समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर कहा कि आज जो कार्यक्रम है उसमें जो मूर्ति रखी गई थी वह भगवान का रूप लेगी, भगवान श्री राम को जितने भी मानने वाले लोग हैं वह उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे. जो भगवान राम के पद चिन्हों पर चलते हैं वह उनके सबसे करीब होते हैं. आज के बाद जो पत्थर की मूर्ति थी उसमें प्राण आ जाएंगे, हम सब उनको अब इस भाव से देखेंगे जिससे हम उनकी साधना करेंगे. इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने एक्स अकाउंट के जरिए पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया था. जिसमें अखिलेश ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है कि उस पावन हृदय में बसते हैं ‘सियाराम’, जो करता रीति-नीति-मर्यादा का मान. बता दे कि अखिलेश यादव को भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता दिया गया था, लेकिन आज वो इस समारोह में शामिल नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा था कि वो प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने पूरे परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. वहीं उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी कहा था कि अगर उन्हें समारोह का निमंत्रण मिला तो वो समारोह में जाएंगे. अगर नहीं मिला तो बाद में दर्शन ज़रूर करेंगे. अखिलेश यादव ही नहीं कई अन्य विरोधी दलों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई हुई है. इनमें कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी दल शामिल हैं.
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Lucknow News: बेरहम पति ने पत्नी को बीच सड़क पर 12 सेकेंड में 17 बार कैंची से गोदा, आरोपी गिरफ्तार
यूपी की राजधानी लखनऊ में डालीगंज इलाके में पारिवारिक विवाद में बेहरहम पति ने सरेराह पत्नी पर कैंची से 12 सेकेंड में 17 बार ताबड़तोड़ वार कर घायल कर दिया. घटनास्थल पर मौजूद आसपास के कई लोग देखते रहे. थोड़ी देर में दो लोग बीच-बचाव के लिए आए. लेकिन वह वार करने से रुका नहीं. रोकने वालों को धमकी देता हुआ भाग गया. यह पूरी वारदात पास ही लगे एक ब्यूटी पार्लर के सीसीटीवी में कैद हुई है. घटना रविवार की है. इसका सीसीटीवी फुटेज शुक्रवार रात सामने आया है. हसनगंज पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और घायल पत्नी के बयान के आधार पर आरोपी पति को कैसरबाग बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, डालीगंज के बरौलिया निवासी सुमन निषाद रविवार सुबह लंबेश्वर पार्क के पास पनीर लेने गई थी. हत्या की नीयत से कैंची लेकर पीछा कर रहे पति बृजमोहन निषाद उर्फ दुर्बुल ने सुमन को पीछे से पकड़ लिया. सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि बृजमोहन ने पहला वार गर्दन पर किया. इसके बाद ताबड़तोड़ 17 वार सीने, हाथ और गर्दन पर किए. खुद को बचाते हुए सुमन जमीन पर गिर गई, इसके बाद भी आरोपी वार करता हुआ सीसीटीवी में दिखाई दे रहा है. इंस्पेक्टर हसनगंज बृजेश सिंह का कहना है कि सुमन के बेटे राहुल निषाद की तहरीर पर केस दर्ज किया गया था. जांच में जुटी पुलिस की टीम ने बृजमोहन को कैसरबाग बस अड्डे से गिरफ्तार किया है. घटना के समय दुकान पर तीन लोग मौजूद थे. फुटेज में दिख रहा है कि एक शख्स सुमन को बचाने पहुंचा तो बृजमोहन ने उस पर हमला कर दिया. हाथ में कैंची देख वह पीछे हट गया, लेकिन बाद में आया दूसरा शख्स हिम्मत दिखाते हुए बृजमोहन से भिड़ गया, खुद को फंसता देख बृजमोहन वहां से भाग निकला था.
