<p style="text-align: justify;"><strong>MCD News:</strong> दिल्ली नगर निगम की तरफ से लोगों की परेशानी दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है. दिल्ली में कूड़े और सफाई से जुड़ी किसी भी शिकायत को लेकर अब एक कॉल में 24 घंटे के अंदर नगर निगम इसका समाधान करेगा. </p>
<p style="text-align: justify;">इसको लेकर दिल्ली नगर निगम ने अपने सफाई से जुड़े ऐप ‘311’ को एक्टिव कर लिया है यानी अगर कहीं भी दिल्ली में कूड़ा या गंदगी दिखती है तो ‘311’ ऐप के जरिए शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा कचरा संवेदनशील प्वाइंट (गार्बेज वल्नरबल प्लाइंट) की शिकायत मिलने पर 14 दिन में उसे हटा दिया जाएगा. इस ऐप से जुड़ी समस्याओं का समाधान डेली बेसिस पर किया जाएगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मेगा सफाई अभियान की शुरुआत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली नगर निगम ने मेगा सफाई अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का नाम ‘अब दिल्ली होगी साफ’ है. इस सफाई अभियान के तहत एमसीडी के अधिकारी, कर्मचारी, पार्षद, विधायक सभी दिल्ली के लोगों के साथ प्रत्येक वार्ड की सफाई करने में लगेंगे. दिल्ली की जनता की शिकायतों के लिए एमसीडी का ‘311’ नाम से एक ऐप है. इस ऐप पर जाकर अगर आप अपने इलाके में सफाई को लेकर कुछ भी शिकायत करते हैं, तो उसे तत्काल ठीक किया जाएगा. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ऐसे कर सकते हैं शिकायत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने अब दिल्ली होगी साफ के तहत जारी इस ऐप से जुड़ी जरूरी जानकारी देते हुए बताया कि कूड़ा, गड्ढा, स्ट्रीट लाइट, पार्क आदि से संबंधित समस्या की शिकायत लोग ऐप पर कर सकते हैं. शिकायत करने के लिए आपको उस समस्या का फोटो क्लिक कर लोकेशन के साथ ऐप पर भेज देना है. आपकी समस्या का समाधान 24 घंटे के अंदर किया जाएगा. </p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली के सभी डीसी को आदेश दिया गया है कि इस ऐप से जुड़ी समस्याओं का समाधान डेली बेसिस पर किया जाए. दिल्ली के सभी 12 जोनों के डीसी अपने-अपने स्तर पर निरीक्षण करें और इसकी फोटो लोकेशन के साथ ऐप पर डालें. संवेदनशील कूड़ा प्वाइंट की शिकायतों को 2 हफ्ते के अंदर हल किया जाएगा. इस ऐप में जितनी भी शिकायत आएंगी उनको दिल्ली की तीन एजेंसी की तरफ मॉनिटर किया जाएगा.</p>
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<p style="text-align: justify;"><strong><a title="यूपी के मुजफ्फरनगर में महिला टीचर की शर्मनाक करतूत, मुस्लिम छात्र को बच्चों से पिटवाया, राहुल गांधी बोले- इससे बुरा कुछ नहीं" href="https://www.abplive.com/news/india/muzaffarnagar-school-video-muslim-student-beaten-in-class-rahul-gandhi-and-other-leaders-target-bjp-and-cm-yogi-2481349" target="_self">यूपी के मुजफ्फरनगर में महिला टीचर की शर्मनाक करतूत, मुस्लिम छात्र को बच्चों से पिटवाया, राहुल गांधी बोले- इससे बुरा कुछ नहीं</a></strong></p>
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हिंदी लेटेस्ट न्यूज
‘हम उनके हमेशा कर्जदार रहेंगे’, लेह में सैनिकों की मौत पर शाह से लेकर राहुल तक ने जताया दुख
Army Truck Accident Update: लद्दाख के लेह जिले में सेना के ट्रक के सड़क से फिसलकर गहरी खाई में गिरने से 9 सैनिकों की मौत हो गई. तमाम राजनेताओं ने भी इस हादसे को लेकर दुख जताया है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि घायल कर्मियों को फील्ड अस्पताल ले जाया गया है.
