तंबाकू कारोबारी के कानपुर, दिल्ली समेत कई ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। बड़ी चोरी और लेनदेन में गड़बड़ी समेत कई खामियों की शिकायत मिलने पर शुरू हुई छापेमारी देर रात तक जारी रही।
Source link
Kanpur news
मॉडल पूनम पांडे की कैंसर अस्पतालों से श्मशान घाटों तक तलाश, मौत की सूचना बनी रहस्य
मॉडल पूनम पांडे की मौत की सूचना शुक्रवार को लोगों के लिए सनसनी और रहस्य का कारण बन गई।कानपुर में कैंसर अस्पतालों से श्मशान घाटों तक पूनम पांडे की तलाश होती रही लेकिन सफलता नहीं मिली।
Source link
Poonch Attack: बच्चों को सेना में अफसर बनाने की हसरत के साथ शहीद हो गए लांस नायक करण, फरवरी में आना था गांव
Kanpur News: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकी हमले के शहीदों में यूपी का लाल भी शामिल है. शहीदों के पार्थिव शरीर उनके परिवार के पास रवाना कर दिए गए हैं, इनमें कानपुर के करण सिंह का नाम भी शामिल है. उनके अंतिम संस्कार पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ने की संभावना है. शहादत के बाद से ही पूरे इलाके में शोक का माहौल है. चौबेपुर के भाऊपुर गांव निवासी कानपुर के प्राणों की आहूति देने की खबर मिलते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. पहले तो लोगों को इस पर यकीन करना मुश्किल हो गया. गांव के लोग करण सिंह को याद कर बेहद भावुक हो रहे हैं. चौबेपुर भाऊपुर गांव निवासी बाबू लाल के 30 वर्षीय करन सिंह यादव जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में 48 आरआर बटालियन में लायंस नायक के पद पर तैनात थे. सीमा की सुरक्षा करते समय आतंकियों के हमले में सेना के जिन जवानों का बलिदान हुआ है, उसमें कानपुर के करन सिंह यादव भी शामिल हैं.
बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहते थे करण
कानपुर के लाल की शहादत पर पिता बाबूलाल बताते हैं कि पुत्र करण सिंह का शुरुआत से ही सेना में जाने का मन था. वह देश की सेवा करने की बात करता था और उसका यही एकमात्र सपना था कि सेना में शामिल हो. इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की और वर्ष 2013 में सेना में नौकरी हासिल करने में सफल रहा. परिवार को उस पर गर्व है. करण की शादी छह वर्ष पहले पहले अंजू से हुई थी. उसकी पांच वर्षीय बेटी आर्या और डेढ़ वर्षीय बेटा आयुष है. बहू कानपुर के लाल बग्ला में रहकर बेटी को सैनिक स्कूल में पढ़ा रही है. बेटे को याद करते हुए पिता बाबूलाल बताते हैं कि अगस्त में रक्षाबंधन के पर्व पर वह घर आया था. तब करण ने फरवरी में घर आने की बात कही थी. सभी उसके आने का इंतजार कर रहे थे. बेटा तो नहीं आया, उसकी शहादत की खबर जरूर आ गई. पूरे परिवार और शहर को उसके बलिदान पर गर्व है. वह हमारा होनहार बेटा था.
घर पर उमड़ रही लोगों की भीड़
करण की शहादत के बाद से ही पिता बाबूलाल को सांत्वना देने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. सेना और प्रशासन से जुड़े अधिकारियों से लेकर सियासी दलों के लोगों का उनका घर पर पहुंचने का सिलसिला जारी है. रिश्तेदार भी करण की शहादत को याद कर भावुक हो रहे हैं. करण के छोटे भाई अरुण यादव ने बताया कि भाई अक्सर देश की सेवा के लिए उसे भी प्रेरित करते थे. इसी प्रेरणा से वह सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है. परिवार सहित पूरे क्षेत्र में गम का माहौल है. हर कोई इस शहादत से बेहद गमगीन है.
करण की बहादुरी के किस्से याद कर रहे साथी
करण के दोस्त भी उसकी बहादुरी के किस्स याद कर रहे हैं. वह उसकी देशभक्ति की बातों का भी याद कर रहे हैं. करण के मिलनसार स्वभाव के सभी मुरीद थे. लायंस नायक करण गांव में बच्चों, युवाओं से लेकर बुजुर्गों के बीच काफी लोकप्रिय थे. छुट्टी पर आने के दौरान वह सभी से बेहद लगाव से मिलते थे. वह अक्सर सेना से जुड़े किस्से लोगों को बताते थे. पिता बाबूलाल, भाई अरुण के साथ खेतों पर काम करने में भी करण को काफी आनंद आता था.
