<p> जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ में आतंकियों के लिए सुरक्षा बलों का सर्च अभियान लगातार तीसरे दिन शनिवार (23 दिसंबर) को भी जारी है. राजौरी और पुंछ में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.</p>
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Rajouri Encounter
Rajouri Encounter : 24 साल के शहीद का शव घर पहुंचते ही हर आंख हुई नम, सचिन लौर अमर रहे के लगे नारे
अलीगढ़ . जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद कमांडो सचिन लौर का पार्थिव शरीर देर शाम उनके गांव नागलिया गौरौला पहुंचा है . शहीद का पार्थिव शरीर सेना की टीम लेकर पहुंची है. सेना के वाहन के साथ हजारों की संख्या में लोग तिरंगा लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए. वही तिरंगे में लिप्त पार्थिव शरीर को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. गांव में ही शहीद सचिन के शव को सैनिक सम्मान के साथ सलामी दी जाएगी. इस मौके पर सांसद सतीश गौतम, राज्य मंत्री अनूप बाल्मीकि और अन्य नेता मौजूद थे. वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद रहे. शहीद के शव को गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. टप्पल इंटरचेंज पर शहीद का शव पहुंचते ही तिरंगा के साथ जब तक सूरज चांद रहेगा सचिन तेरा नाम रहेगा के नारे गूंजने लगे. शहीद के शव के साथ सेना की टीम भी गाड़ी में मौजूद थी. लोग तिरंगा लेकर शव वाहन के पीछे नारे लगाते चल रहे थे.
शहीद का शव घर पहुंचते ही हर आंख नम, अमर रहे के नारे गूंजे
शहीद का शव घर पर पहुंचते ही चीख पुकार मच गई . अपने लाल के दर्शन करने को लोगों की आंखों में आंसू भर आये. मां – पिता , भाई – बहन का कलेजा फट गया.सेना के लोग परिवार को संभाल रहे थे. 24 साल के पुत्र की शहादत पर हर आंख नम थी. शहीद के अंतिम दर्शन को लोग उमड़ पड़े थे. सचिन को जिस सेना के वाहन में रख कर लाया गया. उसमें दो लाइन लिखी थी. जो एक शहीद पर सटीक बैठती है. जिसमें सचिन लौर के बारे में कहा गया. मैं जला हुआ राख नहीं, अमरदीप हूं. जो मिट गया वतन पर, मैं वह शहीद हूं . इस दौरान सचिन लौर अमर रहे के नारे फ़िजा में गूंज रहे थे.शहीद का शव घर आने पर लोग विनम्र श्रद्धांजलि और कोटि-कोटि नमन अर्पित कर रहे थे.
मां -पिता के शादी के अरमान पूरे नहीं हो सके
सचिन लौर जिस घर आंगन में पले-बड़े, माँ – पिता की गोद में खेला.महज 24 साल की उम्र में ही परिवार की आंखों में आँसू छोड़ गया.माँ – पिता ने बेटे की शादी के अरमान देखे थे, 16 दिन बाद ही शादी का सेहरा बंधना था. घर में खुशियां और उत्सव का माहौल था. लेकिन आतंकियों के नापाक इरादों को नाकाम कर सचिन लौर गहरी नींद में सो गया.बूढ़े माँ – पिता की खुशियां छिन गई.
बचपन से ही कमांडो बनने का सपना देखा था सचिन ने
वहीं पिता रमेश चंद ने बताया कि उनका बेटा सचिन लोर कक्षा 6 से ही परिवार के लोगों से कहता था कि देश सेवा के लिए सेना में भर्ती होऊंगा और सेना में भर्ती होकर कमांडो बनूगा. उसके बाद सेना में भर्ती होकर उग्रवादियों और आतंकवादियों को सबक सिखाउंगा. अपनी गोलियों से मार भगाऊंगा. पिता ने बताया कि ऊंची कद काठी के शरीर से तंदुरुस्त उसके बेटे सचिन लौर में अपनी जान को लेकर कोई खौफ और डर नाम की कोई चीज ही नहीं थी. कमांडो होने के बाद जब भी वह छुट्टी पर गांव आता था. यहां आकर भी रोजाना दौड़ लगाता था. 8 दिसंबर को उसकी शादी थी. शादी को लेकर परिवार के लोग तैयारी में जुटे हुए थे. दुल्हन बेटी के परिवार के लोगों द्वारा शादी में गाड़ी दिए जाने को लेकर उसके परिवार के लोगों द्वारा रविवार को गाड़ी भी मंगाकर घर खड़ी कर ली थी.
आतंकियों से लोहा लेते शहीद हो गया सचिन लौर
वहीं उसने बताया था कि वह कश्मीर जाएगा. इस पर उसके पिता ने उससे कहा कि शादी में दिन कितने बच रहे हैं और पंजाब जाकर तुझे दो-चार दिन का टाइम और लग जाएगा. इस पर उसने अपने पिता से कहा कि बचें हुए दो आतंकवादियों को शहीद करने के बाद ही घर वापस आऊंगा. वहीं, उन्होंने हलवाई से लेकर शादी के कार्ड बांटने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली थी. मां – बाप अपने बेटे का सेहरा सजाने की तैयारी कर रहे थे. जहां 23 नवंबर की सुबह आतंकवादियों से लोहा लेते हुए उसके शहीद होने की खबर सेना के अधिकारियों द्वारा परिवार के लोगों को दी गई. बेटे के शहीद होने की सूचना मिलते ही परिवार में चीख पुकार मच गई. गांव में बेटे की मौत की खबर सुनकर मातम पसर गया. बेटे के शहीद होने की खबर के बाद परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है. तो वहीं शादी के कार्ड घर के अंदर धरे के धरे रह गये.
