तंबाकू कारोबारी के कानपुर, दिल्ली समेत कई ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। बड़ी चोरी और लेनदेन में गड़बड़ी समेत कई खामियों की शिकायत मिलने पर शुरू हुई छापेमारी देर रात तक जारी रही।
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कानपुर समाचार
कानपुर में होगी पशु पक्षियों की एक्सरे और सीटी स्कैन की जांच, मंडल का पहला आधुनिक पॉलीक्लिनिक तैयार
आयुष तिवारी/कानपुरः अब पशु पक्षियों का एक्सरे और सिटी स्कैन कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. बाझपन, सीटी स्कैन, एक्सरे,कृत्रिम गर्भाधान,पेट खराब होने पर अल्ट्रासोनोग्राफी, गंभीर चोट या किसी छोटा या बड़ा ऑपरेशन सर्जरी के लिए रावतपुर स्थित आधुनिक पाली क्लीनिक बनकर तैयार हुई है. इसी महीने यहां पर डॉक्टर और फार्मासिस्ट की तैनाती होगी. जरूरत पड़ने पर यहां पर पशुओं को बढ़ती भी कराया जा सकेगा. यह मंडल का पहला अस्पताल है.
कानपुर के रावतपुर स्थित 1444.46 वर्ग मीटर में उत्तर प्रदेश राज निर्माण संस्था ने 649 करोड़ की लागत से इसे तैयार किया है. जुलाई में पशुपालन विभाग ने इसे स्थानांतरित भी कर लिया है. विभाग के अफसर का दावा है कि सितंबर माहमें ही यहां पर डॉक्टर तैनात कर दिए जाएंगे. वर्तमान में जिले के लगभग 12.30 लाख पशु पक्षियों के मालिक इस अस्पताल की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे. यहां गाय,भैंस,बकरी, भेड़,मुर्गा, सूअर,कुत्ता पंक्षियों सहित अन्य जानवरों का इलाज होगा.
आधुनिक लैब में होगी पशुओं की जांच
राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक में एक सुपरीटेंडेंट, चार पशु चिकित्सा, एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्नीशियन सहित एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात किया जाएगा. आधुनिक लैब में पशुओं के सभी रोगों की हर तरह जांच होगी. उनकी सर्जरी भी यहां होगी. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आरके मिश्रा का कहना है कि शासन को डॉक्टरों की तैनाती के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. सितंबर में स्टाफ के तैनात होने की संभावना है.अस्पताल की देखरेख के लिए एक सफाई कर्मी तैनात किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 16:05 IST
कानपुर में नंदी महाराज की मूर्ति का जल पीते वीडियो,भक्तों का लगा ताता
आयुष तिवारी/ कानपुरःकानपुर में शिव की सवारी नंदी बाबा की मूर्ति भक्तों द्वारा चढ़ाए गए जल को ग्रहण कर रही है. इसे आप आस्था कहे या अंधविश्वास. लेकिन कानपुर के ग्वालटोली क्षेत्र में बने प्राचीन शिव मंदिर में स्थापित नंदी की मूर्ति को जल पिलाने के लिए भक्तों का ताता लगा हुआ है.बताया जा रहा है कि कई घंटों तक लोग यह पर जल लाकर पिलाते रहे. मंदिर के चारों ओर भक्तों का तांता लगा रहा।पूरा परिसर हर हर महादेव और नंदी महाराज की जय जयकारों से गूंज उठा.
कानपुर के ग्वालटोली क्षेत्र के शूटर गंज इलाके में एक प्राचीन शिव मंदिर बना हुआ है.मंदिर में शाम की आरती के बाद एक पुरुष श्रद्धालु ने नंदी महाराज की मूर्ति को जल का भोग लगाया.जैसे ही पुरूष ने नंदी की मूर्ति के मुख के पास चम्मच रखा वैसे ही जल मूर्ति में विसर्जित हो गया. पुरुष ने दोबारा चम्मच में जल(पानी) लेकर मूर्ति के मुख के पास रखा तो फिर चम्मच खाली हो गया. इसको देख वह जोर जोर से हर हर महादेव, जय नन्दी महाराज के जयकारे लगाने लगा और मन्दिर प्रांगण में मौजूद अन्य लोगों को को यह बात बताई.जिसके बाद तमाम श्रद्धालु नन्दी की मूर्ति को पानी लाकर पिलाने लगे.