बच्चों को सेना में अफसर बनाना चाहते थे करण
खुद सेना में जाने वाले करण ने जहां भाई को भी इसके लिए प्रेरित किया, वहीं उनकी इच्छा था कि उनके बच्चे भी इसी तरह का काम करें. वह बच्चों को सेना में अफसर बनाना चाहते थे. उनकी पत्नी कानपुर में किराए के मकान में रहती है, जहां बेटी का दाखिला सैनिक स्कूल में कराया है. गमगीन पत्नी अंजू ने बताया कि पति का सपना था कि उनके बच्चे सेना में अधिकारी बने. वहीं भाई के बलिदा के बाद बहनें भी बेहद शोक में हैं. करण की तीन बहनों में साधना की शादी हो चुकी है. जबकि आराधना और सोनम अविवाहित हैं. भाई के साथ मनाई आखिरी रक्षाबंधन को याद कर उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उनका कहना है कि वह अब कभी भाई की कलाई में राखी नहीं बांध पाएगी. उसकी शहादत पर सभी को बेहद गर्व है.
कानपुर: आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर के दूसरे चरण का काम जनवरी 2024 से होगा शुरू, कंपनी ने किया सर्वे, जानें डिटेल
Kanpur News: परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है. प्रथम चरण का काम लगभग पूरा हो गया है. दिसंबर तक दीवारों पर पत्थर लग जाएंगे. इसी के साथ ही जनवरी में दूसरे चरण का काम शुरू हो जाएगा. नगर निगम द्वारा अधिकृत कंपनी ने मंदिर में सर्वे शुरू कर दिया है. यह काम अगले हफ्ते तक पूरा हो जाएगा.इसके बाद जनवरी से निर्माण शुरू होगा. 25 करोड़ की लागत से तीन फेज में कॉरिडोर का काम पूरा होना है. पहले चरण में छह करोड़ रुपए से कम हो रहा है. जागेश्वर महादेव मंदिर आजाद नगर, सिद्धनाथ मंदिर जाजमऊ, पंचमुखी हनुमान मंदिर और आनंदेश्वर मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने सकी योजना है. फिलहाल आनंदेश्वर मंदिर के सुंदरीकरण का काम स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हो रहा है. वीआईपी रोड पेट्रोल पंप के पास से मंदिर तक सड़क चौड़ीकरण,नाले को ढकने और वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जा चुकी है. दीवारों पर पत्थर लगाए जा रहे हैं.दूसरे चरण में गंगा किनारे मंदिर परिसर तक के लिए मार्ग का निर्माण होना है.
सुंदरीकरण के लिए होंगे ये काम
योजना के तहत कानपुर में मंदिर का भव्य मुख्य द्वार बनेगा. गंगा आरती के लिए तट पर स्थल भी बनाया जाना है. मंदिर के मुख्य द्वार से दाहिनी तरफ जाकर गंगा के अंदर से मंदिर की सीढ़ियों तक एलिवेटेड मार्ग बनेगा. इसी पर आरती स्थल और सेल्फी प्वाइंट भी बनेगा. यह मार्ग गंगा में 2010 में आई बाढ़ को ध्यान में रखकर बनेगा ताकि कभी भी ऐसी बाढ़ आए तो इस मार्ग में बाढ़ का पानी न भरें. इस पर सुरक्षा रेलिंग भी बनेगी. एलईडी लाइट भी लगाई जाएगी ताकि यह संध्या होते ही दूधिया रोशनी से नहा उठे. मुख्य गेट से ग्रीन पार्क स्टेडियम तक के मार्ग को भी संवरा जाएगा. यह सभी कार्य दूसरे चरण में होंगे.तीसरे चरण में कन्वेंशन सेंटर व अन्य सुविधाओं का विकास होगा.
मुख्य गेट से त्रिशूल तक हटेगा कब्जा
मुख्य गेट से त्रिशूल वाले गेट तक अभी दुकानदारों ने दुकाने सजा रखी है. ऐसे ने वहां तक आना जाना मुश्किल होता है.एक तो दुकानदारों ने दुकान आगे बढ़ा रखी है दूसरा पशु भी इसी मार्ग में टहला करते हैं. लोग दो पहिया वाहन लेकर अंदर तक आते जाते रहते है.इससे भी परेशानी होती है.इन समस्याओं के समाधान के लिए ही कॉरिडोर के प्रोजेक्ट मव कब्जा मुक्ति को भी शामिल किया गया है.
