झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समर्थन में आदिवासी संगठनों ने शुक्रवार (19 जनवरी) को राजधानी रांची में राजभवन मार्च किया. आदिवासी संगठनों के लोग सुबह से मोरहाबादी मैदान में जुटने लगे थे. दोपहर बाद हाथों में हेमंत सोरेन की तस्वीर, तीर-धनुष और सरना झंडा लेकर राजभवन पर प्रदर्शन करने के लिए रवाना हुए.
आदिवासी संगठनों के मार्च में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. इन्होंने हाथ में तख्तियां ले रखीं थीं. इन पर लिखा था- केंद्र सरकार होश में आओ. आदिवासी संगठनों का आरोप है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्र सरकार के इशारे पर सेंट्रल एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बेवजह परेशान कर रहा है.
विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए एक युवा नंगे बदन पहुंच गया था. ठिठुरा देने वाले मौसम में बिना कपड़ों के प्रदर्शन में शामिल इस शख्स ने अपने शरीर पर हरे रंग से लिख रखा था- हेमंत है, तो हिम्मत है. बता दें कि हेमंत सोरेन ने ईडी को 20 जनवरी (शनिवार) का समय दिया है.
शनिवार को ईडी के अधिकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने के लिए कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचेंगे. सीएम सोरेन ने आठवें समन के जवाब में ईडी से कहा कि वह उनसे पूछताछ करने के लिए 19 जनवरी को सीएम आवास आ सकते हैं.
ईडी ने हेमंत सोरेन को भेजे गए सातवें समन में अपना सुर नरम करते हुए कहा था कि जमीन की खरीद-बिक्री मामले में आपसे पूछताछ करनी है. अपनी सहूलियत के हिसाब से समय और जगह आप तय कर दें, हमारे अधिकारी वहां पहुंच जाएंगे.
सात समन के बाद भी जब हेमंत सोरेन ने ईडी को संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो ईडी ने फिर सख्त रुख अपनाया. हेमंत सोरेन को आठवीं चिट्ठी लिखी. इसमें कहा गया कि आपको सवालों के जवाब देने ही होंगे.
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा था कि ईडी के खिलाफ जनता का आक्रोश बढ़ रहा है. कहीं यह वीभत्स रूप न ले ले. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ईडी ने सुरक्षा पर सवाल खड़े किए. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भी इस पर नाराजगी जताई.