राजनाथ सिंह ने कहा, “लद्दाख में लेह के पास एक दुर्घटना में भारतीयों सेना के जवानों की मौत से दुखी हूं. हम अपने राष्ट्र के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा को कभी नहीं भूलेंगे. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. घायल कर्मियों को फील्ड अस्पताल ले जाया गया है. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.”
हादसे को लेकर क्या कुछ बोले राजनेता?
वहीं, कांग्रेस ने भी ट्वीट कर कहा, “लेह में सेना की गाड़ी खाई में गिरने से 9 जवानों के शहीद होने की दुखद सूचना मिली है. ईश्वर पुण्यात्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें. इस कठिन घड़ी में हम सभी आपके साथ खड़े हैं.”
लेह में सेना की गाड़ी खाई में गिरने से 9 जवानों के शहीद होने की दुखद सूचना मिली है।
ईश्वर पुण्यात्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें।
इस कठिन घड़ी में हम सभी आपके साथ खड़े हैं।
— Congress (@INCIndia) August 19, 2023
राहुल गांधी ने जताया दुख
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस हादसे को लेकर ट्वीट कर दुख जताया. उन्होंने कहा, “लद्दाख में सेना की गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण हमारे कई जवानों की शहादत की न्यूज अत्यंत दुखद है. सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. जवानों के शोकाकुल परिवारजनों को मेरी गहरी संवेदनाएं. घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की आशा करता हूं.”
लद्दाख में सेना की गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण हमारे कई जवानों की शहादत का समाचार अत्यंत दुखद है।
सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जवानों के शोकाकुल परिवारजनों को मेरी गहरी संवेदनाएं। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की आशा करता हूं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 19, 2023
मल्लिकार्जुन खरगे ने जताया दुख
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “लेह में सेना के एक ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त होने से 9 जवानों के शहीद होने का समाचार बेहद दुखदाई है. हमारे बहादुर जवानों के हम हमेशा ऋणी रहेंगे. वीर जवानों के शोक संतप्त परिवार और परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं. घायलों की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं. इस दुख की घड़ी में पूरा देश आपके साथ है.”
लेह में सेना के एक ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त होने से 9 जवानों के शहीद होने का समाचार बेहद दुखदाई है।
हमारे बहादुर जवानों के हम हमेशा ऋणी रहेंगे।
वीर जवानों के शोक संतप्त परिवार एवं परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ। घायलों की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं।
इस…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 19, 2023
योगी आदित्यनाथ ने किया ट्वीट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “लद्दाख में सड़क दुर्घटना में सेना के जवानों का निधन अत्यंत कष्टदायक है. मां भारती के वीर सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से दिवंगत पुण्यात्माओं की शांति और घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है. भगवान शोक संतप्त परिजनों को यह अथाह दुख सहने की शक्ति दें.”
लद्दाख में सड़क दुर्घटना में सेना के जवानों का निधन अत्यंत कष्टदायक है। माँ भारती के वीर सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि!
प्रभु श्री राम से दिवंगत पुण्यात्माओं की शांति और घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है। भगवान शोक संतप्त परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 19, 2023
अमित शाह ने ट्वीट कर जताया दुख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”लद्दाख में सड़क दुर्घटना से बहुत दुखी हूं, जिसमें हमने अपने बहादुर सैनिकों को खो दिया, क्योंकि उनका वाहन खाई में गिर गया था. दुख की इस घड़ी में पूरा देश शोक संतप्त परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. उनके प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने आशा करता हूं.”
