखे जाने की खबरों को लेकर पूछे एक सवाल के जवाब में रणधीर जयसवाल ने यह टिप्पणी की थी. भारत कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के जरिए हल किया जाना चाहिए.
यूक्रेन के विदेश मंत्री से एस जयशंकर ने की बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष, कीव के शांति फॉर्मूले और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से फोन पर बातचीत की थी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से बातचीत हुई.
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंध हमें संयुक्त रूप से आगे बढ़ने में मदद करेंगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने युद्ध को समाप्त करने के लिए 10 सूत्रीय शांति योजना सामने रखी, जिसमें युद्ध के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देना, यूक्रेन से सभी रूसी सैनिकों को वापस लेना और अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करना शामिल था.
इस शांति योजना के तहत उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और परमाणु सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया.