मियां मुसलमानों को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक दिन पहले ‘स्वदेशी’ टिप्पणी की थी। सरमा की शर्त को लेकर ओवैसी भड़के हुए हैं।
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हिमंत बिस्वा सरमा
असम में सीट बंटवारे पर हुआ फैसला, भाजपा 14 में से इतनी सीटों पर लड़ेगी चुनाव – India TV Hindi
आगामी लोकसभा चुनाव का समय धीरे-धीरे सामने आ रहा है। निर्वाचन आयोग की ओर से जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। इस चुनाव को लेकर सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने भी असम की 14 लोकसभा सीटों के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले का ऐलान कर दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है कि राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच समझौता हो गया है। आइए जानते हैं कि कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा।
भाजपा 11 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुरुवार को कहा कि सीट बंटवारे पर समझौते के मुताबिक, भाजपा असम में 11 सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, उसकी सहयोगी असम गण परिषद 2 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी। असम गण परिषद को बारपेटा और धुबरी तो वहीं, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल को कोकराझार सीट मिली है। सीएम हिमंत ने बताया कि एनडीए के सहयोगी दल सभी 14 निर्वाचन क्षेत्रों में एक-दूसरे के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।
ऐसे बना सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
असम के सीएम हिमंत ने कहा है कि असम भाजपा के अध्यक्ष भाबेश कलिता और मैंने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और हमारे राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष के साथ बैठक की है। हिमंता ने बताया कि UPPL ने कोकराझार सीट के लिए अनुरोध किया था, जिस पर भाजपा सहमत हो गई। वहीं, AGP जिसका पूरे राज्य में आधार है, अधिक सीट चाहती थी। हिमंता ने बताया कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के अनुरोध से अवगत कराने के बाद AGP 2 सीटों के लिए मान गई है।
11 सीटें जीतने का दावा
असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि वह राज्य की कुल 14 लोकसभा सीट में से 11 सीट जीतने को लेकर आशान्वित हैं। बता दें कि वर्तमान में राज्य में 14 में से 9 सांसद भाजपा के हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी के 3 और एआईयूडीएफ के पास लोकसभा सीट है। जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के पास है। (इनपुट: भाषा)
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असम में UCC लागू करने को सरमा भी तैयार, बोले- लेकिन हम लाएंगे अपना मॉडल
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Uniform Civil Code: उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की तैयारी चल रही है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी कह दिया है कि अगर सब ठीक रहा है तो वह अपने राज्य में भी इसे लागू करेंगे। हालांकि, इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक की बारीकी से निगरानी कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम देखने की कोशिश कर रहे हैं कि इसे पूर्वोत्तर राज्य में पूरी तरह से लागू किया जा सकता है या नहीं।
आपको बता दें कि धामी सरकार के द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी मसौदा रिपोर्ट सौंप दी है। इसके सिर्फ दो घंटे बाद ही सीएम सरमा की प्रतिक्रिया सामने आई है।
सरमा ने कहा, “उत्तराखंड में यूसीसी को लेकर जो भी काम हो रहा है उसपर बारीकी से नजर रखेंगे। यदि उत्तराखंड की सरकार यह विधेयक 5 फरवरी को राज्य विधानसभा में पेश करती है तो हम देखेंगे कि क्या इसे असम में भी पूरी तरह से लागू कर सकते हैं या नहीं। हमारा विधानसभा सत्र 12 फरवरी से शुरू होगा, इसलिए हमारे पास अभी कुछ समय है।”
सीएम सरमा ने बताया कि उनकी सरकार असम में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिनियम तैयार कर रही है। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार यूसीसी को लागू करेगी लेकिन आदिवासी आबादी को इसके दायरे से दूर रखेगी। उन्होंने कहा था, “उत्तराखंड और गुजरात पहले यूसीसी लाएंगे और असम उन विधेयकों में कुछ नए बदलाव कर राज्य में लागू करेगा।”
उन्होंने कहा, “मैं उत्तराखंड के यूसीसी विधेयक को देखने का इंतजार कर रहा हूं। जब यह एक बार यह पूरा हो जाएगा, हम वही कानून असम में भी लाएंगे। चूंकि हम बाल विवाह और बहुविवाह के खिलाफ काम कर रहे हैं, इसलिए इसमें कुछ बदलाव होंगे। असम में आदिवासी समुदाय को छूट दी जाएगी।”
सरमा ने यह भी कहा कि अगर यूसीसी विधेयक पर सार्वजनिक परामर्श 2-3 महीने में हो सकता है, तो इसे जल्द ही असम विधानसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि सब कुछ उत्तराखंड और गुजरात विधेयकों पर निर्भर करेगा, लेकिन असम यूसीसी लागू करने वाला तीसरा राज्य होगा।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर असम में बवाल, FIR के आदेश पर राहुल गांधी बोले- ‘हमें तो फायदा हो रहा’
Rahul Gandhi in Assam: राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ असम में है. इसे लेकर काफी विवाद देखने को मिल रहा है, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और असम पुलिस के बीच झड़प भी सामने आई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ दी. मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने डीजीपी से कहा है कि राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया जाए. पुलिस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतरने से रोक भी रोका जा रहा है.