Deeply saddened by the tragic road accident in Ladakh in which we lost our valiant soldiers, as their vehicle fell into a gorge. The entire nation stands shoulder to shoulder with the bereaved families in this hour of grief. My sincerest condolences to them. May the injured…
— Amit Shah (@AmitShah) August 19, 2023
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कब से शुरू हो रही ‘छोटा अमरनाथ यात्रा’? बांदीपुर प्रशासन ने बताया कैसी चल रही तैयारियां
Chota Amarnath Yatra: 9 साल के अंतराल के बाद उत्तरी कश्मीर का बांदीपोरा जिला आगामी ‘छोटा अमरनाथ यात्रा’ की तैयारियों में व्यस्त है. छोटा अमरनाथ यात्रा 31 अगस्त से शुरू होने वाली है और भक्त गुफा के अंदर पवित्र बर्फ के लिंग के दर्शन करेंगे. ‘छोटा महाराजा यात्रा’ 2013 में पच्चीस साल के अंतराल के बाद शुरू हुई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते 2014 के बाद इसे दोबारा रोका गया था.
बांदीपुर की अरिन घाटी के घने जंगलों में पहाड़ की चोटी पर स्थित, महा दानेश्वर मंदिर, जिसे ‘छोटा अमरनाथ’ भी कहा जाता है, में प्राकृतिक रूप से बना बर्फ का शिवलिंग है. ऊपर से पानी की बूंदें धीरे-धीरे इस लिंगम पर गिरती हैं. इस गुफा की तीर्थयात्रा में केवल एक दिन लगता है, जिसके अंदर की संकीर्ण जगह में केवल 7 से 8 व्यक्तियों के रहने की जगह है.
छोटा अमरनाथ के नाम से मशहूर है ये मंदिर
श्रीनगर से 75 किलोमीटर दूर बांदीपुर जिले के अजस गांव के मजबूत पहाड़ों में बना यह प्राकृत गुफा मंदिर कई घाटों की कठिन चढ़ाई के बाद घने जंगलों के बीच बसा है. मंदिर को स्थानीय लोग “दियानेश्वर मंदिर” के नाम से जानते थे और बाकी दुनिया छोटा अमरनाथ के नाम से.
इस मंदिर में शिव, पार्वती और गणेश के प्राकृतिक स्वरूप में बनी प्रतिमाओं के साथ कठोर पत्थरों को तराश कर बनाई गई मूर्तियां भी हैं. गुफा में शिवलिंग के ऊपर पानी की एक धारा भी बहती है जिसे दूर से देखने पर दूध जैसा दिखता है. यात्रा के लिए दर्शनार्थियों को 15 किलोमीटर लंबा मार्ग पैदल तय करना होता है.
पहले लगा करता था बड़ा मेला
1989 में कश्मीर में हालात खराब होने से पहले यहां हर साल श्रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) पर एक बार भव्य मेला लगता था जो तीन दिनों तक जारी रहता था. जिसमें न सिर्फ कश्मीर घाटी से बल्कि पूरे देश से भी भक्तजन आते थे. हर साल चार-पांच हजार यात्री यहां आया करते थे.
इस गुफा मंदिर के बारे में कोई दावा नहीं कर सकता कि इसे कब बनाया गया है और जब इसका पता बांदीपुर में रहने वाले लोगों को चला तो गांव के एक जमींदार आफताब कौल के पूर्वजों ने इस मंदिर को ढूंढ़ा.
स्थानीय लोगों की सालभर की आमदनी का जरिया
पच्चीस साल पहले ये यात्रा इस क्षेत्र के लिए कितनी अहम थी इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यात्रा स्थानीय लोगों के लिए सालभर की आमदनी का एक मात्र स्रोत थी. जैसे पहलगाम के लोगों के लिए अमरनाथ यात्रा होती थी. अब यात्रा के फिर से शुरू होने से स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि पहले की तरह बुड्ढा अमरनाथ की यात्रा की भी शुरुआत होगी.
