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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर की रामलला की मूर्ति को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। वे छठी पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। उन्होंने तमाम इंटरव्यूज में रामलला की मूर्ति बनाने के दौरान के किस्से साझा किए हैं। अब उन्होंने बताया कि जब वे मूर्ति बना रहे थे, तब वे रामलला के चेहरे को लेकर पूरी तरह से ब्लैंक थे। योगीराज ने कहा, ”शुरुआती दो महीने के दौरान तक मैं रामलला के चेहरे को लेकर पूरी तरह से ब्लैंक था। दिवाली का त्योहार मैंने अयोध्या में मनाया था। उसी दिन त्योहार मनाते हुए मुझे कुछ भारतीय बच्चों की खूबसूरत तस्वीरें दिखाई दीं, जिसे देखकर मुझे भगवान रामलला के चेहरे को बनाने की प्रेरणा मिली। जैसे ही मुझे यह आइडिया मिला, मैंने चेहरा बनाने का काम शुरू कर दिया।”
विओन न्यूज चैनल से बात करते हुए अरुण योगीराज ने बताया कि वह कुछ समय के लिए निराश भी हो गए थे। उन्होंने कहा, ”शुरुआत में मुझे चयन प्रक्रिया से बाहर रख दिया गया था। आखिरी दिन आईजीएनसीए के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने मुझे बुलाया। दो महीने से चयन प्रक्रिया चालू थी, लेकिन मुझे आमंत्रित नहीं किया गया था और इसकी वजह से बहुत निराश था। कई कारीगरों ने चयन प्रक्रिया के महीनों में दो बार मंदिर शहर का दौरा किया था और मैं बस यह खबर सुन रहा था और कॉल आने का इंतजार कर रहा था। आखिरी दिन, मुझे डॉ. जोशी का फोन आया और मैं उस रात नई दिल्ली गया और उन तीनों में से मेरा चयन हो गया।”
इंटरव्यू में अरुण योगीराज ने बताया कि सेलेक्ट होने के बाद मैंने एक मूर्ति बनाई, जिसे तीन महीने बाद पत्थर के साथ दिक्कत बताते हुए खारिज कर दिया गया। मैंने उसमें 60-70 फीसदी काम पूरा कर लिया था। इससे मैं बहुत उदास महसूस करने लगा था, क्योंकि मैंने उस पत्थर पर पूरी लगन के साथ काम किया था और फिर वह अचानक से बेकार हो गया। हालांकि, राम मंदिर से जुड़े लोग मेरा मनोबल बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मूर्ति बनाने के दौरान वह घायल भी हो गए थे। पत्थर का एक छोटा सा हिस्सा मेरी आंखों में घुस गया था, जिससे मेरी आंख को चोट लग गई। हालांकि, बाद में अयोध्या के एक अस्पताल में उसे निकाला गया, जिससे आंख ठीक हो सकी।