शराब का आदी है पति
वहीं राहुल ने बताया कि घटना के बाद से सब्जी विक्रेता की दुकान बंद है. मदद करने वाले ने भी गवाही देने से इनकार कर दिया है. वहीं परिजनों के मुताबिक बृजमोहन शराब का आदी है. जिसको लेकर घर में आए दिन विवाद करता था. घटना वाले दिन भी शराब के लिए पैसे न देने के चलते ही हमला किया. बेटे राहुल के मुताबिक पिता बृजमोहन निजी बस चालक है. रविवार सुबह मां सुमन से शराब पीने के लिए रुपए मांगे थे. उनके मना करने पर घटना को अंजाम दिया. परिजनों का कहना है कि एक माह पहले भी उसने घर में बहुत हंगामा किया था. सुमन ने उसकी मारपीट से तंग आकर हसनगंज थाने में तहरीर दी थी. पुलिस ने दोनों को समझा-बुझाकर समझौता करा दिया था.
गाड़ी खड़ी करने को लेकर हुआ विवाद, भाई-बहन को मारी गोली
लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में घर के बाहर गाड़ी खड़ी करने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. इस दौरान फायरिंग हो गई, जिसमें दूसरे पक्ष के भाई-बहन को गोली लग गई. दोनों घायलों को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. वहीं इस घटना का शुक्रवार रात वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें साफ दिख रहा है कि आरोपी व्यापारी मनोज को एक महिला और युवक पकड़ कर रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह धक्का मुक्की करते हुये फायरिंग कर रहा है. वीडियो में तीन गोलियों की आवाज के साथ चीखपुकार की आवाज और धमकी भी साफ सुनाई पड़ रही है. एसीपी चौक राजकुमार सिंह ने मनोज के बारे में कई पड़ोसियों से पूछाताछ करने के बाद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही. साथ ही रिवाल्वर कब्जे में लेकर उसका लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति डीएम से करने को लेटर लिखा है.
बता दें कि ठाकुरगंज के दौलतपुर में शुक्रवार बाइक हटाने के विवाद में किराना व्यापारी मनोज मिश्र ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से पड़ोसी मोनू उर्फ अर्पित कनौजिया (30) और उसकी बहन मानसी (22) को गोली मार दी थी. पड़ोसियों ने उसको पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. मोनू के पिता हरि प्रसाद ने बताया कि मंदिर से लौटते वक्त देखा मनोज घर से कार बाहर निकाल रहे थे. इसीबीच बेटे की बाइक खड़ा देख भड़क गए. परिजनों ने विरोध किया तो गालियां देने लगे और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देते हुए घर से रिवाल्वर से गोली मारने की धमकी देने लगे. जिससे सब अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. उन्होंने तमंचे से करीब पांच-छह गोलियां दागी. जिसमें एक गोली बेटे मोनू और दूसरी बेटी मानसी के पेट में लगी है.
लखनऊ: बेसमेंट की खुदाई की वजह से गिरी निर्माणाधीन बिल्डिंग, LDA ने मालिकों पर दर्ज कराया FIR, जानें पूरा मामला
यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के नाका इलाके में अवैध रूप से बेसमेंट की खुदाई के चलते बुधवार की दोपहर करीब 1.00 बजे दो निर्माणाधीन बिल्डिगें भर-भराकर गिर गईं. मौक पर पहुंची पुलिस ने आसपास के घरों को खाली करा कर रस्सी बांध करके सड़क पर आवागमन को बंद किया था, जिससे जन हानि नहीं हुई. पुलिस ने दो परिवारों के नौ सदस्यों को तो बचा लिया, लेकिन उनके जीवन भर की गृहस्थी मलबे में दब गई. साथ ही पड़ोसी शिवा अरोडा की बाउंड्री एवं वहां पर खड़ी स्कूटी टूट गई. इस घटना के जिम्मेदार बिल्डिंग का निर्माण करने वाले ठेकेदार दीपू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. वहीं बिल्डिंग गिरने के मामले में एलडीए (Lucknow Development Authority- LDA) की टीम मौके पर जांच करने पहुंची. जिसमें पता चला कि पूर्व निर्मित आवासीय बिल्डिंग में अवैध रूप से बेसमेंट की खुदाई हुई, इसी के चलते हादसा हुआ है. जिसके बाद प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा (Additional Secretary Gyanendra Verma) के निर्देश पर जेसीबी तथा डम्पर मंगाकर मलबा हटाने का काम किया गया. प्रवर्तन जोन-6 के जोनल अधिकारी डीके सिंह (Zonal Officer DK Singh) ने बताया कि तुरंत पूरे प्रकरण की जांच करायी गई, जिसमें आसपास के मकानों में रहने वाले परिवारों व स्थानीय दुकानदारों के भी बयान लिए गए. जांच में पाया गया कि भवन संख्या-288/203 के स्वामी कृष्ण कुमार द्विवेदी व अनिल कुमार द्विवेदी पुत्रगण स्व0 हनुमान प्रसाद द्विवेदी द्वारा लगभग 750 वर्ग फिट क्षेत्रफल में काफी पहले बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था. दो जनवरी की रात में मालिक द्वारा चोरी-छिपे बिल्डिंग के अंदर से मिट्टी निकाल कर बेसमेंट का निर्माण करवाया जा रहा था.
