<p style="text-align: justify;"><strong>Jammu and Kashmir:</strong> जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पुलिस ने सुरक्षा बलों के साथ मिलकर नैना बटापोरा में प्रतिबंधित जेश ए मुहम्मद (जेईएम) आतंकवादी संगठन से जुड़े एक हाइब्रिड आतंकवादी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आतंकवादी की पहचान शोपियां जिले के नुली पोशवारी के रोहेल अब्दुल्ला पिता मोहम्मद अब्दुल्ला थोकर के रूप में की गई है. </p>
<p style="text-align: justify;">पुलिस ने एक बयान में कहा कि यह ऑपरेशन क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए चल रही कोशिशों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आतंकी के पास से मिले ये खतरनाक हथियार</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सुरक्षा बलों ने जिस आतंकी को गिरफ्तार किया वह 8 दिसंबर 2023 से अपने घर से लापता था. सुरक्षाबलों ने आतंकवादी के कब्जे से एक एके 56 राइफल, 2 एके 56 मैगजीन, 60 राउंड एके गोला बारूद, 5 चीनी ग्रेनेड, आई ग्लॉक पिस्तौल, 2 पिस्तौल मैगजीन और 26 राउंड पिस्तौल गोला बारूद बरामद किया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पुलिस मामले की जांच में जुटी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पुलिस ने कहा कि वह गिरफ्तार आतंकवादी की गतिविधियों की आगे की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है, ”आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने और क्षेत्र की दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक जरूरी कदम है. सुरक्षाबल क्षेत्र के भीतर शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या होता है हाईब्रिड आतंकी?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पुलिस ने कहा, "हर एक व्यक्ति की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और आतंकवाद से लड़ने और शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए समुदाय का समर्थन जरूरी है. एक हाइब्रिड आतंकवादी एक नागरिक होता है, जो आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए पर्याप्त रूप से प्रेरित होता है. फिर नागरिक समाज में वापस शामिल हो जाता है, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>(इनपुट आईएएनएस से भी)</strong></p>
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Jammu Kashmir News
क्या आर्टिकल 370 को फिर से बहाल करेगी कांग्रेस? abp न्यूज़ के सवाल पर पी चिदंबरम ने कही ये बात
Jammu Kashmir Article 370: जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की ओर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से बरकरार रखा है. केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली 22 याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने सोमवार (11 दिसंबर) को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस ने असहमति जताई है.
सोमवार को कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम असहमत है. हालांकि, उन्होंने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और चुनाव करवाने के शीर्ष अदालत के निर्देशों का स्वागत किया.
एबीपी न्यूज के सवाल पर क्या बोले पी चिदंबरम?
उन्होंने एबीपी न्यूज के इस सवाल का भी जवाब दिया कि क्या कांग्रेस अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करेगी? इस सवाल का जवाब देते हुए पी चिदंबरम ने कहा, ”हमने कभी भी अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने की बात नहीं की. हमने उसे हटाने के तरीके का विरोध किया है.”
‘कई मुद्दों का समाधान लेकिन कई सवाल बाकी’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट का 370 पर जो फैसला आया है, उसने कई महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान किया है लेकिन कई सवाल बाकी हैं. 476 पन्नों का ये फैसला है, इसलिए हमें इसे पढ़ने में समय लगेगा. हम फैसले से असहमत हैं. 370 हटाने का जो तरीका था, हम उसके खिलाफ थे. हमने सीडब्ल्यूसी में प्रस्ताव भी पास किया था.”
हम इस पर पुनर्विचार नहीं करेंगे- अभिषेक मनु सिंघवी
वहीं, पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट हमारे यहां सर्वोच्च है और उसके फैसले के बाद आज से ये बहस खत्म हो गई है. ये निर्णय अंतिम है. हम इस पर पुनर्विचार नहीं करेंगे.” बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर, 2024 की समय सीमा भी तय कर दी है.
आर्टिकल 370 पर आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जानें अब तक कोर्ट में क्या हुआ, दिए क्या तर्क
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सोमवार (11 दिसंबर) को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिनों की बहस के बाद 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ सोमवार को यह फैसला सुनाएगी.
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरी और अन्य ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने ने कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले की पैरवी की. वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह, दुष्यंत दवे और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पेश कीं.
सुप्रीम कोर्ट में विस्तार हुई बहस
इस दौरान वकीलों ने 5 अगस्त 2019 को केंद्र के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की वैधता, राज्यपाल और राष्ट्रपति शासन को चुनौती और राष्ट्रपति शासन के विस्तार सहित विभिन्न मुद्दों पर बहस की. गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं 2019 में संविधान पीठ को भेजी गईं थीं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब जम्मू-कश्मीर में कोई संविधान सभा मौजूद नहीं हो तो क्या उसकी सहमति ऐसा कदम उठाने से पहले जरूरी होती है औरअनुच्छेद 370 को हटाने की सिफारिश कौन कर सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि एक प्रावधान (अनुच्छेद 370), जिसे विशेष रूप से संविधान में अस्थायी के रूप में उल्लेखित किया गया था. वह 1957 में जम्मू कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्थायी कैसे हो सकता है?
केंद्र ने अपने बचाव में क्या कहा?
केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संवैधानिक फ्रॉड नहीं था . इसे कानूनी ढांचे के अनुरूप हटाया गया था. केंद्र ने तर्क दिया कि जम्मू कश्मीर का भारत में विलय अन्य रियासतों की तरह एक प्रक्रिया से हुआ था.
