Republic Day 2024 Parade Photos: गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। मुख्य अतिथि इमैनुएल मैक्रों कर्तव्य पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गणतंत्र दिवस की परेड देख रहे हैं।
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Republic Day Parade 2024 Live: इस बार अलग होगा गणतंत्र दिवस परेड का आगाज, इमैनुएल मैक्रों होंगे मुख्य अतिथि
01:14 AM, 26-Jan-2024
13,000 विशेष मेहमानों को आमंत्रण
इस साल परेड में शामिल होने के लिए करीब 13 हजार विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। ये वे लोग हैं जिन्होंने सरकार की करीब 30 प्रमुख योजनाओं का लाभ उठाया है। इसके अलावा पेटेंट हासिल करने वाले विशेषज्ञों, इसरो की महिला वैज्ञानिकों, स्वतंत्रता सेनानियों, किसानों और आदिवासी समुदाय के लोगों को भी निमंत्रण दिया गया है। इसका उद्देश्य सरकार के जनभागीदारी के दृष्टिकोण के अनुरूप जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को राष्ट्रीय उत्सव में भाग लेने का अवसर प्रदान करना है। कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए 77 हजार सीटों की क्षमता है। इनमें से आम जनता के लिए 42 हजार सीट टिकटों के जरिये बुक की जाती हैं।
01:10 AM, 26-Jan-2024
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों जयपुर से नई दिल्ली पहुंच गए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया। गौरतलब है कि मैक्रों दो दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं।
#WATCH | Delhi: EAM Dr S Jaishankar welcomes French President Emmanuel Macron at Delhi Airport.
President Macron will participate as the Chief Guest at the 75th Republic Day celebrations. pic.twitter.com/5eC7ilf3tU
— ANI (@ANI) January 25, 2024
12:16 AM, 26-Jan-2024
Republic Day Parade 2024 Live: इस बार अलग होगा गणतंत्र दिवस परेड का आगाज, इमैनुएल मैक्रों होंगे मुख्य अतिथि
India 75th Republic Day Celebration Live: पूरा देश आज 75वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है।इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्तव्यपथ पर तिरंगा फहराएंगी। इसके बाद कर्तव्य पथ पर परेड का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड भी इस बार खास होगी। अभी तक हमेशा परेड की शुरुआत सैन्य बैंड के साथ होती आई है, लेकिन इस बार देशभर की 100 महिला सांस्कृतिक कलाकार पारंपरिक वाद्यों के साथ परेड का आगाज करेंगी।
Republic day: आज राजपथ पर दिखेगी छत्तीसगढ़ की ‘आदिम जनसंसद की झांकी; मुरिया दरबार और लिमऊ राजा होंगे आकर्षक
गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी छत्तीसगढ़ की ‘आदिम जनसंसद की झां
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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Republic Day 2024; Chhattisgarh Bastar culture: इस बार नई दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में लोग छत्तीसगढ़ के बस्तर की मुरिया दरबार और कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर के लिमऊ राजा की संस्कृति देखेंगे। लोग छत्तीसगढ़ की संस्कृति से रू-ब-रू होंगे। देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की आदिम जनसंसद- मुरिया दरबार” को रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने इस साल नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित किया है।
नई-दिल्ली राजपथ पर होने वाली परेड के लिए 28 में से 16 राज्यों का चयन किया गया है। झांकी का अनूठा विषय और डिजाइन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को रिझाने में कामयाब रहा। झांकी की थीम और डिजाइन स्थानीय स्तर पर वृहद अन्वेषण और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में तैयार की गई। इस विषय वस्तु पर आधारित झांकी को पांच चरणों की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के सामने थीम और डिजाइन के चयन के बाद झांकी का थ्रीडी मॉडल प्रस्तुत किया गया। अंत में संगीत चयन के साथ ही झांकी को अंतिम स्वीकृति मिल गई। झांकी की थीम और डिजाइन ने चयनकर्ताओं को खासा आकर्षित किया।
क्यों बेहद खास है छत्तीसगढ़ की ये झांकी?
छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘भारत लोकतंत्र की जननी’ पर आधारित है। यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है। इस झांकी में केंद्रीय विषय “आदिम जन-संसद” के अंतर्गत जगदलपुर के मुरिया दरबार और उसके उद्गम-सूत्र लिमऊ-राजा को दर्शाया गया है। मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है, जो 600 सालों से चली आ रही है। इस परंपरा के उद्गम के सूत्र कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक स्थान पर मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोककथा के अनुसार आदिम-काल में जब कोई राजा नहीं था, तब आदिम-समाज एक नीबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में ही निर्णय ले लिया करता था।
जानें, कैसे होता है चयन
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली झांकियों के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालय और विभागों से रक्षा मंत्रालय प्रस्ताव मांगता है। इन प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जाता है। झांकियों के चयन के लिए विशेषज्ञ समिति के साथ विभिन्न चरणों में कई बैठकें होती हैं। कमेटी में कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति, कोरियोग्राफर आदि शामिल रहते हैं। विशेषज्ञ समिति थीम के आधार पर प्रस्तावों की जांच करती है। सिफारिशें करने से पहले कमेटी की ओर से अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव पर ध्यान दिया जाता है।
‘परामर्श के बाद…’ गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी को लेकर पंजाब के आरोप पर सरकार का जवाब
Republic Day Parade 2024: सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक समझौता ज्ञापन के तहत कर्तव्य पथ पर अगले तीन गणतंत्र दिवस समारोहों में झांकियां प्रदर्शित करने का समान अवसर मिलेगा. इस बात की जानकारी एक आधिकारिक सूत्र ने बुधवार (10 जनवरी) को दी. यह फैसला राज्यों और रक्षा मंत्रालय के बीच हुए परामर्श के बाद लिया गया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब पंजाब और कर्नाटक सहित कई विपक्ष शासित राज्यों ने अपनी झांकियों की अस्वीकृति के बाद चयन प्रक्रिया पर केंद्र की आलोचना की थी.
सूत्रों ने कहा कि झांकी के चयन के लिए परामर्श प्रक्रिया पिछले साल 25 मई को रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने की राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक से शुरू हुई और उसके बाद तीन साल की योजना तैयार की गई.
16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन
चार दौर की बैठकों के बाद उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ समिति ने हर साल की तरह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में झांकी के प्रदर्शन के लिए 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन किया गया.
इस साल के समारोह के लिए चुने गए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.
कर्नाटक-पंजाब ने की थी आलोचना
गौरतलब है कि हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने झांकी के लिए चयन प्रक्रिया की आलोचना की थी. इस पर रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि झांकी का चयन पूरी तरह से पारदर्शी और परामर्श से किया गया था.
मंत्रालय ने कहा कि परेड के लिए ‘विकसित भारत’ और ‘भारत – लोकतंत्र की मातृका’ थीम के साथ-साथ झांकी के चयन को लेकर दिशानिर्देशों के बारे में राज्यों को पहले ही सूचित कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि ज्ञापन के अनुसार हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को गणतंत्र दिवस परेड में बारी-बारी से अपनी झांकी दिखाने का मौका देने के लिए केवल तीन साल के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया था.
एक सूत्र ने बताया कि विपक्ष शासित राज्यों झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और मेघालय की झांकियों को इस साल की परेड के लिए विशेषज्ञ समिति ने चुना है. सूत्रों ने कहा कि अब तक कर्नाटक सहित 28 राज्य एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि झांकी के लिए उत्तराखंड और गोवा जैसे राज्यों का चयन नहीं किया गया है. सूत्रों ने बताया कि एमओयू के अनुसार, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर गोवा, असम और उत्तराखंड लाल किले पर भारत पर्व में भाग लेंगे.
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