भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ में कैंसर का निदान हुआ है। जिस दिन भारत का आदित्य-एल1 मिशन अंतरिक्ष में लॉन्च हुआ था, उसी दिन इसरो प्रमुख में कैंसर का पता चला।
Source link
ISRO Chief S Somanath
ISRO चीफ सोमनाथ की आत्मकथा पर विवाद, क्यों प्रकाशित नहीं होगी किताब? जानें पूरा मामल
तिरुवनंतपुरम: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस.सोमनाथ की आत्मकथा पर विवाद हो गया है जिसके चलते उन्होंने अब इसे प्रकाशित नहीं करने का फैसला लिया है। सोमनाथ की इस आत्मकथा में पूर्व इसरो चीफ के सिवन के बारे में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां किए जाने को लेकर उपजे विवाद के बाद एस सोमनाथ ने यह फैसला लिया। सोमनाथ ने कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष एजेंसी में अपनी दशकों लंबी यात्रा के दौरान सामना की गई कुछ चुनौतियों का उल्लेख करने वाली अपनी आत्मकथा ‘निलावु कुदिचा सिम्हंगल’ को प्रकाशित नहीं करने का फैसला किया है।
हर एक शख्स को चुनौतियों से गुजरना पड़ता है-सोमनाथ
इससे पहले दिन में, सोमनाथ ने कहा था कि किसी संगठन में शीर्ष पद तक पहुंचने की यात्रा के दौरान हर एक शख्स को किसी न किसी तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है और उन्होंने भी जीवन में ऐसी कठिनाइयों का सामना किया है। तब सोमनाथ उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें दावा किया गया है कि इसरो प्रमुख की आत्मकथा में पूर्व इसरो चीफ सिवन के बारे में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं।
मैंने किसी व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बनाया-सोमनाथ
सोमनाथ ने कहा, ‘ऐसे प्रमुख पदों पर रहने वाले व्यक्तियों को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है। उनमें से एक संगठन में पद पाने संबंधी चुनौतियां भी हैं।’ उन्होंने कहा कि ये ऐसी चुनौतियां हैं, जिनसे हर किसी को गुजरना पड़ता है। इसरो प्रमुख ने कहा, ‘एक महत्वपूर्ण पद के लिए अधिक व्यक्ति पात्र हो सकते हैं। मैंने बस उस विशेष बिंदु को सामने लाने की कोशिश की। मैंने इस संबंध में किसी व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बनाया।’ सोमनाथ ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पुस्तक में चंद्रयान-2 मिशन की विफलता की घोषणा के संबंध में स्पष्टता की कमी का जिक्र किया है। इसरो अध्यक्ष ने दोहराया कि उनकी आत्मकथा उन लोगों को प्रेरित करने का एक प्रयास है, जो जीवन में चुनौतियों और बाधाओं से लड़कर कुछ हासिल करना चाहते हैं।
आपको बता दें कि एस सोमनाथ का जन्म जुलाई 1963 में हुआ था। वे केरल के अलेप्पी के रहनेवाले हैं। सोमनाथ ने केरल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएशन किया। 1985 में उन्होंने इसरो ज्वाइन किया था। उन्होंने इसरो के कई अहम प्रोजेक्ट पर काम किया। 14 जनवरी 2022 को उन्होंने इसरो के अध्यक्ष पद संभाला। (इनपुट-एजेंसी)
‘भारत पहला देश…’, अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और पाकिस्तान की मीडिया ने क्या कहा?
Chandrayaan 3 Moon Landing: भारत के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ ने बुधवार (23 अगस्त) शाम इसके लिए निर्धारित शेड्यूल के तहत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की, जिसका डंका पूरी दुनिया में बजा. इसका अंदाजा चंद्रयान-3 को लेकर विदेशी मीडिया की कवरेज से लगाया जा सकता है. पड़ोसी पाकिस्तान और चीन से लेकर अमेरिका, रूस और ब्रिटेन की मीडिया ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग पर क्या कुछ कहा, आइये जानते हैं.
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने कहा कि भारत पहला देश बन गया है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारा. इसने अपनी रिपोर्ट में बताया यह दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश और उसके महत्वाकांक्षी, कम कीमत वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक जीत है.
चीन के बीजिंग आधारित न्यूज चैनल CGTN की वेबसाइट पर एक लाइन की खबर प्रकाशित की गई. इसमें कहा गया कि ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के मुताबिक, भारत के चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने बुधवार को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की.’
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा, ”भारत चंद्रमा पर है: लैंडर की सफलता ने देश को अगले अंतरिक्ष अध्याय की ओर अग्रसर किया.” इसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सही सलामत चंद्रयान-3 मिशन भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र तक पहुंचाने वाला पहला देश बनाता है और इसके अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों में वृद्धि करता है.
रूसी समाचार एजेंसी TASS ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि भारत का चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया. इसरो के लाइव प्रसारण के मुताबिक, अंतरिक्ष यान ने शाम 6:03 बजे (मास्को समय के अनुसार अपराह्न 3:33 बजे) चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की.
रिपोर्ट में कहा गया कि इसरो के सीईओ एस सोमनाथ ने सफल लैंडिंग की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ”अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक उतर गया है! भारत चंद्रमा पर है!” उसके बाद उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंच सौंप दिया, जो सफल लैंडिंग पर इसरो क्रू को बधाई देने के लिए जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ऑनलाइन प्रसारण में शामिल हुए थे.
ब्रिटेन के राष्ट्रीय प्रसारक ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) ने कहा, ”चंद्रयान-3: भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐतिहासिक लैंडिंग की.” इसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया है क्योंकि उसका चंद्र मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला पहला मिशन बन गया है. इसके साथ ही भारत अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाले देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है.
रिपोर्ट में कहा गया कि चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर स्थानीय समयानुसार 18:04 बजे योजना के अनुसार सफलतापूर्वक नीचे उतरा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत अब चंद्रमा पर है. इसी के साथ पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें- Chandrayaan 3 Landing Live: चंद्रयान 3 की लैंडिंग का लाइव टेलिकास्ट, ये रहा डायरेक्ट वीडियो लिंक