समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर कहा कि आज जो कार्यक्रम है उसमें जो मूर्ति रखी गई थी वह भगवान का रूप लेगी, भगवान श्री राम को जितने भी मानने वाले लोग हैं वह उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे. जो भगवान राम के पद चिन्हों पर चलते हैं वह उनके सबसे करीब होते हैं. आज के बाद जो पत्थर की मूर्ति थी उसमें प्राण आ जाएंगे, हम सब उनको अब इस भाव से देखेंगे जिससे हम उनकी साधना करेंगे. इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट के जरिए पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया था. जिसमें अखिलेश ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है कि उस पावन हृदय में बसते हैं ‘सियाराम’, जो करता रीति-नीति-मर्यादा का मान. बता दे कि अखिलेश यादव को भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता दिया गया था, लेकिन आज वो इस समारोह में शामिल नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा था कि वो प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने पूरे परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. वहीं उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी कहा था कि अगर उन्हें समारोह का निमंत्रण मिला तो वो समारोह में जाएंगे. अगर नहीं मिला तो बाद में दर्शन ज़रूर करेंगे. अखिलेश यादव ही नहीं कई अन्य विरोधी दलों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई हुई है. इनमें कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी दल शामिल हैं.
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अयोध्या की गलियों में गोलियों की आवाज नहीं रामधुन सुनाई देती है, अब कर्फ्यू की जगह होगा दीपोत्सव- सीएम योगी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब अयोध्या की गलियों में गोलियां नहीं चलती हैं, बल्कि, दीपोत्सव होता है. आज की अयोध्या कर्फ्यू के दौर से नहीं गुजर रही है बल्कि राम नाम के संकीर्तन की गूंज से गुंजायमान हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में होमस्टे शुरू करने के लिए अब तक 1,000 लोगों ने आवेदन किया है. होमस्टे कार्यक्रम के साथ लोगों के जुड़ने से एक तरफ जहां अतिथि देवो भवः का भाव व्यक्त होगा, वहीं, दूसरी तरफ यह लोगों की आजीविका का माध्यम बनेगा. सीएम योगी ने कहा कि नव्य अयोध्या में लोगों की श्रद्धा और विश्वास का भी सम्मान होगा. पर्यटकों को भी उनकी रुचि के अनुरूप वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा. साथ ही उन्हें वहां की पौराणिक और ऐतिहासिक परंपरा को देखने समझने और जानने का अवसर भी प्राप्त होगा. 30 दिसंबर के बाद से अलग-अलग डेस्टिनेशन के लिए अयोध्या की कनेक्टिविटी बढ़ती जा रही है. 17 जनवरी को अयोध्या से हम एक नई वायु सेवा प्रारंभ करने जा रहे हैं यानी अयोध्या अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि अयोध्या को नए स्वरूप में प्रस्तुत करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है. पीएम मोदी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से अयोध्या को बदलने में सफलता मिली है.
आसानी से प्राप्त होंगे श्रीरामलला के दर्शन- सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत में राम के बिना कोई काम नहीं होता. बच्चे का जन्म, वैवाहिक कार्यक्रम में रामायण का पाठ होता है. दिन की शुरुआत राम नाम से होती है. सोते समय से भी राम का नाम लिया जाता है. परलोक सिधारने पर भी राम नाम का जाप होता है. उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी पावन स्थल के लिए लोगों ने शहादत दी होगी, ऐसा कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ कुल में पैदा होने के बावजूद राम नाम से पीछा छुड़ाने वाले की मौत पशु समान हुई. राम के नाम मात्र से लोगों की आजीविका चलती है. आज भी रामकथा से लोग जुड़े होते हैं. रामलीलाओं में पूरा गांव, पूरा शहर उमड़ पड़ता है. राम आजीविका देते हैं, जीवन देते हैं और मुक्ति भी देते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 821 एकड़ लैंड एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को उपलब्ध करा चुकी है. इसके दृष्टिगत हम सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं. आज अयोध्या केवल जनआस्था का केंद्र नहीं बल्कि लाखों लोगों के रोजगार का माध्यम बन रहा है. नई अयोध्या में नाविक, टैक्सी चालक, ई-रिक्शा चालक समेत हर तबके के व्यक्ति के लिए असीम संभावनाएं होंगी. अयोध्या को देश की पहली सोलर सिटी बनाने की दिशा में हमारी सरकार कदम आगे बढ़ा चुकी है. 200 इलेक्ट्रिक बसें अयोध्या सिटी के लिए उपलब्ध करवाई है. आने वाले समय में हम इसको 500 तक बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि अयोध्या के सांस्कृतिक उन्नयन के लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं. इसमें अयोध्या शोध संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. वेदों में वर्णित सप्तपुरियों में सबसे पहले अयोध्या की वंदना की गई है. अब अयोध्या अपने नाम के अनुरूप देखने को मिलेगी. लोगों को आसानी से श्रीरामलला के दर्शन प्राप्त होंगे.