पीड़ित परिवार को मिलेगा शारदानगर योजना में घर
इस बिल्डिंग में सतेन्द्र द्विवेदी पुत्र वीरेन्द्र द्विवेदी का लगभग 600 वर्गफिट क्षेत्रफल में पुराना मकान बना हुआ है. मानक के विपरीत बेसमेंट की खुदाई किए जाने के कारण बुधवार सुबह 10:30 दो बिल्डिंगों में दरार आयी और आस पास के मकान हिलने लगे. इससे लोग घरों से बाहर निकल आए तो देखा कि बिल्डिंग तिरछा हो गई. लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसने तत्काल पहुंच बचाव कार्य शुरु कर दिया.बिल्डिंग गिरने की आशंका के चलते आसपास के घरों में अफरा-तफरी मची तो महिलाओं और बच्चों की रुलाई कोहराम मच गया. पड़ोसियों ने बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज दिया. भवन स्वामियों ने बिना प्राधिकरण को सूचना दिए तथा अन्य किसी विशेषज्ञ एजेंसी से स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी के सम्बन्ध में सलाह लिये बगैर मरम्मत एवं मिट्टी के खनन का कार्य कराया. इन सभी बिन्दुओं के दृष्टिगत अवर अभियंता इम्तियाज अहमद द्वारा भवन संख्या-288/203 के स्वामी कृष्ण कुमार द्विवेदी व अनिल कुमार द्विवेदी के खिलाफ नाका कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. वहीं वकील केके द्विवेदी की किराएदार विमला ने लोगों को बताया कि इस बिल्डिंग में उसका परिवार लगभग 60 साल से रह रहा था. बिल्डिंग गिरने से उनकी जान तो बच गई, मगर जीवन भर की गृहस्थी उसमें दबी है. बेसमेंट के दूसरी तरफ के हिस्से में परिवार के पांच सदस्य रहते थे. विमला ने यह भी बताया कि गिरने वाले मकान में केके द्विवेदी का परिवार नहीं रहता. बेसमेंट की खुदाई रात को चल रही थी. परिवार के प्रदर्शन पर एलडीए के द्वारा शारदानगर योजना में प्रधानमंत्री आवास दिए जाने का आश्वासन दिया गया है.
पहले तिरछी हुई फिर गिरी बिल्डिंग
- 10:30 बजे से ही तिरछी होने लगी थी बिल्डिंग
- 11:00 बजे पुलिस ने रास्ता बंद कर शुरु किया बचाव
- 1:05 बजे सबके सामने भर भरा करके ढही बिल्डिंग
- 4:00 बजे से उठना शुरु हुआ बिल्डिंग का मलबा
जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई- अपर सचिव
वहीं अपर सचिव एलडीए ज्ञानेंद्र वर्मा ने कहा कि बेसमेंट की अवैध तरीके से खुदाई किए जाने के कारण आपस में मिले दो मकानों की बिल्डिंग भर भरा कर गिर गई. बिल्डिंग मालिक के द्वारा बेसमेंट की खुदाई के लिए एलडीए से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. इसके कारण नाका कोतवाली में तहरीर दी गई, साथ ही, अन्य कार्रवाई होगी.
