देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल, सीआरपीएफ में अदम्य साहस और सर्वोच्च कर्तव्य परायणता का प्रदर्शन करने वाले जांबाज कमांडर, सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह को गणतंत्र दिवस पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
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Shaurya Chakra
सड़क से जुड़ी समस्या नहीं सुलझी तो पूर्व वायुसैनिक ने उठाया ये कदम
Jharkhand: कहा जाता है कि अगर आपको किसी सरकारी विभाग से कोई काम करवाना है तो आपको कई चक्कर लगाने होंगे। आपको कई अधिकारियों के पास जाकर गुहार लगानी होगी। कई मिन्नतें करनी होंगी। हां, अगर आप किसी प्रभावशाली व्यक्ति की सिफारिश लेकर जाते हैं तो काम कुछ आसन हो जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ झारखंड में। यहां अपने घर के सामने की सड़क से जुड़ी समस्या का समाधान न होने से नाराज पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला निवासी शौर्य चक्र विजेता रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर मो. जावेद ने अपना शौर्य चक्र मेडल वापस कर दिया।
उन्होंने घाटशिला के एसडीएम के टेबल पर अपना शौर्य चक्र रख दिया और अपने घर लौट गए। मो. जावेद एयरफोर्स में वारंट ऑफिसर थे। उन्हें एयरफोर्स में रहते हुए बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने घाटशिला के नवाब कोठी इलाके में मकान बनाया है। उनका कहना है कि उनके घर के पास स्थित एक घर को उनके ही समुदाय के कुछ लोगों ने मस्जिद बना दी और इसका मुख्य गेट उनके घर की तरफ जबरन खोल दिया। इस वजह से उनके घर के सामने दिन भर गाड़ियों का तांता लगा रहता है। उनके घर की तरफ मस्जिद का गेट खोले जाने से उनका निजी एवं पारिवारिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
समस्या को लेकर सैनिक ने कई बार की थी शिकायत
मो. जावेद का कहना है कि उन्होंने इसे लेकर कई बार अनुमंडल पदाधिकारी से शिकायत की, लेकिन उनकी समस्या का समाधान करने की बजाय दूसरे पक्ष की मदद करते रहे। प्रशासन की इसी बेरुखी से तंग आकर उन्होंने अपना शौर्य चक्र अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक को वापस कर दिया। हालांकि, अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक का कहना है कि मो. जावेद के घर के सामने सार्वजनिक सड़क है। वे इसे बंद करवाना चाहते हैं। यह संभव नहीं है। अनुमंडल पदाधिकारी के मुताबिक उन्होंने मो. जावेद से कहा कि वे अपनी मांग के बारे में लिखित रूप से जानकारी दें। इसे वरीय अफसरों तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन वह अपना शौर्य चक्र लौटाने पर अड़ गए।
इनपुट – आईएएनएस
मेजर विकास और मुस्तफा को मरणोपरांत शौर्य चक्र
स्वतंत्रता दिवस 2023 की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को 76 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी है। इनमें 4 कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), 5 मरणोपरांत सहित 11 शौर्य चक्र, 5 बार टू सेना पदक (वीरता), 52 सेना पदक (वीरता), 3 नौसेना पदक (वीरता) और 4 वायु सेना पदक(वीरता) शामिल हैं।
मेजर विकास और मुस्तफा को शौर्य चक्र
भारतीय सेना के मेजर विकास भांभू और मुस्तफा बोहरा को राष्ट्रपति ने मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। अरुणाचल में सेना के दुर्घटनाग्रस्त एएलएच ध्रुव रुद्र हेलिकॉप्टर को दोनों जवान हथियार वाली जगह से दूर ले गए थे। खुले क्षेत्र में उतरने की छूट होने के बावजूद दुर्घटना में दोनों पायलटों की जान चली गई। दोनों के इस साहस के कारण कई लोगों की जिंदगियां बच गईं थी।
श्रेय तोमर को गैलेंटरी मेडल
विंग कमांडर श्रेय तोमर को वायुसेना के गैलेंटरी मेडल से सम्मानित किया गया है। श्रेय तोमर के लड़ाकू विमान का एक इंजन फेल हो गया था। इसके बावजूद उन्होंने अपने विमान को एक इंजन के साथ ही सुरक्षित लैंड कराया। उन्होंने अपने शौर्य से लोगों की जिंदगी और संपत्ति दोनों की रक्षा की।
954 मेडल की भी घोषणा
स्वतंत्रता दिवस 2023 की पूर्व संध्या पर सरकार ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य बलों के 954 पुलिस कर्मियों के लिए भी सेवा पदक की घोषणा की है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के 55, महाराष्ट्र पुलिस के 33, सीआरपीएफ के 27 और छत्तीसगढ़ पुलिस के 24 जवानों को पदक देने की घोषणा की गई है। हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकार की ओर से अदम्य शौर्य दिखाने वाले केंद्र और राज्य सरकार के वीर जवानों को ये सम्मान दिए जाते हैं।
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