केंद्र सरकार ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति अस्थायी है और वह राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दौरान सरकार ने हिंसा में गिरावट का हवाला दिया और कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां सकारात्मक परिवर्तन हुआ है.
याचिकाकर्ताओं का तर्क
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370, जिसे शुरू में अस्थायी माना गया था, वह जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के विघटन के बाद स्थायी हो गया था. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि संसद के पास अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए खुद को जम्मू-कश्मीर की विधायिका घोषित करने का अधिकार नहीं है.
याचिकाकर्ताओं ने अनुच्छेद 370 के क्लाउज 3 का जिक्र करते हुए कहा कि इसे हटाने के लिए संविधान सभा की सिफारिश महत्वपूर्ण थी. संविधान सभा की मंजूरी के बिना इसे निरस्त नहीं किया जा सकता.
जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का रुख
जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि भारत में शामिल होने पर जम्मू कश्मीर के महाराजा ने राज्य पर क्षेत्रीय संप्रभुता बरकरार रखी, लेकिन उनके पास संप्रभुता नहीं थी. हालांकि रक्षा, विदेश मामले और संचार, कानून और शासन के लिए अन्य सभी शक्तियां केंद्र के पास थीं.
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शोपियां में गोला-बारूद सहित पकड़ा गया एक आतंकी, एजीएच संगठन का था सक्रिय सदस्य
Jammu Kashmir Terrorist Arrested: जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य बलों के एक संयुक्त अभियान में दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अंसार गजावत-उल- हिंद (एजीएच) से जुड़ा हुआ था.
सुरक्षाबलों ने उसके पास से कुछ हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है. रविवार (26 नवंबर) को जम्मू कश्मीर पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर हबदीपोरा शोपियां क्रॉसिंग पर एक चेकप्वाइंट लगाया.
आतंकी के पास से मिला गोला-बारूद
चेंकिंग के दौरान कुंडलन से शोपियां की ओर आ रहे एक संदिग्ध शख्स को रोका गया. गिरफ्तार शख्स की पहचान गैग्रेन निवासी फरमान खुर्शीद के रूप में हुई है. तलाशी के दौरान सुरक्षाबलों ने आरोपी के पास से एक पिस्तौल, दो मैगजीन, 9 मिमी कैलिबर के 10 राउंड, एक मोबाइल सहित आपत्तिजनक सामान और गोला-बारूद बरामद किया.
सुरक्षा बलों पर करने वाला था हमला
सुरक्षाबलों की ओर से की गई शुरुआती पूछताछ में गिरफ्तार आतंकवादी ने खुलासा किया कि वह प्रतिबंधित संगठन एजीएच के आतंकवादी सहयोगी के रूप में काम कर रहा था. उसने आगे कहा कि वह शोपियां जिले में सुरक्षा बलों पर हमले करने वाला था. इस मामले को लेकर शोपियां पुलिस स्टेशन संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है. मामले की आगे जांच की जा रही है.
इससे पहले बारामूला में पकड़े गए थे आतंकी
जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में सुरक्षाबलों ने आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़े तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से गोला-बारूद के साथ ही नकदी भी बरामद की है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले में कलगई में झूला पुल के पास शनिवार (25 नवंबर) को जांच और गश्त के दौरान सुरक्षाबलों ने कमलकोट से बैग लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर आ रहे दो संदिग्ध व्यक्तियों को रोका.
तलाशी के दौरान उनके पास से चीन निर्मित तीन हथगोले और ढाई लाख रुपये नकद बरामद किये गए.
(इनपुट पीटीआई से भी)
जम्मू कश्मीर के कुलगाम में लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकवादी ढेर, पुलिस ने बताया प्लान
Kulgam Encounter: जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar E Taiba) के पांच आतंकवादी मारे गए हैं. कुलगाम पुलिस ने शुक्रवार (17 नवंबर) को ये जानकारी देते हुए कहा कि हमने सेना के साथ मिलकर अभियान चलाया था.
कुलगाम पुलिस ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कुलगाम के नेहामा गांव में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था. इस दौरान ही पांच आतंकियों को ढेर किया गया है. इनकी पहचान पहचान समीर अहमद शेख, यासिर बिलाल भट, दानिश अहमद ठोकर, हंजुल्ला याकूब शाह और उबैद अहमद पैडर के रूप में हुई है.
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने कहा कि मारे गए आतंकी नागरिकों पर अत्याचार सहित कई आतंकी गतिविधियों में शामिल थे. चार एके-राइफल, चार ग्रेनेड और दो पिस्तौल सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है.
अभियान के बारे में मीडिया को बताते हुए दक्षिण कश्मीर क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रईस भट ने कहा, ‘‘आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में गोपनीय सूचना मिलने पर और जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना की 34 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ की 18वीं बटालियन ने समनो में एक संयुक्त अभियान शुरू किया था. एक घर में छिपे लश्कर के आतंकियों से संपर्क साधा गया. इसके बाद हुई मुठभेड़ में पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया.’’
क्यों बड़ी सफलता है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारी के हवाले से कहा, ‘‘यह एक बड़ी सफलता है क्योंकि ये आतंकवादी अल्पसंख्यकों पर हुए कई हमलों में शामिल थे…आतंकवादियों के सफाए से यहां सक्रिय संगठनों को गंभीर झटका लगा है और हमारा मानना है कि आगे और भी सफलताएं मिलने वाली हैं.’’
इनपुट भाषा से भी.
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