फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाई रामनगरी, एक क्लिक में देखिए मंदिर से लेकर पूरी अयोध्या की ताजा तस्वीरें
Source link
Ramlala Pran Pratishtha
Ram Mandir Pran Pratishtha: 114 कलश के औषधीय जल से हुआ श्री राम का स्नान, प्राण प्रतिष्ठा कल
अयोध्या: श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान छठवें दिन रविवार को सुबह नौ बजे शुरू हुआ. 114 कलशों में औषधियुक्त एवं देश के विभिन्न तीर्थों से लाये गये पवित्र जल से श्रीरामलला की मूर्ति का स्नान कराया गया. प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में नित्य के पूजन, हवन और पारायण के साथ अनुष्ठान प्रक्रिया शुरू हुई. श्री रामलला के विग्रह को मध्याधिवास में रखा गया. रविवार को ही रात्रि जागरण अधिवास भी हुआ. यज्ञशाला में श्रीरामलला के पुराने विग्रह की भी पूजा चल रही है. चेन्नई, पुणे सहित कई स्थलों से मंगाये गये विविध फूलों से पूजन.
रविवार की पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह एवं अन्य लोग शामिल थे. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की प्रक्रिया 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से शुरू हुई थी. 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था. सोमवार 22 जनवरी दोपहर अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान सम्पन्न होगा. प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
स्पीड पोस्ट से मिला उद्धव ठाकरे को प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, संजय राउत बोले- ‘भगवान राम देंगे
Uddhav Thackeray Invitation: अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह से 2 दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता मिला है. उन्हें स्पीड पोस्ट के माध्यम से निमंत्रण पत्र मिला है. इससे पहले उद्धव को समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया, जिसके चलते शिवसेना (उद्धव गुट) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आलोचना की थी.
हालांकि, अब डाक के जरिए निमंत्रण भेजे जाने पर भी पार्टी ने नाराजगी जताई है. इस संबंध में संजय राउत ने कहा कि भगवान राम उन्हें इसके लिए श्राप देंगे. उन्होंने ने कहा, “आप मशहूर हस्तियों और फिल्मी सितारों को विशेष निमंत्रण दे रहे हैं, जबकि उनका राम जन्मभूमि से कोई लेना-देना नहीं है.”
‘भगवान राम नहीं करेंगे माफ’
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक राउत ने कहा, “आप (बीजेपी) ठाकरे परिवार के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. ठाकरे परिवार ने राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. भगवान राम आपको माफ नहीं करेंगे और इसके लिए वह आपको श्राप देंगे. आप भगवान राम से प्रार्थना कर रहे हैं और रावण की तरह सरकार चला रहे हैं.”
मंदिर जाने के लिए निमंत्रण की जरूरत नहीं- उद्धव ठाकरे
इससे पहले निमंत्रण न मिलने पर उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उन्हें राम मंदिर जाने के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है और वह पहले भी कई बार वहां जा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने मांग उठाई कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह पीएम मोदी के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए. राम मंदिर उनके पिता बालासाहेब ठाकरे का सपना था.
‘मैं अंधभक्त नहीं’
उन्होंने मंदिर के निर्माण पर खुशी जताई. हालांकि, उन्होंने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि भगवा पार्टी ने इस आयोजन पर कब्जा कर लिया है. ठाकरे ने कहा था, “मैं राम भक्त हूं, देश भक्त हूं, अंध भक्त नहीं. राम मंदिर का निर्माण मेरे पिता का सपना था.” उद्धव ने 22 जनवरी को अपनी पार्टी की योजना की घोषणा करते हुए कहा कि वह नासिक के कालाराम मंदिर में उसी समय पूजा करेंगे जब पीएम मोदी राम मंदिर का उद्घाटन कर रहे होंगे.
आदिवासी-वनवासी समाज के 15 प्रतिनिधि होंगे शामिल
इस बीच प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए काशी के डोमराजा समेत अलग-अलग राज्यों से आदिवासी और वनवासी समाज के 15 लोगों को भी बुलाया गया है. इन सभी लोगों के नामों के चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा गया कि समाज के निचले पायदान से भी प्रभु श्री राम के समारोह में भागीदारी हो.