वानर-भालू ही आज रामभक्त बनकर कर रहे रामकाज- भैया जी जोशी
वहीं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के के वरिष्ठ संरक्षक सुरेश जोशी भैया जी ने कहा कि समाज में तब-तब जागरण हुआ है, जब-जब सामान्य व्यक्ति परिवर्तन की चाह लेकर खड़ा हुआ. 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा इसलिए मिल सकी, क्योंकि उसमें सामान्य जन ने एक भाव के साथ सहभागिता की. श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन को भी सामान्य जन ने ही खड़ा किया. राम ज्योति प्रज्ज्वलन हो या कि कारसेवा, अलग-अलग उपक्रमों से इतने लंबे समय तक आमजन ने आंदोलन को जागृत रखा. हर व्यक्ति के अंतःकरण में रामज्योति जलती रही. उन्होंने कहा कि भगवान राम के जीवन को देखें तो उनका पूरा जीवन संघर्षमय दिखता है. प्रारंभ में विश्वामित्र जी लेकर गए, तो बाद में वनवास हुआ और फिर न चाहते हुए भी लंका पर आक्रमण करना पड़ा. उस समय उनके साथ वानर सेना थी और आज लगता है कि वही वानर-भालू पुनर्जन्म लेकर फिर राम काज के लिए प्रस्तुत हैं. राम के जीवनकाल में भी कुछ उनके विरुद्ध थे, कुछ तटस्थ, आज भी कुछ वैसा ही है. आज 12 लाख रामभक्तों द्वारा रामलला के लिए वस्त्र तैयार करने का यह प्रयास भी रामकाज में गिलहरी योगदान जैसा है. उन्होंने इसके लिए सभी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा से एक बार फिर रावण संस्कृति नष्ट होगी और रामराज्य की पुनर्स्थापना होगी.
देवरिया में महिला की गला रेतकर हत्या, 7 साल पहले की थी लव मैरिज, पति हिरासत में, जानें पूरा मामला
यूपी में देवरिया के गौरीबाजार थाना क्षेत्र में एक महिला की गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गई. इस वारदात को तब अंजाम दिया गया जब महिला दुकान से घर लौट रही थी. इस घटना को लेकर इलाके में सनसनी फैल गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही इस मामले में पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन में जुटी हुई है. जबकि विवाहिता के मायके वालों ने ससुरालियों पर हत्या का शक जताया है. दरअसल, थाना क्षेत्र के ग्राम पथरहट निवासी 30 वर्षीय दामिनी मौर्य पुत्री रामबचन मौर्य का सात साल पहले देवरिया के ही खुखुंदु थाना क्षेत्र के बांसदेव पुरवा के रहने वाले अमित मौर्य पुत्र परमानंद से लव मैरेज की थी. उनका पांच साल का एक बेटी है. ससुरालियों से अनबन होने की वजह से दामिनी पिछले कुछ समय से मायके में रह रही थी. रोजी रोटी चलाने के लिए उसने रुद्रपुर कोतवाली के खोराराम चौराहे पर रेडिमेड की दुकान खोल रखी थी. मंगलवार शाम दुकान बंद कर प्रतिदिन की भांति वह स्कूटी से मायके पथराहट वापस आ रही थी.
पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है- थानाध्यक्ष गौरी बाजार
विवाहिता के पिता के अनुसार मोबाइल से बातचीत के दौरान उनकी बेटी ने ऊसरी-असनहर मार्ग से लौटने की बात कही थी. लेकिन वह देर रात तक घर नहीं लौटी तो परिवार के सब लोग घबरा गए. परिवार के लोग रात में ही उसे खोजने के लिए निकल पड़े. असनहर पालीटेक्निक स्कूल से पांच सौ मीटर आगे बढ़े तो रास्ते में स्कूटी पर गिरी पड़ी थी. स्कूटी पर खून के छींटें थे. पास में ही दामिनी का रक्तरंजित शव पड़ा था. चाकू से गला रेत कर उसकी हत्या की गई थी. परिजनों ने यूपी डायल 112 पर फोन कर पुलिस को इसकी सूचना दी. घटना की जानकारी होने पर एसपी रात में गौरीबाजार पहुंचे. मृतका के पिता रामबचन मौर्य की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर किया है. वहीं थानाध्यक्ष गौरी बाजार दिनेश कुमार मिश्र ने बताया कि मृतका ससुराल से मायके पथरहट आ रही थी. ससुराल वालों से संबंध अच्छे नहीं थे. इसकी जानकारी मिली है. मायके वालों ने पति के खिलाफ तहरीर दी है. पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. वहीं इस बारे में देवरिया के एसपी ने कहा कि पुलिस घटना के सभी पहलुओं की जांच में जुटी है. बहुत जल्द पूरी घटना का खुलासा कर दिया जाएगा.
