यूक्रेन में सेना भर्ती को लेकर बड़े बदलाव का कानून संसद में पास हो गया है। हालांकि अभी इसे लागू नहीं किया गया है। इसको लेकर पहले से ही सैनिकों में रोष व्याप्त होने लगा है।
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म्यांमार में बदतर हुए हालात, भारत ने दूतावास से कर्मचारियों को निकाला; तीन भारतीय किडनैप
अपहरण की खबरों पर प्रवक्ता ने कहा कि दूतावास इस मामले पर काम कर रहा है और उम्मीद है कि जल्द उनकी घर वापसी होगी। म्यांमार के कई हिस्सों में सैन्य जुंटा और प्रतिरोधी बलों के बीच तेज लड़ाई छिड़ी हुई है।
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South Korea: संसदीय चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार, पीएम हान डक सू ने की इस्तीफे की पेशकश
दक्षिण कोरिया के पीएम ने की इस्तीफे की पेशकश
– फोटो : एएनआई/एक्स
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दक्षिण कोरिया के संसदीय चुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ। नतीजों के शुरुआती रुझानों में राष्ट्रपति यून सुक की पार्टी पिछड़ती नजर आ रही है, वहीं विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिल सकता है। दक्षिण कोरियाई मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआती रुझानों में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी 161 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं सत्ताधारी पार्टी पीपल्स पावर पार्टी 90 सीटों पर आगे है। चुनाव के अंतिम नतीजें गुरुवार शाम तक जारी हो सकते हैं। दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री हान डक सू समेत राष्ट्रपति के कई शीर्ष अधिकारियों ने राष्ट्रपति यून सुक योल से मिलकर अपने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि राष्ट्रपति ने इस्तीफे स्वीकार किए हैं या नहीं। दरअसल सत्ताधारी पार्टी पीपल्स पावर पार्टी को संसदीय चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। हान डक सू ने हार की जिम्मेदारी ली है और नैतिकता के नाते अपने इस्तीफे की पेशकश की है।
विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी को बहुमत के संकेत
दक्षिण कोरिया के नेशनल इलेक्शन कमीशन एंड नेटवर्क ब्रॉडकास्टर्स के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब छह बजे तक 99 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है, जिनके अनुसार डेमोक्रेटिक पार्टी को 300 में से 170 सीटों पर जीत मिल सकती है। वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की सहयोगी पार्टी लिबरल पार्टी को कम से कम 10 सीटों पर जीत मिल सकती है। इस पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जी म्युंग ने कहा कि ‘जब मतदाता मुझे चुनते हैं तो उनका यह फैसला यून सुन योल सरकार के खिलाफ है और वे डेमोक्रेटिक पार्टी को यह जिम्मेदारी दे रहे हैं कि हम लोगों की आजीविका और समाज को बेहतर बनाने के लिए काम करें।’
राष्ट्रपति यून को बड़ा झटका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विभिन्न सर्वे में भी डेमोक्रेटिक पार्टी की 196 सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा किया गया था। वहीं पीपल्स पावर पार्टी को 105 सीटें मिलने की बात कही गई थी। चुनाव नतीजों में भी पीपल्स पावर पार्टी को 100 के करीब सीटें मिलने की उम्मीद है। इसका मतलब ये होगा कि विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के पास संसद में बहुमत होगा और ऐसे में विपक्षी पार्टी के पास राष्ट्रपति के वीटो को पलटने और संविधान संशोधन की शक्ति होगी। राष्ट्रपति यून ने करीब दो साल पहले राष्ट्रपति पद संभाला था और अभी उनका तीन और वर्षों का कार्यकाल बचा है। ऐसे में संसदीय चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि राष्ट्रपति यून सुक योल को अपना पूरा कार्यकाल संसद में विपक्ष के दबदबे के बीच गुजरना पड़ेगा। राष्ट्रपति यून ने राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के ली जी म्युंग को करीबी मुकाबले में हराया था।
दक्षिण कोरिया में 254 सीटों के लिए हुआ था मतदान
दक्षिण कोरिया में संसद की 300 सीटें हैं, जिनमें से 254 सीटों पर सीधे चुनाव होता है, वहीं 46 अन्य सीटें पार्टी समर्थन के अनुसार आवंटित की जाती हैं। दक्षिण कोरिया के चुनाव आयोग के अनुसार, संसदीय चुनाव में करीब 67 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह दक्षिण कोरिया के संसदीय चुनाव में सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत है।
Pakistan: ईद के मौके पर सड़कों पर उतरा बलूच समुदाय, सेना के अत्याचारों के खिलाफ किया देश भर में किया प्रदर्शन
बैनर-पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरा बलूच समुदाय।
– फोटो : ANI
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पाकिस्तान में बुधवार को ईद मनाई गई। इस दौरान बलूच समुदाय ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बलूच समुदाय पर हो रहे अत्याचारों और सेना के जुल्म को उजागर करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए। बलूच समुदाय को जबरन गायब किए जाने के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन में महिलाओं और बच्चों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। प्रदर्शन में बलूच न्याय की मांग करता है जैसे कई नारे लगाए गए।