यह भी पढ़ें- बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोहम्मद हसन महमूद से मिले एस जयशंकर, कहा- ‘मजबूत हो रहे हैं हमारे रिश्ते’
अभेद्य किले में तब्दील हुई अयोध्या! शहर में घुसते वक्त स्थानीय लोगों को भी दिखाना होगा आईडी
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है. राम मंदिर कार्यक्रम से पहले अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करते हुए रामनगरी को एक अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है. राम मंदिर उद्घाटन के दिन अयोध्या में रहने वाले लोगों को भी शहर में एंट्री लेते वक्त अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. इतना ही नहीं मंदिर की सुरक्षा के लिए तीन स्तर का सुरक्षा बल तैनात किया गया है.
स्थानीय लोगों को दिया गया है पहचान पत्र
22 जनवरी को अयोध्या में हजारों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें कई वीआईपी गेस्ट भी मौजूद होंगे. सुरक्षा में किसी भी तरह की खामी न हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस सहित केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट हैं. इसके साथ ही स्थानीय लोगों को पहचान पत्र भी दिया गया है.
अयोध्या का बॉर्डर शनिवार (20 जनवरी) से सील कर दिया गया है और बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. यातायात को देखते हुए शुक्रवार (19 जनवरी) की रात से ही ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया है. अमेठी, सुल्तानपुर, गोंडा, लखनऊ, बस्ती से आयोध्या की ओर आने गाड़ियों को अलग-अलग रास्तों से उनके गंतव्य स्थान पर भेजे जाने की तैयारी है.
सीसीटीवी और AI से रखी जाएगी निगरानी
मंदिर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पीएसी को लगाया गया है. यूपी पुलिस ने शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है. इसके अलवा शहर में एआई (AI), सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को मुख्य यजमान के रूप में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे और राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. पीएम की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी के 1400 जवानों को मंदिर के ठीक बाहर रेड जोन में तैनात किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: अमित शाह बोले- पीएम मोदी के नेतृत्व में अगले तीन साल में नक्सलवाद की समस्या से मुक्त हो जाएगा देश
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर क्या कुछ बोले शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज?
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों-शोरों पर हैं. देशभर में राम मंदिर को लेकर उत्साह का माहौल है. इस बीच शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि यह समय 400-500 साल बाद आया है. इसके लिए बड़ी लड़ाई लड़ी गई है.
उन्होंने शुक्रवार (19 जनवरी) को न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ”परमात्मा श्रीराम की रामजन्मभूमि के ऊपर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. हम सभी लोग वहां परमात्मा श्रीराम के विग्रह का दर्शन करेंगे. यह बहुत सालों का प्रयास है. 400 से 500 साल बाद यह अवसर आया है.” इसके लिए बड़ी-बड़ी लड़ाईयां लड़ी गई, युद्ध हुए.”
‘अदालत में लड़ी लड़ाई’
सदानंद सरस्वती ने कहा, “अधर्मियों ने हमारे धर्म स्थलों को भ्रष्ट करके अपवित्र कर दिया, उसका विध्वंश भी हुआ. इसके लिए साधु संतों, निर्मोही अखाड़ा, ट्रस्टों और अन्य लोगों ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी.”
गर्भगृह में पहुंची रामलला की भव्य मूर्ति
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रामलला की भव्य मूर्ति को गर्भगृह में पहुंचा दिया गया है. रामलला की इस मूर्ति में विष्णु के दशावतार बनाए गए हैं. बता दें रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की जाएगी. वह ही समारोह में मुख्य यजमान होंगे.
इस समारोह के से पहले पीएम मोदी 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान भी कर रहे हैं. इसके तहत वह फर्श पर कंबल ओढ़कर सो रहे हैं और केवल नारियल पानी पी रहे हैं. इसके अलावा पीएम गौ-पूजा करते हैं और हर रोज गायों को चारा भी खिलाते हैं.
समारोह में शामिल होंगे 7 हजार से अधिक लोग
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक समारोह में 7,000 से ज्यादा लोग शामिल होंगे. इनमें राजनेता, फिल्म, खेल, उद्योग जगत और संत शामिल हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अयोध्या के राम मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर से भगवान राम को समर्पित टिकटों वाली एक पुस्तक भी जारी की थी.
यह भी पढ़ें- मणिशंकर अय्यर का दावा, ‘बाबरी मस्जिद का ताला खोलने के लिए राजीव गांधी जिम्मेदार नहीं, बल्कि…’