मनोज जरांगे
मुंबई: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) कार्यकर्ता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने बुधवार को कहा कि जालना जिले में सितंबर में समुदाय के शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को जब तक सेवा से बर्खास्त नहीं किया जाता, तब तक मराठा चुप नहीं बैठेंगे। नासिक जिले के इगतपुरी में मराठा समुदाय की एक रैली को संबोधित करते हुए जरांगे ने मांग की कि उन लोगों के नामों का खुलासा किया जाए, जिन्होंने लाठीचार्ज का आदेश दिया था।
जरांगे ने एक सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए दावा किया, ‘‘हम जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में (मराठा आरक्षण के लिए) शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हम पर हमला किया और लाठियों से पीटा। बाद में, हमारे (मराठा प्रदर्शनकारियों) खिलाफ साजिश रचने और हत्या के प्रयास सहित अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया।”
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उन्होंने कहा, ‘‘जब तक लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त नहीं किया जाता, हमारे गांव या पूरे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को शांति नहीं मिलेगी।”
पुलिस ने एक सितंबर को अंतरवाली सरती गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। यह कार्रवाई तब की गई थी, जब प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को जरांगे को अस्पताल में स्थानांतरित करने से कथित तौर पर रोकने का प्रयास किया था। जरांगे मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे थे।