पश्चिम बंगाल में तृणमूल ने पार्टी के सभी विधायकों को विधानसभा (Assembly) सत्र में शामिल होने का निर्देश दिया है. मौजूदा विधानसभा सत्र से विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी. विधानसभा में 24 नवंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. तृणमूल की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीए) ने बैठक में इस संबंध में फैसला लिया है.तृणमूल सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस मामले में इतनी सख्ती बरतने जा रही है कि विधायकों की उपस्थिति रिकॉर्ड को लेकर एक नया नियम लाया गया है. यह निर्णय लिया गया है कि अब से उपस्थिति पुस्तिका परिषद् मंत्री के घर में रखी जायेगी. वहां विधायकों को विधानसभा में आने और जाने का समय लिखना होगा.
24 नवंबर से 30 नवंबर तक चलेगा विधानसभा सत्र
यह बैठक मंगलवार को स्पीकर व प्राचार्य बिमान बनर्जी के घर में हुई. उस बैठक के बाद नये फैसले की घोषणा की गयी. वहीं, स्पीकर ने कहा कि आगामी सत्र में जिन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, उस पर भी बैठक में निर्णय लिया गया है. फिलहाल 24 नवंबर से 30 नवंबर तक विधानसभा सत्र की तारीख तय की गई है. लेकिन सत्र सिर्फ चार दिनों का ही होगा. शुक्रवार 24 नवंबर उसके बाद शनिवारव रविवार की छुट्टी. सोमवार को गुरु पूर्णिमा का अवकाश होने के कारण सत्र नहीं होगा. परिणामस्वरूप, सत्र 28, 29 और 30 नवंबर को फिर से जारी रहेगा. स्पीकर ने कहा कि इन चार दिनों में विधानसभा में चर्चा का मुख्य विषय राज्य के मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी होगी.
संविधान दिवस के मौके पर संविधान पर ही चर्चा करने का लिया गया फैसला
28 तारीख को संविधान दिवस के मौके पर संविधान पर ही चर्चा करने का फैसला लिया गया है. स्पीकर ने कहा कि ऐसे में सभी को लगता है कि संविधान का उल्लंघन हो रहा है. मैं ईडी-सीबीआई के बारे में कुछ भी नया नहीं कहूंगा. उस दिन संविधान पर चर्चा के लिए 2 घंटे का समय आरक्षित रखा गया है. 29 तारीख को विधायकों की सैलरी बढ़ाने का बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा. इस पर भी चर्चा होगी. 30 नवंबर को विधानसभा में मंत्रियों की सैलरी बढ़ाने का बिल लाया जाएगा और उस पर चर्चा होगी. हालांकि, विधानसभा सत्र 30 तारीख के बाद चलेगा या नहीं, इसका फैसला अगले बुधवार यानी 29 नवंबर को होगा.
22 विधेयक राज्यपाल के पास लंबित
हाल ही में राज्यपाल ने कहा था कि विधानसभा का कोई भी बिल उनके पास नहीं फंसा है. इस संबंध में स्पीकर का बयान भी मांगा गया. उन्होंने कहा, ”हमने आधिकारिक तौर पर सूचित किया है कि 22 विधेयक राज्यपाल के पास लंबित हैं. मेरे पास कोई आधिकारिक संचार नहीं है.राज्यपाल को विधानसभा को सूचित करना चाहिए. राज्यपाल चाहें तो इस मामले पर चर्चा कर सकते हैं. हम चर्चा करेंगे. स्पीकर से पूछा गया कि क्या वह विधान सभा में आईएसएफ के एकमात्र विधायक नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मौजूदगी के बारे में कुछ कहना चाहते हैं. यह सुनकर स्पीकर ने साफ कहा, ”विधानसभा में इस नाम की कोई पार्टी नहीं है. जो भी है उस पार्टी का नाम है मजलिस पार्टी.