बता दें कि कांग्रेस तमिलनाडु में 9 और पुडुचेरी में 1 सीट पर अपना उम्म्मीदवार खड़ा करेगी। दोनों राज्यों की बाकी सीटों पर द्रमुक और गठबंधन दलों के उम्मीदवारों का कांग्रेस समर्थन करेगी।
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Dravida Munnetra Kazhagam
तमिलनाडु सीएम का बीजेपी पर तंज, स्टालिन ने कहा- 2024 में धर्मनिरपेक्ष सरकार चुनने का मौका
Tamil Nadu: देश में कुछ राजनीतिक दलों का मानना है कि बीजेपी के नेतृत्व में केंद्र में हिंदुत्ववादी सरकार है. ऐसा मानने वाले दलों में तमिलनाडु की डीएमके भी शामिल है. इसके पीछे की वजह ये है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को लोगों से गुजारिश की कि वे 2024 लोकसभा चुनाव में एक धर्मनिरपेक्ष केंद्र सरकार को चुनें. उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार ही भारत की विविधता को बचा पाएगी और राज्यों के अधिकारों की सुरक्षा करेगी.
पोंगल के मौके पर तमिलनाडु सीएम ने सभी धर्मों और जातियों को एक साथ लाकर एक समावेशी उत्सव मनाने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि इसे धर्मनिरपेक्ष केंद्र सरकार चुनने की दिशा में शुरुआती कदम माना जाना चाहिए. तमिलनाडु सीएम ने कहा, ‘केंद्रीय स्तर पर एक ऐसी सरकार चुनने की स्थिति तैयार है, जो भारत की विविधता, सांप्रदायिक सद्भाव, राज्य और भाषाई अधिकारों की रक्षा करेगी.’ स्टालिन की ये अपील ऐसे समय पर आई है, जब चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं.
केंद्र का रवैया सत्तावादी: स्टालिन
मुख्यमंत्री स्टालिन ने पार्टी कैडर को अपने बेटे और राज्य के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के नेतृत्व में आगामी युवा सम्मेलन को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया. इस बार युवा सम्मेलन का टॉपिक ‘राज्य अधिकारों की पुनः प्राप्ति’ है. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की गूंज दिल्ली तक होनी चाहिए. सीएम ने केंद्र सरकार के रवैये को सत्तावादी बताया. बता दें कि तमिलनाडु के सेलम में 21 जनवरी को युवा सम्मलेन का आयोजन होने वाला है.
तमिलनाडु सीएम ने कहा, ‘दो ऐसे टास्क हैं, जो हमारा इंतजार कर रहे हैं. एक तमिलनाडु का विकास और दूसरा केंद्र सरकार के स्तर पर एक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष शासन की स्थापना करना.’
इंडिया गठबंधन में शामिल है डीएमके
डीएमके इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और 2024 में पार्टी लोकसभा चुनाव कई सारी पार्टियों के साथ मिलकर लड़ने वाली है. तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं. इंडिया गठबंधन की तरफ कांग्रेस यहां कुछ सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. तमिलनाडु की मजबूत पार्टी होने की वजह से डीएमके को राज्य में ज्यादा सीटें मिलने वाली हैं. इंडिया गठबंधन को उम्मीद है कि वह बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को चुनौती देते हुए लोकसभा चुनाव जीत सकती है.
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तमिलनाडु के राज्यपाल बोले- किसी हाल में नहीं दूंगा नीट विरोधी विधेयक को मंजूरी, मचा हंगामा
Tamil Nadu Governor RN Ravi: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने शनिवार (12 अगस्त) को कहा कि वह तमिलनाडु सरकार के नीट विरोधी विधेयक को कभी भी मंजूरी नहीं देंगे. इस विधेयक को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है. राज्यपाल के इस बयान पर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्ति की है.
उन्होंने कहा, “देखिए, मैं इस विधेयक को कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चे बौद्धिक रूप से अक्षम महसूस करें. मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे कॉम्पिटिशन करें और बेस्ट बनें.” राज्यपाल ने राजभवन में नेशनल एंट्रेंस-कम-एलिजबिलिटी टेस्ट (NEET) ग्रेजुएशन 2023 में शीर्ष अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों के साथ बातचीत के दौरान यह बयान दिया.
‘नहीं दूंगा मंजूरी’
राज्यपाल रवि ने कहा, “मैं आपको बहुत स्पष्ट रूप से बता रहा हूं, मैं नीट (विधेयक) को कभी भी मंजूरी नहीं दूंगा. वैसे भी यह राष्ट्रपति के पास गया है, क्योंकि यह समवर्ती सूची का विषय है और यह ऐसा विषय है जिसे मंजूरी देने के लिए केवल राष्ट्रपति ही सक्षम हैं.” उन्होंने कहा कि एक मिथक फैलाया जा रहा है कि केवल कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर सकते हैं.
राज्यपाल की आलोचना
बता दें कि राज्य विधानसभा ने पिछले साल तमिलनाडु को नीट से छूट देने का प्रावधान देने वाला विधेयक पारित किया था. इससे पहले विधेयक को राज्यपाल रवि ने लौटा दिया था. इस पर डीएमके की छात्र शाखा के नेता और पार्टी के प्रवक्ता ने रवि के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके रवैये की आलोचना की थी.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा, ”अगले 10 महीनों में खबरें आएंगी कि पूर्व राज्यपाल आरएन रवि ने (किसी मुद्दे पर) राय दी थी.” उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद राज्यपाल बदल दिया जाएगा. तब तक अपना अहंकार जारी रखें.
DMK ने भी की राज्यपाल की आलोचना
द्रमुक की सहयोगी पार्टी भाकपा ने भी नीट मुद्दे पर रवि पर निशाना साधा. पार्टी ने कहा कि रवि का ‘अहंकारी’ बयान लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुरूप नहीं है, यह ‘अभिभावकों को डराने’ वाला है. पार्टी ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल की ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए लोकतांत्रिक ताकतों को हाथ मिलाने और संघर्ष को आगे बढ़ाने की सख्त जरूरत है. भाकपा ने कहा कि राज्यपाल विधानसभा, कैबिनेट और मुख्यमंत्री की सलाह पर चलने के बजाय ‘तानाशाही’ कर रहे हैं.
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