UP News : विधान सभा में मुद्दा उठा तो Kanpur के उर्सला अस्पताल की कार्डियो यूनिट को मिल गईं दो स्टाफ नर्स
कानपुर : उर्सला अस्पताल में कार्डियो यूनिट संचालन के लिए डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने दो स्टाफ नर्स की तैनाती की है. चार स्टाफ नर्स और चार कर्मचारियों की मांग की गई थी.आर्य नगर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने विधानसभा में यह मुद्दा भी उठाया था. उर्सला प्रशासन का कहना है कि यूनिट इसी वर्ष मार्च से संचालित की जा रही है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम)ने गैर संचारी रोग (एमसीडी)के तहत वर्ष 2018 में उर्सला अस्पताल को 4 बेड की कार्डियो यूनिट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए दिए थे.जिसमें से 1.35करोड़ रुपये से उपकरण और 15लाख रुपए से सिविल कार्य होने थे. इसके साथ ही यूनिट के संचालन के लिए स्टाफ की तैनाती होनी थी. लेकिन, किसी कारण काम धरातल में पूरी तरह से नहीं उतर सका. जिस वजह से उर्सला में दिल के मरीजों का इलाज पूर्ण रूप से नहीं हो पा रहा है. मरीजों को हो रही समस्या को देखते हुए आर्य नगर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने उर्सला की कार्डियोलॉजी यूनिट का मुद्दा विधानसभा में उठाया. इसके बाद जिलाधिकारी विशाख जी ने सीएमओ डॉक्टर आलोक रंजन को निर्देश दिया कि कार्डियोलॉजी यूनिट संचालित किए जाने के लिए स्टाफ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. सीएमओ ने वर्तमान में दो स्टाफ नर्स की तैनाती इस यूनिट में की है.
टेक्नीशियन समेत 13 कर्मी की जरूरत
कार्डियो यूनिट के लिए 10 हाई बैक रिवाल्विंग चेयर, 20 ऑफिस व विजिटर चेयर,आठ बड़ी अलमारी, 6 विजिटर ऑफिस चेयर,4 क्रश कार्ट, 10 ऑक्सीजन सिलेंडर, 10 छोटी एसएस ट्रे, 10 अटेंडेंट बेंच,10 ऑक्सीजन रेगुलेटर मिले थे. जबकि सूची में उस समय 21 उपकरण शामिल बताए गए थे. सभी उपकरणों के साथ एनएचएम के तहत दिल के डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ,वार्ड बॉय, टीएमटी टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्निशियन, डार्क रूम असिस्टेंट व सफाई कर्मी समेत 13 कर्मचारी मिलने पर कार्डियक यूनिट पूर्ण रूप से संचालित हो सकेगी.अभी स्टाफ पूरा नहीं है. तत्कालीन सीएमओ डॉक्टर अशोक शुक्ला ने 21 प्रकार के उपकरण खरीदने के बाद उर्सला अस्पताल के तत्कालीन निदेशक से बात की थी. इस पर तत्कालीन निदेशक ने सूची के सभी उपकरणों का मिलान कराया था=जिसमें सिर्फ 9 उपकरण ही मिले थे.बाकी उपकरण भेजे जाने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा गया था. साथ ही एनएचएम से भी स्टाफ की मांग की गई थी,कुछ दिनों तक हलचल रहने के बाद कार्डियो यूनिट की स्थापना के बारे में स्वास्थ्य अधिकारी भूल गए. अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 25 मरीज ओपीडी इमरजेंसी में इलाज के आस में आते हैं.
कई उपकरणों की खत्म हो गई वारंटी
कार्डियोलॉजी यूनिट के लिए करीब 5 साल पहले बेड साइड मॉनिटर, सेंट्रल मॉनिटर, डिफ्यूलेटर,टीएमटी,इको, एबीजी मशीन,वेंटीलेटर ,फाउलर बेड, ईसीजी मशीन,अल्ट्रासाउंड मशीन,एक्स-रे मशीन व 12 इन्फ्यूजन पंप खरीदे गए थे. जिसकी वारंटी अब लगभग खत्म बताई जा रही है.