Photo: सीएम एकनाथ शिंदे समेत किन 16 विधायकों की बरकरार रही सदस्यता, पढ़ें पूरी लिस्ट
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Shiv Sena: शिवसेना में टूट, फिर चुनाव आयोग और अदालत में क्या हुआ? जानें अब स्पीकर के फैसले का क्या असर होगा
शिवसेना अयोग्यता मामला
– फोटो : Amar Ujala
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आज महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बड़ा दिन है। यहां बुधवार को शिवसेना के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होगा। अयोग्यता का फैसला महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर सुनाएंगे, जिसका आदेश उच्चतम न्यायालय ने दिया था। फैसले से पहले ही राज्य की राजनीति में बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है। उद्धव गुट वाली शिवसेना ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ विधानसभा अध्यक्ष की मुलाकात को लेकर निशाना साधा है। आरोपों का पलटवार करते हुए नार्वेकर ने कहा कि निर्णय कानून के अनुसार होगा।
अयोग्यता का निर्णय न केवल एकनाथ शिंदे सरकार का भविष्य तय करेगा, बल्कि इसका असर आगे लोकसभा चुनाव में भी पड़ सकता है। जून 2022 में उद्धव गुट से अलग होने के बाद शिंदे और उनके गुट के लिए बड़ी परीक्षा होगी।
आइए जानते हैं कि शिवसेना विधायकों की अयोग्यता का मामला क्या है? शिवसेना में बगावत के बाद क्या-क्या हुआ? मामला अदालत में कैसे पहुंचा और वहां क्या फैसला आया? मामले में अभी क्या हो रहा है? फैसला का असर क्या होगा?
‘जल्द देंगे सरप्राइज’, शिवसेना विधायकों के अयोग्यता मामले पर शिंदे गुट के वकील और क्या बोले?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों के आयोग्यता मामले को लेकर बुधवार (22 नवंबर) को लगातार दूसरे दिन भी सुनवाई जारी रही. विधान भवन में सुबह 11:30 बजे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुनवाई की शुरुआत की.
मंगलवार की तरह ही बुधवार के दिन भी शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक और मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से कई सारे सवाल पूछे, जिसका सुनील प्रभु ने उत्तर दिया. ज्यादातर समय इनके बीच बहस में ही निकल गया. इस दौरान उद्धव ठाकरे के वकील देवदत्त कामत भी मौजूद रहे.
एकनाथ शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने उद्धव गुट के विधायक और मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से विटनेस बॉक्स में करीबन 6 घंटे तक क्रॉस एग्जामिनेशन किया. इस दौरान सुनील प्रभु से पिछले साल जून महीने में हुए विधान परिषद चुनाव के समय व्हिप जारी करने को लेकर कई सवाल पूछे गए.
उद्धव ठाकरे गुट के विधायक और मुख्य सचेतक से महेश जेठमलानी की तरफ से पूछे गए सवाल
- विधान परिषद की मतगणना की तारीख क्या थी?
- आपने किस समय व्हिप तैयार किया था?
- आपने विधायकों को व्हिप कैसे दिया?
- उस दिन आपने किन-किन विधायकों को व्हिप जारी किया था?
- 20 जून 2022 को जिन विधायकों को आपने व्यक्तिगत रूप से व्हिप दिया था, क्या आपने उन विधायकों के पास से लिखित रूप में यह लिखवाकर लिया था कि व्हिप उन विधायकों को मिल गया है?
- आपको व्हिप जारी करने के लिए किसने कहा था?
- क्या आप इस बात को मानते हैं कि आपने व्हिप एक्नॉलेज किया?
सुनील प्रभु ने सभी सवालों का दिया जवाब
महेश जेठमलानी की तरफ से पूछे गए सवालों की लिस्ट लंबी थी. सुनील प्रभु ने एक-एक कर महेश जेठमलानी के सभी सवालों का जवाब दिया. इस बीच सुनील प्रभु शिंदे गुट के वकील और उद्धव ठाकरे गुट के वकील के बीच हल्की नोक झोंक भी देखने को मिली.
विधानसभा स्पीकर ने बीच-बचाव करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार मुझे इस मामले में अपनी सुनवाई 31 दिसंबर तक पूरी करनी है. कृपया आप सभी सुनवाई पूरी करने में सहयोग करें. बेवजह की बातों को लेकर समय न बर्बाद करें.”
16 दिनों में पूरी करनी है सुनवाई- विधानसभा स्पीकर
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, ”अगर सार्वजनिक छुट्टी और अधिवेशन को छोड़ दिया जाए तो मेरे पास इस पूरे मामले की सुनवाई करने के लिए महज 16 दिन का समय बचा है. मुझे इन 16 दिनों में अपनी सुनवाई पूरी करनी है.”
सुनवाई खत्म होने के बाद महेश जेठमलानी ने कहा, “उद्धव ठाकरे गुट के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की ओर से कतिथ तौर पर जारी किया गया व्हिप फर्जी है. 21 जून को कोई व्हिप जारी नहीं किया गया था.” आने वाले दिनों में अन्य विटनेस को बुलाए जाने के सवाल पर महेश जेठमलानी ने कहा कि आने वाले दिनों में हम आपको सरप्राइस देंगे.
28 नवंबर से 3 दिसंबर तक होगी सुनवाई
शिवसेना विधायकों के अयोग्यता वाले मामले को लेकर 22 नवंबर से 24 नवंबर और तीन दिनों के अवकाश के बाद 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अयोग्यता मामले की सुनवाई 31 दिसंबर तक पूरी करनी है.
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शिवसेना विधायकों की अयोग्यता का मामला: ‘न देरी करेंगे और न ही जल्दबाजी’, विधानसभा स्पीकर नार्वेकर का बयान
राहुल नार्वेकर
– फोटो : सोशल मीडिया
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गुरुवार को शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले के फैसले में देरी नहीं करेंगे और न ही इस मामले में जल्दबाजी करेंगे।
इसी के साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा, वह जो भी निर्णय लेंगे वह संवैधानिक होगा। उन्होंने कहा, मैं केवल यह कह सकता हूं कि मैं इसमें देरी नहीं करूंगा और न ही जल्दबाजी करूंगा।
क्या था मामला
पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ शिवसेना से अलग हो गए थे। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से वह मुख्यमंत्री बने। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने दलबदल विरोधी कानूनों के तहत शिंदे सहित बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को स्पीकर को उचित समय के भीतर अयोग्यता मामले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।