Today, on the occasion of Eid, the Baloch Student Council Islamabad has staged a protest rally against the enforced disappearances, systematic harassment, racial profiling, and surveillance of Baloch students in the universities and institutions of Punjab and Islamabad. Under… pic.twitter.com/PIE6ewSpDJ
— Baloch Students Council (Islamabad) (@BSCIslamabad) April 10, 2024
मानवाधिकार उल्लंघन के कारण कई छात्रों पढ़ाई छोड़ दी
बलूच छात्र परिषद, इस्लामाबाद ने पंजाब और इस्लामाबाद के शैक्षणिक संस्थानों में बलूच छात्रों के जबरन गायब होने, उत्पीड़न और नस्लीय प्रोफाइलिंग के खिलाफ विरोध किया। एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन के कारण कई छात्रों पढ़ाई छोड़ दी। प्रोफाइलिंग के कारण कई लोगों का अपहरण कर लिया गया। हम फिरोज और अहमद खान सहित सभी बलूचों की रिहाई की मांग करता है। हम हर बलूचों की सुरक्षा की मांग करते हैं।
آج کراچی میں جبری گمشدگیوں کے خلاف ہونے والے احتجاجی ریلی میں بڑی تعداد میں لوگوں نے شرکت کی ان سب کا تہہ دل سے شکر گزار ہیں جنہوں نے عید کا دن بھی گھروں میں اپنے خاندان کے ساتھ گزارنے کے بجائے ہمارے ساتھ یکجتی کرنے ہمارے ساتھ کھڑے رہے
جبری گمشدگیوں کے مسئلے سے انکاری، ریاست کی… pic.twitter.com/fv9S3PxAIy
— Sammi Deen Baloch (@SammiBaluch) April 10, 2024
लोग घर पर ईद मना रहे हैं लेकिन बलूच सड़कों पर हैं
प्रमुख बलूच नेता और कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज बलूच लापता व्यक्तियों के परिवार, इस्लामाबाद, कराची और बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए पीड़ितों के साथ सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह मानवाधिकार का उल्लंघन है। दुनिया भर में लोग घर पर ईद मना रहे हैं लेकिन हम बलूच अपने दर्द और पीड़ा के कारण सड़कों पर उतरे हैं। पेरिस के एक गैर सरकारी संगठन बलूच वॉयस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि ईद के दिन बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तानी फासीवादी सेना द्वारा जबरन गायब किए गए पीड़ितों की आजादी और सुरक्षा की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
#Balochistan on Eid Day. People are asking for freedom, liberty, and safe release of victims of #enforceddisappeared people by #Pakistani fascist Army. pic.twitter.com/pnDUtE49yA
— Munir Mengal (@MMengal) April 10, 2024
Peter Higgs: नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक पीटर हिग्स का निधन, गॉड पार्टिकल्स की खोज के लिए किया जाएगा याद
Peter Higgs
– फोटो : Social Media
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नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक पीटर हिग्स का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्हें गॉड पार्टिकल की खोज के लिए जाना जाता है, जिसने यह समझाने में मदद की थी कि बिग बैंग के बाद सृष्टि की रचना कैसे हुई। हिग्स-बोसोन सिद्धांत के लिए उन्हें संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था। स्कॉटिश विश्वविद्यालय ने निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि सोमवार आठ अप्रैल को छोटी सी बीमारी के कारण घर पर उनका निधन हो गया। बता दें, हिग्स करीब 50 साल प्रोफेसर स्कॉटिश विश्वविद्यालय में काम कर चुके हैं।
स्कॉटिश विश्वविद्यालय ने आगे कहा कि वे एक महान शिक्षक थे। वे युवा वैज्ञानिकों की पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं। उनके परिवार का अनुरोध है कि मीडिया और जनता फिलहाल उनकी निजता का सम्मान करे। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के कुलपति पीटर मैथिसन ने कहा कि हिग्स एक उल्लेखनीय व्यक्ति थे। वे सचमुच प्रतिभाशाली वैज्ञानिक थे। उनकी दृष्टि और कल्पना ने हमें दुनिया के बारे में हमारे ज्ञान को समृद्ध किया है। उनके कार्यों से हजारों वैज्ञानिक प्रेरित होते हैं। आने वाली पीढ़ियां उनकी विरासत को भी आगे बढ़ाती रहेंगी।
गॉड पार्टिकल के लिए किए जाएंगे याद
बिग बैंग के बाद जब ब्रह्मांड धीरे-धीरे ठंडा होने लगा। उस दौरान अचानक हिग्स फील्ड अस्तित्व में आ गई। मानो कुदरत ने किसी बड़े मैकेनिज्म के एक लीवर को खींच दिया हो, जिसके चलते हिग्स फील्ड हमारे यूनिवर्स में काम करने लगी। हिग्स फील्ड आने के बाद भार रहित (Mass Less) यानी प्रकाश की गति से चलने वाले कुछ कण इस फील्ड से इंटरैक्ट करने लगे। इस इंटरेक्शन के कारण उनमें भार (Mass) आने लगा। वहीं फोटोन जैसे कुछ कण अभी भी हिग्स फील्ड के साथ इंटरैक्ट नहीं कर रहे थे। वे अभी भी ऊर्जा के बंडल ही थे।
हिग्स फील्ड के साथ इंटरेक्शन से बड़े पैमाने पर ब्रह्मांड में पदार्थ (Matter) बनने लगे। बाद में आगे चलकर इन्हीं पदार्थों से ग्रहों, तारों, निहारिकाएं आदि का निर्माण हुआ। अगर उस समय हिग्स फील्ड अस्तित्व में न आई होती, तो इस जगत में किसी कण (Particles) में भार (Mass) नहीं होता। भार न होने के कारण वे सभी लाइट की स्पीड पर गति कर रहे होते। ऐसे में न पदार्थ का निर्माण होता और न ही तारे या आकाशगंगाएं होतीं। ऐसा कहें कि आज हमारे होनेे के पीछ हिग्स फील्ड का बहुत बड़ा हाथ है।