राजौरी एनकाउंटर के बीच स्थानीय लोगों से पाकिस्तानी आतंकी की बातचीत का वीडियो वायरल
<p style="text-align: justify;">जम्मू-कश्मीर के राजौरी में मुठभेड़ के बीच एक पाकिस्तानी आतंकी का वीडियो सामने आया है, जिसमें उसे स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए और कथित तौर पर खाना मांगते हुए देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा अधिकारियों ने आतंकी का वीडियो जारी किया है. </p>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि राजौरी एनकाउंटर में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष आतंकवादी मारा गया है और इसमें के चार जवान शहीद हो गए हैं. आतंकी का नाम क्वारी बताया गया है. वीडियो में पांच लोग दिख रहे हैं, जिनमें तीन महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं. उनमें से एक शख्स को आतंकी क्वारी के रूप में बताया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;">जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा अधिकारियों की ओर से जारी वीडियो में आतंकी राजौरी में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ शुरू होने से पहले स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते हुए देखा जा रहा है.</p>
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शादी की तैयारियों के बीच तिरंगे में लिपटे घर पहुंचा शहीद जवान का शव, हर कोई गमजदा
Jammu Kashmir Rajouri Encounter: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में एक परिवार भारतीय सेना में शामिल जवान की शादी की तैयारी कर रहा था, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था. जिस जवान की दिसंबर में शादी होने वाली थी, उस बहादुर ने राजौरी जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी. इस भारतीय सपूत का नाम था रवि कुमार राणा और वह सेना में राइफलमैन थे.
उनका पार्थिव शरीर गुरुवार (14 सितंबर) को एक सुसज्जित सैन्य वाहन में सीमावर्ती जिले राजौरी से उनके गृह नगर किश्तवाड़ लाया गया, जहां हजारों शोक संतप्त लोग को उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई देने के लिए एकत्र हुए थे.
दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी ढेर
63 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन राणा ने मंगलवार (13 सितंबर) को राजौरी जिले के सुदूर नरला गांव में एक मुठभेड़ के दौरान देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया. हालांकि, बाद में सेना ने दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मार गिराए. गोलीबारी में सेना की डॉग यूनिट की छह साल मादा लैब्राडोर केंट की भी जान चली गई.
फूट-फूट कर रोने लगीं मंगेतर
जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंचा, वहां कई गमगीन दृश्य दिखे. उनकी मंगेतर शोक मनाने के लिए शामिल हुईं और फूट-फूट कर रोने लगीं. उन्होंने कहा, “मैंने ऐसे भाग्य की कल्पना नहीं की थी, जिसने मेरी जिंदगी को तबाह कर दिया. अगर मुझे ऐसी घटना के बारे में पता होता तो मैं एक बार उनसे मिलती और बात करती, लेकिन अपने परिवार के सम्मान के कारण ऐसा नहीं कर सकी.”
सड़क मार्ग से घर पहुंचा शव
बता दें कि राणा का पार्थिव शरीर बुधवार (13 सितंबर) को राजौरी में एक सैन्य छावनी में पुष्पांजलि समारोह के बाद उनके गृह नगर पहुंचना था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर संचालन की अनुमति नहीं मिली और बाद में उनके तिरंगे में लिपटे ताबूत को सड़क मार्ग से भेजा गया.
लगे आतंक विरोधी नारे
शहीद नायक का पार्थिव शरीर आधी रात तक उनके घर पहुंचा और बाद में उनके बलिदान, राष्ट्र और सेना की प्रशंसा में जोरदार नारेबाजी के बीच गुरुवार सुबह श्मशान घाट ले जाया गया. इस दौरान हर तरफ आतंक विरोधी स्लोगन की गूंज सुनाई दी.
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उन्हें तोपों की सलामी भी दी गई. उन्हें किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर देवांश यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खलील पोसवाल और कई राजनेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
जोर-शोर से चल रही थी शादी की तैयारी
शहीद जवान के परिजन राजिंदर सिंह सेन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि उनके शहीद होने के खबर से पहले उनकी शादी की जोर-शोर से तैयारी चल रही थी. उनकी मौत से हम बेहद दुखी हैं. उन्होंने बताया कि राणा की शादी इस साल 2 दिसंबर को होनी थी. उनके पिता सुभाष चंद्र राणा एक किसान हैं और उनके चार बेटे हैं. उनके बढ़े भाई भी आर्मी में हैं. उनकी पोस्टिंग पंजाब में है.
अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखें हुईं नम
राणा 8 साल पहले सेना में शामिल हुए थे और वह बहुत बहादुर थे. सेन ने कहा कि जवान की प्रसद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके अंतिम संस्कार में कितने लोग शामिल हुए. आप देख सकते हैं कि अंतिम यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों की आंखें नम हैं.
आतंकियों पर हो सख्त कार्रवाई
अंतिम विदाई देते हुए रिटायर जवान शिव कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यरपूर्ण है कि आतंकियों ने फिर से अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं, जिसका सबूत कश्मीर के कोकरनाग में हुए एनकाउंटर है, जिसमें दो सेना के अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
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