श्रद्धालुओं ने जल अर्पित किया
नंदी जी के पानी पीने की खबर इलाके में फैल गई। जिसके बाद श्रद्धालु जल को लेकर मंदिर पहुंचे और मूर्ति को कई श्रद्धालुओं ने जल अर्पित किया. बताया जा रहा है कि शाम 7 बजे से मूर्ति ने जल पीना प्रारंभ किया.जो रात 1 बजे तक सिलसिला चला.10 बजे के बाद कई श्रद्धालुओं ने जल पिलाने का प्रयास किया लेकिन मूर्ति ने जल ग्रहण करना बंद कर दिया.
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FIRST PUBLISHED : July 15, 2023, 13:33 IST
कानपुर का चमड़ा उद्योग खो रहा अपनी पहचान,यहां का लेदर विदेशों में है मशहूर
आयुष तिवारी/कानपुर.अपने चमड़े के कारोबार से कानपुर का नाम पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन आज कानपुर का चमड़ा उद्योग अपनी पहचान को खोने पर मजबूर है.इसका एक बड़ा कारण सरकार द्वारा गंगा नदी के प्रदूषण का हवाला देते हुए कारखानों को बंद करने या उत्पादन सीमित करने का निर्णय है. पहले नोटबंदी की मार फिर स्लॉटर हाउसेस पर मंदी का असर और अब मवेशियों के लिए एक नया कानून, कुल मिलाकर कानपुर का चमड़ा उद्योग धीरे धीरे ख़त्म हो रहा हैं.
कुछ वर्षों पहले तक कानपुर में विदेशी खरीददारों की आमद होती रहती थी. यहां से रेड टेप, बाटा, हश पप्पिज, गुच्ची, लुइस वितों जैसे लगभग हर बड़े ब्रांड को चमड़े की सप्लाई कानपुर से होती थी. लेकिन अब चमड़ा फैक्टरियों को माल नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि अब कानपुर चमड़ा उद्योग को बंदी की ओर है. मौजूदा समय मे फैक्ट्रियों में सिर्फ 2 से 3 महीने का स्टॉक बचा है.
सूबे की सबसे बड़ी चमड़ा मंडी
कानपुर के पेच बाग,नई सड़क इलाका सूबे की सबसे बड़ी चमड़ा मंडी है.यहां पर साल 2014 से पहले प्रतिदिन 20-25 ट्रक खाल आया करती थी.यहा पर करीब 12 सौ मजदूर काम करते थे.इस इलाके ने करीब 500 रजिस्टर्ड कारोबारी हुआ करते थे,जो मौजूदा समय 10 फीसदी भी नहीं बचे हैं.एक ट्रक खाल का माल पहले 15-16लाख तक आता था. पेच बाग में खाल को नमक लगा कर रखा जाता था और फिर टेनरी भेजा जाता था. वहां उसको फिनिश करके फैक्ट्री में भेजा जाता था. जिससे जूते, घोड़े की काठी, बेल्ट, पर्स और अन्य आइटम बनते थे.
चमड़ा उद्योग को बंद कर दिया
यहां पर कुल 6000 करोड़ का टर्नओवर हुआ करता था. जो भारत में तमिलनाडु के बाद दूसरे नंबर पर था. चमड़ा उद्योग से सीधे तौर पर 2 लाख और अप्रत्यक्ष रूप में 20 लाख लोगों को रोजगार मिला करता था.लेकिन सरकार की सख्ती होने के बाद अब इन व्यापारियों को खाल नही मिल पाती है.जिसके कारण इन्होंने चमड़ा उद्योग को बंद कर दिया है और अब यह सब रेडीमेड का व्यापार कर रहे हैं.
देश विदेशों में मशहूर है कानपुर का लेदर
कानपुर के चमड़ा चमड़ा देश-विदेशों में मशहूर है.यहा पर जाजमऊ में लेदर की फेमस मार्केट है.इस बाजार में न केवल नेशनल बल्कि बड़े बड़े इंटनेशनल ब्रांड भी मिलते हैं.खास बात ये है कि सभी जगहों से सस्ते ब्रांडेड वस्तुएं यहा पर मिलती है. यहां का लेदर इतना मशहूर है कि जब भी कोई क्रिकेटर और बॉलीवुड की हस्ती शहर आती है तो बिना यहां खरीदारी के नहीं जाती है.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2023, 17:52 IST