यूपी से 10 हजार निर्माण श्रमिक भेजे जाएंगे इजराइल, हर जनपद के इच्छुक लोगों का होगा चयन, लाखों में वेतन
Lucknow News: इजराइल और हमास के बीच कई महीनों से चल रहे युद्ध में दोनों जगहों में काफी जान माल का नुकसान हुआ है. अस्पताल, स्कूल, सड़क, सरकारी इमारतें बड़े पैमाने पर बमबारी से धराशायी हुई हैं. ऐसे में इजराइल एक बार फिर आम जनजीवन को सहायता मुहैया कराने में जुट गया है. इसके लिए निर्माण कार्यों को फिर शुरू किया जा रहा है. इजराइल सरकार तेजी से आम जनता से जुड़ी सभी सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास में जुट गई है. ऐसे में उसे निर्माण श्रमिकों की बड़े पैमाने पर जरूरत है. लेकिन, युद्ध के कारण उसे श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं, क्योंकि फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट पहले ही निरस्त किए जा चुके हैं. ऐसे में इजराइल सरकार ने भारत से मदद मांगी है, जिसके बाद अब यहां से निर्माण श्रमिक वहां भेजे जाएंगे. इसमें उत्तर प्रदेश से करीब दस हजार निर्माण श्रमिकों को इजराइल भेजने की तैयारी है, इसके लिए उन्हें विभिन्न स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करना होगा, सभी मापदंडों पर खरे उतरने के बाद उन्हें इजराइल भेजा जाएगा.
सभी जनपदों से एकत्र किया जाएगा डाटा
उत्तर प्रदेश से आने वाले दिनों में 10000 से अधिक निर्माण श्रमिक इजराइल भेजे जाएंगे. श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने इसकी पहल शुरू कर दी है. इसके तहत सभी जनपदों को इच्छुक कामगारों का डाटा एकत्र करने को कहा गया है. इसके बाद इनका एक टेस्ट लिया जाएगा, जिसमें पास होने के बाद इन लोगों को इजराइल भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि हमास के हमले से नुकसान की भरपाई के लिए इजराइल को करीब एक लाख कामगारों की जरूरत है. इसके लिए उसने भारत से सहयोग मांगा है. इजराइल युद्ध की शुरुआत के साथ ही सभी फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट को निरस्त कर चुका है, ऐसे में वहां श्रमिकों की काफी कमी हो गई है. निर्माण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कार्यों के लिए श्रमिकों की दरकार है. अपने देश के स्तर पर इजराइल इस कमी को पूरा करने में अक्षम है. ऐसे में उसे भारत से उम्मीद है.
25 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए आयु
बताया जा रहा है कि कारपेंटर, आयरन बेंडिंग, फ्रेमवर्क शटरिंग, सेरेमिक टाइल और प्लास्टरिंग आदि कार्यों के लिए सबसे ज्यादा श्रमिकों की जरूरत है. निर्माण श्रमिकों को एनएसडीसी यानी नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इंटरनेशनल के जरिए विदेश भेजा जाएगा. फिलहाल जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक इजराइल जाने के इच्छुक लोगों के पास काम का अनुभव होने के साथी हाईस्कूल उत्तीर्ण होना आवश्यक है. आयु सीमा 25 से 45 साल के बीच होनी चाहिए. इससे अधिक उम्र के लोग वहां नहीं भेजे जाएंगे.
रहने और चिकित्सा बीमा का खर्च खुद करना होगा वहन
इजराइल जाने वाले निर्माण श्रमिकों को 6100 इजरायली न्यू शेकेल करेंसी (आईएलएस) मिलेगी. ये भारतीय मुद्रा के लिहाज से 1.38 लाख रुपए प्रतिमाह है. वहीं इजराइल जाने वाले श्रमिकों को अपने रहने और चिकित्सा बीमा का खर्च खुद देना होगा. श्रमायुक्त मार्कंडेय शाही ने इस पूरे मामले को लेकर श्रम और सेवायोजन के सभी जनपदों के अधिकारियों के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि सभी जनपदों से इजराइल जाने के इच्छुक और अर्हता रखने वाले निर्माण श्रमिकों का डाटा एकत्रित किया जाए, जिससे आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके. एनएसडीसी के जरिए जो श्रमिक टेस्ट में उत्तीर्ण होंगे, उनका चयन करने के बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा, इसके बाद वह इजराइल भेजे जाएंगे. माना जा रहा है कि यूपी से बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिक अपनी इच्छा के मुताबिक इजराइल जाएंगे.