एफआईआर को लेकर राहुल गांधी ने कहा, “असम के सीएम जो कर रहे हैं उससे यात्रा को फायदा मिल रहा है. हमारा प्रचार हो रहा है. इस तरह सीएम और अमित शाह हमारी मदद कर रहे हैं. ये डराने की कोशिश हैं, लेकिन हम डरने वाले नहीं है. लोग बोल रहे हैं कि जेपी नड्डा गुवाहाटी में जा सकते हैं तो राहुल गांधी क्यों नहीं जा सकते? हिमंत देश के सबसे भ्रष्ट सीएम हैं. यहां काफी बेरोजगारी है.”
‘हमारा संदेश लोगों तक पहुंच रहा है’
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, “जो प्रचार हमें नहीं मिला होगा, ऐसा करके असम के सीएम और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमारी मदद कर रहे हैं. अब, असम में मुख्य मुद्दा यात्रा है. यह उनकी डराने-धमकाने की रणनीति है. न्याय का हमारा संदेश लोगों तक पहुंच रहा है. मंदिर जाने से और पदयात्रा रोकना इनकी रणनीति है. लोग उनसे पूछ रहे हैं पदयात्रा जेपी नड्डा और बजरंग दल की चली जाती है लेकिन हमारी रोक दी जाती है. ये साफ है कि विपक्ष के तौर पर कांग्रेस लड़ाई लड़ रही है, हमारी अन्य साथी पार्टियां लड़ रही हैं.”
राम मंदिर उद्घाटन पर क्या बोले राहुल गांधी?
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और देश में राम लहर को लेकर एबीपी न्यूज के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, “कोई लहर नहीं है. मैं पहले कह चुका हूं कि यह बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम था. हम अपना प्लान देश के सामने रखेंगे. आने वाले दिनों में हम युवा, किसान, महिलाओं के लिए न्याय का हमारा रोडमैप जारी करेंगे.”
‘मेरी ही बिल्ली मुझ से ही म्याऊं’, हिमंत बिस्व सरमा को लेकर बोले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार (21 जनवरी) को दावा किया कि असम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उनकी पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की सफलता से इतनी ‘भयभीत’ है कि उसके लोगों ने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख पर हमला कर दिया.
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि 2022-23 में कांग्रेस की पहली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ बीजेपी शासित कई राज्यों से होकर गुजरी थी लेकिन उस पर एक भी पत्थर नहीं फेंका गया था. उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के कांग्रेस के जरिये राजनीति में प्रवेश करने का जिक्र करते हुए कहा, ”मेरी ही बिल्ली मुझ से ही म्याऊं.”
कांग्रेस से सरमा के जुड़े रहने को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह मेरी बिल्ली, मुझसे ही म्याऊं का मामला है. जो पहले हमारे साथ थे वह अब हमें ही आंख दिखा रहे हैं.’ कांग्रेस अध्यक्ष ने नगांव जिले में यात्रा के तहत एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”कन्याकुमारी से कश्मीर तक की (भारत जोड़ो) यात्रा के दौरान उस पर एक भी पत्थर नहीं फेंका गया था. किसी ने हमें धमकाने की कोशिश नहीं की जबकि हम बीजेपी शासित कई राज्यों से गुजरे थे.”
असम में क्यों हो रहा है ऐसा?
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”यहां तक कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय नागपुर में, लाखों लोग (यात्रा में) हमारे साथ जुड़े और कोई घटना नहीं हुई. उन्होंने मुख्यमंत्री सरमा का नाम लिए बिना कहा, ”असम में यह क्यों हो रहा है? यह यहां इसलिए हो रहा है कि (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी का चेला आंख मूंद कर अपने साहब की बात सुनता है.”
‘हमलों से कांग्रेस कार्यकर्ता डरने वाले नहीं’
इससे पहले दिन में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, ”यात्रा यहां इतनी सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है कि बीजेपी के लोग भयभीत हैं और उन्होंने हमारी पार्टी के प्रदेश प्रमुख पर हमला कर दिया, लेकिन ना तो बोरा और ना ही कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता डरता है.”
‘शांतिपूर्वक यात्रा निकालने के वक्त हुआ हमला’
उन्होंने आगे कहा, ”हमारे प्रदेश अध्यक्ष की नाक से खून बह रहा था. देश में सहिष्णुता कहां चली गयी? हमारे लोग शांतिपूर्वक यात्रा कर रहे थे.” बोरा पर उस समय हमला किया गया, जब उनकी कार सोनितपुर के जमुगुरीहाट में बजरंग दल के एक कार्यक्रम स्थल के पास से गुजर रही थी.