जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही मुठभेड़ का एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो आतंकियों पर ड्रोन हमले का है। जंगल में एक गुफा के मुहाने पर बैठे आतंकियों पर ड्रोन की मदद से बम बरसाए गए।
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अनंतनाग में जारी सुरक्षाबलों का ऑपरेशन, घिरे हैं 2 से 3 आतंकी, शहीदों को दी गई अंतिम विदाई
Jammu Kashmir Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सेना का ऑपरेशन जारी है. यहां स्थित एक पहाड़ी पर 2 से 3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद तलाशी अभियान शुरू हुआ था. यहां आतंकवादियों के साथ लौहा लेते हुए बुधवार (13 सितंबर) को तीन जवानों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. दो शहीद जवानों को शुक्रवार (15 सितंबर) को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी गई.
1. अनंतनाग में चल रहे एनकाउंटर में शुक्रवार को एक और जवान ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. एनकाउंटर के दौरान ये जवान लापता हो गया था. जवान का शव शुक्रवार को मिला. जिसके बाद अनंतनाग में शहीद होने वाले जवानों की संख्या चार हो गई.
2. इससे पहले बुधवार को सेना के 19 राष्ट्रीय राइफल यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, कंपनी कमांडर मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट्ट वीरगति को प्राप्त हुए थे.
3. शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का शुक्रवार को पंजाब के मोहाली जिले में उनके पैतृक गांव भरौंजियन में अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, शहीद मेजर आशीष ढोचक को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ हरियाणा के पानीपत के उनके पैतृक गांव बिंझोल में हजारों लोगों ने नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी.
4. कर्नल मनप्रीत सिंह (41) के अंतिम संस्कार के दौरान बेहद गमगीन माहौल रहा. उनके छह वर्षीय बेटे कबीर ने सेना की वर्दी पहनकर शहीद पिता को अंतिम विदाई दी और ‘जय हिंद पापा’ कहा. ये देख वहां मौजूद लगभग हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं.
5. भरौंजियन गांव में शहीद कर्नल के घर पर सुबह से ही शोक मनाने वालों का तांता लगने लगा था. उनकी गमगीन पत्नी, मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए.
6. इस दौरान सेना के एक अधिकारी को शहीद कर्नल के बेटे कबीर को गोद में लिए हुए देखा गया जबकि परिवार और अन्य लोग उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे. एक रिश्तेदार ने उनकी दो वर्ष की बेटी बन्नी को गोद में ले रखा था.
7. शहीद मेजर ढोचक की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. मेजर ढोचक का परिवार अक्टूबर में हरियाणा के पानीपत स्थित अपने नए घर में जाने वाला था. उनका परिवार किराए के मकान में रह रहा था. शहीदों के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’ और ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए. शहीद कर्नल के अंतिम संस्कार के बाद कुछ लोगों ने पाकिस्तान विरोधी नारे भी लगाए.
8. अनंतनाग के कोकरनाग के पहाड़ी इलाके के जंगलों में छिपे आतंकवादियों का पता लगाने के लिए चल रहे अभियान में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सेना के अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन से की जा रही निगरानी के आधार पर सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के छुपने की जगह पर मोर्टार के गोले दागे हैं. ड्रोन के कैमरे में आतंकियों पर हमले की फुटेज भी कैद हुई है.
9. एडीजीपी कश्मीर ने कहा कि सेवानिवृत्त पुलिस/सेना अधिकारियों को किसी भी तरह की ‘घात परिकल्पना’ (एंबुश थ्योरी) से बचना चाहिए. ये एक विशिष्ट इनपुट आधारित ऑपरेशन है और सभी 2-3 फंसे हुए आतंकवादियों को मार गिराया जाएगा. दरअसल, कुछ विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सेना को सूचना देने वाले ने जानबूझकर गलत जानकारी दी जिससे जवानों पर घात लगाकर हमला किया जा सके. हालांकि ये दावा सरासर गलत है.
10. इस ऑपरेशन के दौरान वीरगति को प्राप्त होने वाले जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट को गुरुवार (14 सितंबर) को बडगाम में नम आंखों से सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. हुमायूं भट्ट की बीते साल शादी हुई थी और उनकी दो महीने की बच्ची है.
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शादी की तैयारियों के बीच तिरंगे में लिपटे घर पहुंचा शहीद जवान का शव, हर कोई गमजदा
Jammu Kashmir Rajouri Encounter: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में एक परिवार भारतीय सेना में शामिल जवान की शादी की तैयारी कर रहा था, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था. जिस जवान की दिसंबर में शादी होने वाली थी, उस बहादुर ने राजौरी जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी. इस भारतीय सपूत का नाम था रवि कुमार राणा और वह सेना में राइफलमैन थे.
उनका पार्थिव शरीर गुरुवार (14 सितंबर) को एक सुसज्जित सैन्य वाहन में सीमावर्ती जिले राजौरी से उनके गृह नगर किश्तवाड़ लाया गया, जहां हजारों शोक संतप्त लोग को उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई देने के लिए एकत्र हुए थे.
दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी ढेर
63 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन राणा ने मंगलवार (13 सितंबर) को राजौरी जिले के सुदूर नरला गांव में एक मुठभेड़ के दौरान देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया. हालांकि, बाद में सेना ने दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मार गिराए. गोलीबारी में सेना की डॉग यूनिट की छह साल मादा लैब्राडोर केंट की भी जान चली गई.
फूट-फूट कर रोने लगीं मंगेतर
जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंचा, वहां कई गमगीन दृश्य दिखे. उनकी मंगेतर शोक मनाने के लिए शामिल हुईं और फूट-फूट कर रोने लगीं. उन्होंने कहा, “मैंने ऐसे भाग्य की कल्पना नहीं की थी, जिसने मेरी जिंदगी को तबाह कर दिया. अगर मुझे ऐसी घटना के बारे में पता होता तो मैं एक बार उनसे मिलती और बात करती, लेकिन अपने परिवार के सम्मान के कारण ऐसा नहीं कर सकी.”
सड़क मार्ग से घर पहुंचा शव
बता दें कि राणा का पार्थिव शरीर बुधवार (13 सितंबर) को राजौरी में एक सैन्य छावनी में पुष्पांजलि समारोह के बाद उनके गृह नगर पहुंचना था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर संचालन की अनुमति नहीं मिली और बाद में उनके तिरंगे में लिपटे ताबूत को सड़क मार्ग से भेजा गया.
लगे आतंक विरोधी नारे
शहीद नायक का पार्थिव शरीर आधी रात तक उनके घर पहुंचा और बाद में उनके बलिदान, राष्ट्र और सेना की प्रशंसा में जोरदार नारेबाजी के बीच गुरुवार सुबह श्मशान घाट ले जाया गया. इस दौरान हर तरफ आतंक विरोधी स्लोगन की गूंज सुनाई दी.
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उन्हें तोपों की सलामी भी दी गई. उन्हें किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर देवांश यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खलील पोसवाल और कई राजनेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
जोर-शोर से चल रही थी शादी की तैयारी
शहीद जवान के परिजन राजिंदर सिंह सेन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि उनके शहीद होने के खबर से पहले उनकी शादी की जोर-शोर से तैयारी चल रही थी. उनकी मौत से हम बेहद दुखी हैं. उन्होंने बताया कि राणा की शादी इस साल 2 दिसंबर को होनी थी. उनके पिता सुभाष चंद्र राणा एक किसान हैं और उनके चार बेटे हैं. उनके बढ़े भाई भी आर्मी में हैं. उनकी पोस्टिंग पंजाब में है.
अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखें हुईं नम
राणा 8 साल पहले सेना में शामिल हुए थे और वह बहुत बहादुर थे. सेन ने कहा कि जवान की प्रसद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके अंतिम संस्कार में कितने लोग शामिल हुए. आप देख सकते हैं कि अंतिम यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों की आंखें नम हैं.
आतंकियों पर हो सख्त कार्रवाई
अंतिम विदाई देते हुए रिटायर जवान शिव कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यरपूर्ण है कि आतंकियों ने फिर से अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं, जिसका सबूत कश्मीर के कोकरनाग में हुए एनकाउंटर है, जिसमें दो सेना के अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
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कर्नल, मेजर और डीएसपी की शहादत के पीछे है ये आतंकी संगठन, जानें इसकी पूरी कुंडली
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच हुए मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए हैं। इन जवानों में कर्नल, मेजर रैंक के अधिकारी समेत जम्मू कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी भी शामिल हैं। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी पहले से ही फिराक में थे। जैसे ही सर्च ऑपरेशन करने के लिए सेना और पुलिस की टीम वहां पहुंची तो आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयब्बा के रिक्रूटर कहे जाने वाले टीआरएफ यानी द रजिस्टेंस फ्रंट ने ली है। टीआरएफ क्या है, इसने पहले किन हमलों को अंजाम दिया है या फिर इसका काम क्या है, यह आपको हम इस लेख में बताने वाले हैं।
लश्कर ए तैयब्बा का मोहरा है यह संगठन
द रजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ पहली बार 2019 में वजूद में आया। इस संगठन का काम युवाओं को बहकाने और आतंकी गतिविधियों में शामिल कर आतंकवाद को बढ़ावा देना है। एक प्रकार से कहें तो यह आतंकी संगठन लश्कर ए तैयब्बा का एक मोहरा है। पाकिस्तान से आमतौर पर होने वाली घुसपैठ, हथियार और ड्रग्स की तस्करी के लिए टीआरएफ को ही जिम्मेदार माना जाता है। इस आतंकी संगठन को इन तस्करियों में संलिप्त पाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा इसी साल टीआरएफ को बैन कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक इस ग्रुप का कमांडर शेख सज्जाद गुल है, जो की एक कुख्यात आतंकी है और जम्मू कश्मीर में कई टारगेट किलिंग्स में शामिल रहा है।
क्यों बनाया गया टीआरएफ
5 अगस्त 2019 को जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया गया, तब से सरकार लगातार जम्मू-कश्मीर में शांति लाने के प्रयास कर रही है। सरकार इस चीज में सफल भी हो चुकी है। लेकिन जब धारा 370 को हटाया गया था, उस दौरान हमलों और तनाव जैसे माहौल बने हुए थे। कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाने के बाद टीआरएफ को बनाया गया। टीआरएफ ने टेलीग्राम ऐप के जरिए अपने अस्तित्व का पहली बार ऐलान किया था, जब उसने 12 अक्टूबर 2019 को श्रीनगर के लाल चौक पर ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 8 लोग घायल हुए थे। टीआरएफ के अस्तित्व में आने को लेकर कहा गया कि यह कश्मीर में आतंकवाद की नई स्वदेशी लहर की शुरुआत है।
