समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी सीबीआई के रडार पर आ गए हैं। अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने अखिलेश यादव को बतौर गवाह पूछताछ के लिए समन जारी किया है। सपा ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।
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पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के घर मिला खजाना, विदेशी बंदूकें, सोने की छड़ें, कई कार्टन शराब
ED Recovered Cash Arms At Dilbag Singh Premises: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हरियाणा के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार और पूर्व इनेलो विधायक दिलबाग सिंह के घरों पर तलाशी अभियान चलाया. दिलबाग सिंह के ठिकानों से बड़ी मात्रा में अवैध चीजें बरामद हुई हैं.
ईडी सूत्रों के मुताबिक उनके घर से बड़ी मात्रा में अवैध फॉरेन मेड आर्म्स, 300 कार्टन में अवैध सामान, 100 से ज्यादा शराब की बोतलें, 5 करोड़ रुपये कैश और करीब चार से पांच किलो बुलियन बरामद किया गया है. बड़ी मात्रा में संपत्ति के दस्तावेज भी दिलबाग सिंह के ठिकाने से मिले हैं.
Directorate of Enforcement (ED) recovered illegal foreign-made arms, more than 100 liquor bottles & 5 crore cash and other materials have been recovered including several properties in India & abroad from Dilbag Singh Ex-MLA & his associate’s premises: ED pic.twitter.com/dctSya8JEJ
— ANI (@ANI) January 5, 2024
क्या होता है बुलियन?
बुलियन सोने और चांदी के विशुद्ध टुकड़े को कहते हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर कम से कम 99.5 प्रतिशत शुद्ध माना जाता है. यह सिल्लियां या बार के रूप में होता है. यह नियम अनुसार केंद्रीय बैंकों द्वारा भंडार में रखा जाता है या संस्थागत निवेशकों द्वारा उनके पोर्टफोलियो पर मुद्रास्फीति के प्रभाव से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है. लगभग 20 प्रतिशत खनन सोना दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों के पास है. इन्हें घर पर रखना पूरी तरह से अवैध माना जाता है. केंद्रीय बैंक धन जुटाने में मदद करने के लिए सोने को उनके बुलियन रिजर्व से लगभग एक प्रतिशत की दर से बुलियन बैंकों को उधार देता है.
गुरुवार से ही चल रहा है तलाशी अभियान
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हरियाणा के यमुनानगर जिले में कथित अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. इसी को लेकर प्रदेश के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की गई थी.
अवैध खनन से जुड़ा है पूरा मामला
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि पूरा मामला इलीगल माइनिंग से जुड़ा हुआ है. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अनुसार, यमुनानगर, सोनीपत, मोहाली, फरीदाबाद, चंडीगढ़ और करनाल में दोनों नेताओं और उनसे जुड़े 20 ठिकानों की तलाशी ली. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पिछले दिनों यमुनानगर और आसपास के जिलों में हुए कथित अवैध खनन की जांच के लिए दर्ज की गईं हरियाणा पुलिस की कई एफआईआर के बाद सामने आया है. आरोप है कि अवैध खनन के जरिए बड़ी मात्रा में सोने चांदी और अन्य धातु को छिपा कर तस्करी की जा रही थी, जिसके बाद ईडी ने छापेमारी की है.
बिहार में अवैध खनन रोकने को लेकर बड़ा फैसला, बनेंगे एकीकृत स्थायी चेकपोस्ट
सीवान. जिले में बालू का अवैध खनन व परिवहन रोकने के लिए संवेदनशील जगहों पर कड़ी निगरानी होगी. परिवहन वाले मार्गों पर एकीकृत स्थायी चेकपोस्ट बनाया जायेगा. इसके लिए सरकार को संवेदनशील स्थल को चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा जायेगा, ताकि चेकपोस्ट का निर्माण हो सकें. माना जा रहा है कि अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए जल्द ही जिले में नयी कार्य योजना लागू कर इस पर लगाम लगायी जा सकेंगी. चेकपोस्ट बनाने के लिए 2000 से 2500 वर्गफीट जगह को चिह्नित किया जाना है. सीवान के साथ-साथ सीमावर्ती जिला गोपालगंज, छपरा में भी स्थायी चेकपोस्ट का निर्माण होना है.