डीडीसी सदस्य (अरिन) गुलाम मोहिउद्दीन के अनुसार स्थानीय निवासियों ने इस पहल के लिए अपना समर्थन बढ़ाया है, लेकिन बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है. मोहिउद्दीन ने कहा, “हम छोटा अमरनाथ यात्रा को लेकर रोमांचित हैं. यह एक स्वागत योग्य कदम है जो हमारे समुदाय में भक्ति की भावना लाता है. हालांकि, यात्रा मार्ग पर मौजूदा सड़क संपर्क और बुनियादी सुविधाओं को लेकर चिंताएं व्यक्त की गईं.”
सुरक्षा को लेकर किए जा रहे बंदोबस्त
उन्होंने कहा, “हालांकि हम इस प्रयास की सराहना करते हैं, लेकिन अधिक आरामदायक तीर्थयात्रा के लिए उचित सड़क कनेक्टिविटी और सुविधाएं सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है.” अधिकारी अमीर शफी राथर ने कहा, “सुरक्षा एक प्राथमिकता बनी हुई है. पुलिस विभाग सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त कर्मियों को तैनात करने के लिए तैयार है. पुलिस विभाग की संचार शाखा तीर्थयात्रियों को आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है.”
इस बीच, प्रशासन दृश्यता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए यात्रा मार्ग पर सोलर लाइट लगाने पर भी काम कर रहा है. स्थानीय लोगों की इस आशा को ध्यान में रखते हुए, नौ साल के अंतराल के बाद अब स्वास्थ्य, वन, राजस्व और कई अन्य विभागों के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों, डीडीसी और पंचायत सदस्यों के साथ उस स्थान का दौरा किया.
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अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर SC में सुनवाई, पुनर्गठन पर संसद के अधिकारों को लेकर पूछे सवाल
Supreme Court Hearing Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (16 अगस्त) को सवाल किया कि क्या संसद 2018-2019 में राष्ट्रपति शासन के दौरान जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू कर सकती थी. इस अधिनियम के जरिये पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था.
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पांच अगस्त, 2019 को राज्यसभा में पेश किया गया और पारित किया गया था. अगले दिन लोकसभा में पेश किया गया और पारित किया गया था. इसे नौ अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी.
अनुच्छेद 370 को निरस्त के मामले पर सुनवाई
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की पीठ ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन से यह सवाल पूछा. इस पार्टी ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने के अलावा 19 दिसंबर, 2018 को पूर्ववर्ती राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने और तीन जुलाई, 2019 को इसे छह महीने के लिए बढ़ाये जाने का भी विरोध किया है.
चीफ जस्टिस ने पूछा सवाल
चीफ जस्टिस ने धवन से पूछा, “क्या संसद अनुच्छेद 356 की उद्घोषणा के लागू रहने की अवधि के दौरान अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए कोई कानून (जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम) बना सकती है.” धवन ने जवाब दिया कि संसद संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 में वर्णित सभी सीमाओं के अधीन एक कानून पारित कर सकती है.
पीठ में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल थे. धवन ने पीठ को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 के तहत नए राज्यों के गठन और मौजूदा राज्य के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में बदलाव से संबंधित एक अनिवार्य शर्त है जहां राष्ट्रपति को मामले को राज्य विधायिका के पास भेजना होता है.
सुनवाई के दौरान और क्या कुछ हुआ?
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के छठे दिन धवन ने कहा, “जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन, 2019 से संबंधित अधिसूचना ने अनुच्छेद 3 के अनिवार्य प्रावधान (राष्ट्रपति द्वारा राज्य विधानमंडल को भेजे जाने) को निलंबित करके अनुच्छेद 3 में एक संवैधानिक संशोधन किया.”
उन्होंने कहा कि केंद्र ने वस्तुत: संविधान में संशोधन किया है और संपूर्ण जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 से सामने आया है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने धवन से पूछा, “हम संविधान की धारा 356 (1) (सी) से कैसे निपटते हैं? क्या राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 356 के तहत उद्घोषणा लागू रहने के दौरान संविधान के कुछ प्रावधानों को निलंबित करने की शक्ति है?”
