सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है। कंपनी को 29,810 करोड़ रेवेन्यू मिला है, जो बीते साल की तुलना में 11% अधिक है।
Source link
Hindustan Aeronautics Limited
देश के नए फाइटर जेट Tejas Mk1A की पहली सफल उड़ान, जानिए कितना है घातक – India TV Hindi
भारत के नए फाइटर जेट तेजस एमके1ए Mk1A (Tejas Mk1A) का आज परीक्षण किया गया। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बताया कि तेजस Mk1A विमान श्रृंखला का पहला विमान LA5033 आज बेंगलुरु में आसमान में सफलतापूर्वक उड़ा। फाइटर जेट की 18 मिनट तक आकाश में उड़ता रहा।
2028 तक 83 फाइटर जेट सेना को मिलेंगे
केंद्र सरकार ने 2021 में 83 उन्नत तेजस मार्क-1ए जेट के लिए 46,898 करोड़ रुपये का भारी-भरकम अनुबंध किया था। डिलीवरी मार्च 2024 से फरवरी 2028 के बीच की जानी है। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही दो तेजस स्क्वाड्रन, ‘फ्लाइंग डैगर्स’ और ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ हैं, जिनमें से एक अब दक्षिण-पश्चिमी सेक्टर में तैनात है।
रक्षा पीएसयू एचएएल तेजस एमके-1ए या एलसीए एमके1ए का निर्माण कर रहा है। इसे बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ लैब एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा विकसित किया गया है।
पीएम मोदी ने जिस तेजस विमान में भरी उड़ान क्या हैं इसकी खासियतें? अमेरिका भी है मुरीद
PM Modi Flies In Tejas: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (25 नवंबर) को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की साइट पर हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी है जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं. एचएएल की तरफ से निर्मित तेजस फाइटर जेट (India Tejas Fighter Jet) जिसे मुख्य रूप से भारतीय वायु सेना के मिग 21 लड़ाकू जेट के पुराने स्क्वाड्रन को बदलने के लिए विकसित किया गया है.
एचटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ने इसके सभी वेरिएंट सहित कुल 324 तेजस विमान खरीदने को लेकर एचएएल के साथ करार किया था. इस लड़ाकू विमान की कई खासियतें भी हैं जिनका जिक्र किया जाना भी जरूरी है.
-
- तेजस एक भारतीय निर्मित एकल-इंजन लड़ाकू जेट है जिसको लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) कार्यक्रम से विकसित किया गया. इसकी शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी. यह एक डेल्टा विंग और हल्का मल्टीरोल फाइटर है.
-
- तेजस एक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है जोकि भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) का ताज होने के साथ-साथ अपनी तरह का सबसे छोटा और हल्का विमान है. दूसरे देशों में भी इसकी मांग है. अमेरिका (US) ने हाल ही में संयुक्त रूप से मार्क II तेजस विमान (Mark II Tejas Aircraft) निर्माण को लेकर एचएएल के साथ एक समझौता किया है.
-
- पुराने मिग 21 स्क्वाड्रन को बदलने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित तेजस को चरणबद्ध तरीके से भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा रहा है जिसे बड़ी संख्या में पायलटों की मौत के कारण ‘उड़ता ताबूत’ करार दिया गया है.
-
- तेजस हवा से हवा में ईंधन भरने (एएआर) में सक्षम है और सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक-स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार और एक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूट से लैस है, जोकि इसे अपनी कैटेगरी के अधिकांश लड़ाकू विमानों से बेहतर बनाता है.
-
- तेजस पूरी तरह से मिसाइल से लैस लड़ाकू विमान है जिसमें दृश्य सीमा से परे मिसाइल क्षमताएं और मिनिमम रीलोडिंग समय के साथ हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार हैं.
पीएम कल करेंगे बेंगलुरु का दौरा, HAL की साइट पर देखेंगे फाइटर जेट तेजस के निर्माण की प्रक्रिया
PM Modi Visit Bengaluru: पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार (25 नवंबर) को कर्नाटक का दौरान करेंगे. वहां पीएम शनिवार की सुबह बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) साइट पर जाएंगे. पीएम वहां तेजस जेट की सुविधा सहित उसकी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की समीक्षा करेंगे. सरकार की ओर से वित्तपोषित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) 615 एकड़ में फैली है.
एचएएल साइट का मुआयना करने के बाद पीएम मोदी चुनाव प्रचार करने के लिए तेलंगाना जाएंगे. तेलंगाना में पीएम जनसभा को संबोधित करेंगे.
इंडियन एयरफोर्स ने जारी किया था टेंडर
इंडियन एयरफोर्स ने हाल ही में 12 एडवांस सुखोई Su-30MKI लड़ाकू विमानों की खरीद करने के लिए राज्य के स्वामित्व वाली एचएएल (HAL) को टेंडर जारी किया था.