ISI और पाकिस्तान का क्या है प्लान
पाकिस्तान को फिलहाल फाइनेंशियस एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में डाला गया है, जिससे निकल पाना पाकिस्तान के लिए ना के बराबर है। ऐसे में पाकिस्तानी फौज ने नए संगठनों का निर्माण किया जिसके जरिए आतंकवाद को आउटसोर्स किया जा सके। अंतरराष्ट्रीय दबाव और बदनाम छवि के कारण आईएसआई को ये निर्णय लेना पड़ा। यही कारण है कि टीआरएफ जैसे नए आतंकवादी संगठनों को खड़ा किया गया, ताकि थर्ड पार्टी के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देकर पाकिस्तान का नाम ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जा सके। हालांकि हकीकत ये है कि आईएसआई ने टीआरएफ को नई और अलग तरह की रणनीति के तहत बनाया है। टीआरएफ अन्य आतंकी संगठनों से बिल्कुल अलग है।
अनंतनाग में कर्नल, मेजर और डीएसपी ने दी शहादत, आतंकी संगठन TRF ने ली जिम्मेदारी, एनकाउंटर जारी
Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार (13 सितंबर) को आतंकवादियों के साथ लौहा लेते हुए तीन जवानों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. शहीद होने वालों जवानों में दो सेना के अधिकारी और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) के अधिकारी हैं.
भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल और मेजर, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. अनंतनाग एनकाउंटर की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है.
कर्नल, मेजर और डीएसपी शहीद
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) यूनिट के कमांडिंग कर्नल मनप्रीत सिंह, आरआर के मेजर आशीष और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इलाज के दौरान तीनों वीरगति को प्राप्त हुए.
अधिकारी ने बताया कि गडोले इलाके में आतंकियों के खिलाफ मंगलवार शाम को ऑपरेशन शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे बंद कर दिया गया. बुधवार सुबह आतंकवादियों की तलाश तब फिर से शुरू हुई जब सूचना मिली कि उन्हें एक ठिकाने पर देखा गया है.
तलाशी अभियान रहेगा जारी
कर्नल सिंह ने आगे से अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए आतंकियों पर हमला बोल दिया. हालांकि, आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी कर दी. इलाके में मौजूद आतंकवादियों को ढेर करने के लिए विशेष बलों को तैनात किया गया है. बताया जा रहा है कि 3 से 4 आतंकी मौजूद हैं. यहां तलाशी अभियान रात भर जारी रहेगा.
महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया
जवानों की शहादत पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “आज अनंतनाग में ड्यूटी के दौरान शहीद जवानों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. हिंसा के ऐसे घृणित कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है.”
“पाकिस्तान करा रहा घुसपैठ कराने की पूरी कोशिश”
सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बुधवार को दिन में कहा था, “जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा स्थितियों में हो रही प्रगति में बाधा डालने के लिए पाकिस्तान क्षेत्र में विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की पूरी कोशिश कर रहा है.”
जनरल वीके सिंह ने शोक व्यक्त किया
केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने तीन जवानों के शहीद होने पर दुख जताते हुए कहा, “सेना मेडल से सम्मानित कर्नल मनप्रीत सिंह कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए. इस दुखद खबर से देश स्तब्ध है. शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की शहादत को नमन करते हुए ईश्वर से उनके परिजनों को इस कठिन समय में सम्बल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.”
19 RR 12 SIKHLI #IndianArmy के सेना मेडल से सम्मानित कर्नल मनप्रीत सिंह कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। इस दुखद खबर से देश स्तब्ध है।शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की शहादत को नमन करते हुए ईश्वर से उनके परिजनो को इस कठिन समय में सम्बल प्रदान करने… pic.twitter.com/hKfzLE0Cpq
— General Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) September 13, 2023
“आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट”
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा, “हमारे बहादुर सेना के जवानों और एक डीएसपी ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में मुठभेड़ में आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है. हम इस नुकसान से बेहद दुखी हैं. हमारे बहादुरों के परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं. आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है.”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर लिखा, “बेहद भयानक खबर आ रही है. दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग इलाके में एक मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस डीवाईएसपी ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में डीएसपी हुमायूं भट, मेजर आशीष और कर्नल मनप्रीत सिंह ने अपनी जान गंवा दी. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके प्रियजनों को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे.”
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