धवन ने कहा, “हां, राष्ट्रपति संविधान के किसी प्रावधान को निलंबित कर सकते हैं, लेकिन यह उद्घोषणा की अनुपूरक होनी चाहिए. इस मामले में यह पूरक होने से परे है और अनुच्छेद 3 के तहत अनिवार्य प्रावधान को वास्तव में हटाया गया.”
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने धवन से कहा कि यदि राष्ट्रपति किसी उद्घोषणा में संविधान के किसी प्रावधान के क्रियान्वयन को निलंबित कर देते हैं, तो क्या यह इस आधार पर अदालत में निर्णय के योग्य है कि यह आकस्मिक या पूरक नहीं है.
वरिष्ठ वकील ने उत्तर दिया, “मैंने कभी ऐसा प्रावधान नहीं देखा जो वास्तव में एक अनिवार्य प्रावधान को हटा देता हो. यह असाधारण है. यदि आप अनुच्छेद 356(1)(सी) के दायरे का विस्तार करते हैं, तो आप कहेंगे कि राष्ट्रपति के पास संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने का अधिकार है. अनुच्छेद 356(1)(सी) को एक अनिवार्य प्रावधान के साथ पढ़ा जाना चाहिए जिसे वह कमतर नहीं कर सकता.”
गुरुवार को भी होगी सुनवाई
लगभग चार घंटे तक दलील देने वाले धवन ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के दौरान अनुच्छेद 3 और 4 और अनुच्छेद 370 को लागू नहीं किया जा सकता है. सुनवाई बेनतीजा रही और गुरुवार को भी जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त को कहा था कि अक्टूबर 1947 में पूर्व रियासत के विलय के साथ जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता का भारत को समर्पण “परिपूर्ण” था और यह कहना “वास्तव में मुश्किल” है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत पूर्ववर्ती राज्य को मिला विशेष दर्जा स्थायी प्रकृति का था.
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जम्मू-कश्मीर में होंगे निगम के चुनाव? वोटर लिस्ट के स्पेशल रिव्यू का आदेश
Jammu Kashmir Election Commission: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) ने शुक्रवार (28 जुलाई) को श्रीनगर और जम्मू नगर निगमों के लिए मतदाता सूची (Voter’s List) के स्पेशल रिव्यू का आदेश दिया. इस कदम को जम्मू-कश्मीर में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Elections) कराने की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है.
28 जुलाई को जारी एक आदेश में सीईओ (CEO) ने एसएमसी और जेएमसी के लिए मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का आदेश दिया है. आदेश के मुताबिक, इस साल 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची का अनावरण किया जाएगा, जबकि अंतिम मतदाता सूची 25 अगस्त को पब्लिश की जाएगी.
दोनों निगमों का कार्यकाल नवंबर 2023 में समाप्त होने वाला है और दोनों निकायों के चुनाव आखिरी बार सितंबर-अक्टूबर 2018 में हुए थे. जम्मू-कश्मीर में नवंबर-दिसंबर 2023 में स्थानीय निकाय और नगर निगम चुनाव होने की संभावना है. साल 2023 में प्रस्तावित चुनाव में दो नगर निगमों समेत 77 नगर निकायों के लिए 1119 वार्डों में चुनाव हो सकते हैं.
चुनावों की तैयारियां जारी
हाल ही में शहरी स्थानीय निकाय (ULBs) चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पीके पोल ने जम्मू-कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में यूटी के सभी उप जिला चुनाव अधिकारी, जम्मू और श्रीनगर नगर निगमों के संयुक्त आयुक्त, नगर परिषद/समितियों के कार्यकारी अधिकारी, सभी चुनाव नायब तहसीलदार, समेत तकनीकी व्यक्ति शामिल हुए थे.
नोडल ऑफिसर की नियुक्ति
इससे पहले सरकार की तरफ से आवास और शहरी विकास विभाग के सचिव अनिल कौल को 2023 में जम्मू-कश्मीर में नगर निकाय चुनाव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. कौल नगर निगमों और नगर पालिकाओं से संबंधित सभी मुद्दों से निपटेंगे.
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