एएनआई के अनुसार रक्षा सूत्रों ने बताया था कि जिस 12 एडवांस सुखोई Su-30MKI को खरीदने के लिए एचएएल को टेंडर जारी किया गया था उसका निर्माण भारत में रूस के उपकरण के साथ साझेदारी कर किया जाएगा.
रक्षा सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को अगले महीने (दिसंबर) तक प्रोजेक्ट के डिटेल के साथ टेंडर का जवाब देगी.
एएमसीए के पहले दो दस्ते का उत्पाद होगा भारत में
डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने कहा था कि भारत के रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एलसीए मार्क-2 और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट (एएमसीए) के पहले दो दस्ते के इंजनों का उत्पादन घरेलू स्तर पर किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “एलसीए मार्क-2 के इंजन और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट के पहले दो दस्ते का उत्पादन भारत में किया जाएगा. इसका उत्पादन अमेरिकी जीई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की तरफ से किया जाएगा. इसके लिए अमेरिका से सभी मंजूरी मिल चुकी है.”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस साल अप्रैल में कहा था कि वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा था कि यह देश के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि है.
ये भी पढ़ें : टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस में दोषियों की सजा पर फैसला सुरक्षित, साकेत कोर्ट कल सुनाएगी सजा
हल्के लड़ाकू विमान ‘मार्क1ए’ की बढ़ेगी ताकत, स्वदेशी सिस्टम ‘उत्तम’ और ‘अंगद’ होंगे इंस्टॉल
LCA Mark 1A: भारतीय सशस्त्र बलों को जल्द ही दो नए साथी ‘अंगद’ और ‘उत्तम’ मिल सकते हैं. अंगद और उत्तम, लड़ाकू विमानों में लगाए जाने वाले स्वदेशी सिस्टम है. ‘उत्तम’ एक रडार है और ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट है. विमानों में इन स्वदेशी सिस्टम को इंस्टॉल कराने का निर्णय लिया गया है.
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में ही बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) यानी हल्के लड़ाकू विमानों में ‘उत्तम’ रडार लगाया जाएगा. इसके अलावा ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को भी विमानों में फिट करने का फैसला लिया गया है. इन नई तकनीकों के इस्तेमाल से सेना की ताकत बढ़ेगी. इसके साथ ही उपकरणों को लेकर भारतीय सेना की विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी.
स्वदेशी रूप से विकसित किए जा रहे उत्तम और अंगद
सैन्य जानकारों का कहना है कि भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान ‘मार्क1ए’ में सबसे पहले ‘उत्तम’ रडार और ‘अंगद’ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट फिट किया जाएगा. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार और अंगद इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है. यह बहुत जल्द एलसीए मार्क-1ए विमान के साथ इंटीग्रेट होने के लिए तैयार हो जाएगा.
‘एलसीए मार्क-1 ए’ विमानों की संख्या 180 होगी
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने 83 ‘एलसीए मार्क-1 ए’ के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. वायु सेना का कहना है कि वह इनमें से 97 और विमान चाहती है, तब उसके पास 180 विमान हो जाएंगे.
विमानों के आधुनिक सिस्टम देश में हो रहे तैयार
इन विमानों के लिए यह नए और आधुनिक सिस्टम देश में ही तैयार किया जा रहे हैं. इसके तहत 41वें विमान से लेकर 83 एलसीए मार्क1ए विमानों के ऑर्डर तक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और एईएसए रडार भारत में बनाए जाएंगे.
वायु सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा
दरअसल, रक्षा के क्षेत्र में भारत स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा दे रहा है. भारतीय वायु सेना ने रक्षा मंत्रालय के समक्ष 156 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स ‘प्रचंड’ की मांग भी रखी है. इससे वायु सेना की शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा.
हेलीकॉप्टर में फिट किए जा सकेंगे 700 किलोग्राम वजन के हथियार
एक और महत्वपूर्ण बात यह कि सभी 156 हेलीकॉप्टर स्वदेशी होंगे. सभी ‘प्रचंड’ हेलिकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बना रहा है. सेना के कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू, डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस, काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन और रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट को धराशायी करने में प्रचंड हेलिकॉप्टर खासे मददगार हैं. ये हेलीकॉप्टर हाई एल्टीट्यूड बंकर बस्टिंग ऑपरेशंस में भी काफी सहायक हैं. इस पर 700 किलोग्राम तक के हथियार फिट किए जा सकते हैं.
यह भी पढ़ें: Indian Navy: आईएनएस विक्रांत पर हल्के लड़ाकू विमान LCA की लैंडिंग, आप भी देखें तस्वीरें