दहेज के लिए कर रहे थे परेशान
मायके वालों के अनुसार शुरू से ही दामिनी को उसकी ससुराल वाले अपने घर में जगह नहीं दे रहे थे. उसका दहेज के लिए उत्पीड़न करते थे. इसके खिलाफ दामिनी ने फैमिली कोर्ट में मुकदमा किया था. फैमिली कोर्ट से इतर दोनों पक्षों में 8 महीने पहले समझौता हुआ था, इसमें कहा गया कि ससुराली अच्छे से बर्ताव करेंगे तो मुकदमा वापस ले लिया जाएगा. महिला की हत्या से एक दिन पहले भी उसके ऊपर हमला हुआ था, जिसकी जानकारी ससुराल वालों को हुई तो उन्होंने फोन करके उसे ससुराल बुला लिया था. लेकिन जब वह ससुराल गई तो घर में घुसने से मना कर दिया गया. इससे निराश होकर मायके पथरहट लौट आई थी.
प्रेमिका के पति को भेजी अंतरंग फोटो, पति ने विवाहिता को भगाया
भटनी थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला के प्रेमी ने उसके पति को महिला की आपत्तिजनक फोटो वाट्सएप के जरिए भेज दिया. यह देखकर पति ने महिला के चरित्र पर आरोप लगाते हुए घर से निकाल दिया. महिला मायके चली आई. मामले की शिकायत उसने पुलिस को तहरीर देकर की है. पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं युवक ने महिला पर पैसे मांगने, नहीं देने पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. लार थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती और युवक एक दूसरे से प्रेम करते थे. कुछ माह पूर्व युवती की शादी भटनी थाना क्षेत्र के एक गांव में परिजनों ने कर दी. पति के साथ वह अच्छे ढंग से रह रही थी. आरोप है कि इधर कुछ दिनों से युवक महिला से फोन कर बात करना चाह रहा था. लेकिन उसने बात करने से मना कर दिया.
इस बात से खार खाए युवक ने महिला की आपत्तिजनक फोटो उसके पति के वाट्सएप पर भेज दी. यह देख पति ने महिला को अपने साथ रखने से इनकार कर दिया. इसको लेकर दोनों के बीच विवाद भी हुआ. इसके बाद महिला अपने मायके चली आई. जानकारी होने पर महिला के मायके वाले युवक के घर उलाहना लेकर गए. इस दौरान दोनों के परिजनों के बीच झड़प हो गई. इधर महिला ने आरोपी के खिलाफ फोटो वायरल करने का आरोप लगा थाने में तहरीर दी है. जबकि युवक ने भी महिला पर रुपए मांगने पर नहीं देने पर ब्लैक मेल करने की शिकायत की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. प्रभारी निरीक्षक कपिलदेव चौधरी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ शिकायत मिली है. उसे थाने लाकर पूछताछ की जा रही है.
UP PCS Interview में राम मंदिर पर अधिक पूछे गए सवाल, पूछा- देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की क्या होगी भूमिका
अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को प्रस्तावित को है. लेकिन इस समारोह को लेकर पूरा देश राम मय हो गया है. वहीं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission- UPPSC) की पीसीएस-2023 का इंटरव्यू (UP PCS Interview) भी इससे अछूता नहीं रह सका. सोमवार से शुरू हुए पीसीएस-2023 के इंटरव्यू के पहले दिन सवालों में भी प्रभु श्री राम छाए रहे. पीसीएस-2023 के तहत 254 पदों पर भर्ती के लिए 12 जनवरी तक चलने वाले इंटरव्यू के लिए 451 अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया है. इंटरव्यू के लिए छह बोर्ड गठित किए गए हैं और पहले दिन 90 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था. इंटरव्यू में अभ्यर्थियों से अध्योध्या, राम और प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कई प्रश्न पूछे गए. अयोध्या सहित अन्य मुद्दों से जुड़े ज्यादातर सवाल ऐसे रहे जो अभ्यर्थियों की समझ, उनकी तर्कशक्ति, ज्ञान, सोच, व्यक्तित्व, नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता को परखने वाले रहे. अभ्यर्थियों से पूछा गया कि पीएम मोदी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, यह धर्म निरपेक्ष होगा या नहीं? यह भी पूछा गया कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए राम मंदिर की क्या भूमिका होगी और पूर्व में बनाए गए मंदिरों की अब तक क्या भूमिका रही है? राम ने सीता को वनवास क्यों भेजा और क्या उनका यह निर्णय सही था? पहले दिन परिस्थिति आधारित सवालों की भी अधिकता रही.