हाल ही में हुई थी समीक्षा बैठक
हाल के महीनों में अवैध खनन व परिवहन में हुए वृद्धि को देखते हुए सरकार ने समीक्षा बैठक कर स्थायी चेकपोस्ट निर्माण कराने का निर्णय लिया है. इसके बाद खान व भूततत्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक कर अवैध खनन व परिवहन की दृष्टिकोरण से संवेदनशील स्थलों पर स्थायी एकीकृत चेकपोस्ट की स्थापना को लेकर निर्देश दिया था. उन्होंने स्थलों को चिह्नित कर भूमि विवरणी, खाता, खेसरा व रकवा सहित प्रस्ताव शीघ्र उपलब्ध कराने की बात कहीं थी.
एक प्रशासनिक कक्ष सहित अन्य का होगा निर्माण
जिला प्रशासन के द्वारा एकीकृत स्थायी चेकपोस्ट बनाने के लिए जगह चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. अभी तक चार से पांच स्थानों के नाम को चिह्नित किया गया है. जिसमें से अंतिम समय में एक नाम पर मुहर लगेंगी. इसके बाद प्रस्ताव को बनाकर सरकार को भेज दी जायेगी. स्थायी एकीकृत स्थायी चेकपोस्ट का निर्माण में एक प्रशासनिक कक्ष, एक हॉल, एक विश्राम कक्ष, दो टॉयलेट, एक स्नानाघर व एक बरामदा को समाहित करते हुए भवन निर्माण क्षेत्र लगभग 2000 से 2500 वर्गफीट होगा. जिसमें 25 से 30 मानव बल का आवासन की व्यवस्था रहेगी. जहां पर चेकपोस्ट निर्माण किया जायेगा. उसके आसपास जब्त किये गये वाहनों को रखने के लिए सरकार और रैयती भूमी उपलब्ध रहना भी होगा.
चेकपोस्ट पर लगेगा नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे
चेकपोस्ट पर ऑटोमैटिक बैरियर गेट का निर्माण होगा. साथ ही ऑटो नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे भी लगा रहेगा. इससे यहां से गुजरने वाले हर वाहन का रिकॉर्ड तैयार होगा. यदि कोई वाहन रुकता है, या कोई वाहन अधिक बालू लेकर गुजरेगा साथ ही किसी भी तरह का उल्लंघन करता है, तो उसके वाहन की पहचान नंबर प्लेट के साथ की जायेगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. चेकपोस्ट पर तैनात कर्मियों को इसके संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी भी दी जायेगी. यहां पर रात में भी वाहनों की निगरानी की जा सकें. इसके लिए चेकपोस्ट को दूधिया रोशनी से रोशन किया जायेगा. इसको लेकर हाइमास्क भी लगाया जाना है. इसके साथ ही यहां पर तैनात अधिकारियों और कर्मियों के पास ड्रैगन लाइट ट्रॉली बैरियर भी रहेगा.
बालू घाटों का टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं
जिले में अभी तक सरकारी खनन ठप है. इसका कारण है कि बालू घाटों का टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. इसके कारण अवैध खनन से सरकार को प्रति माह राजस्व की क्षति भी हो रही है. वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्त्रोत बालू है. कोई भी निर्माण कार्य बिना बालू के संभव नहीं है. इधर अवैध बालू परिवहन के मामले में खनन विभाग ने लकड़ीनबीगंज प्रखंड के मदारपुर बाजार के समीप से एक डंपर पर बालू जब्त किया है. इस गाड़ी पर करीब 2.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. ट्रक को जब्त कर खनन विभाग के अधिकारियों ने बसंतपुर थाना को सर्पूद कर दिया है.
क्या कहते है अधिकारी
जिले में बालू के अवैध खनन व परिवहन को रोकने के लिए एकीकृत स्थायी चेकपोस्ट का निर्माण होगा. इसको लेकर विभाग से पत्र मिला है. इसके बाद जगह चिह्नित करने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया जायेगा.
बलवंत कुमार, जिला खनिज विकास पदाधिकारी सीवान