Weather Update: दिल्ली में आज बारिश और गिराएगी पारा! पंजाब में कोल्ड वेव का अलर्ट, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट
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India Meteorological Department
UP Weather Forecast LIVE: यूपी में धुंध से सुबह की शुरुआत, दो डिग्री तक गिरेगा पारा, जानें मौसम का हाल
यूपी में रविवार सुबह की शुरुआत धुंध के साथ हुई. मौसम में प्रदूषण का स्तर लगातार बना हुआ है. इस वजह से लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के मुताबिक प्रदेश में 10 नवंबर तक मौसम सामान्य तौर पर शुष्क बना रहेगा और चेतावनी जारी करने जैसी फिलहाल कोई स्थिति नहीं है. अगले 24 घंटे के दौरान तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट देखने को मिल सकती है.
UP Weather Update: यूपी से मानसून पूरी तरह हुआ विदा, अब अगले सीजन में होगी एंट्री, पूर्वांचल में कम हुई बारिश
UP Weather Update: उत्तर प्रदेश के मौसम में उमस का सिलसिला जारी है. मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून सोमवार को उत्तर प्रदेश से पूरी तरह वापस हो गया है. अब ये अगले सीजन में दस्तक देगा. पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के सभी मंडलों में दिन और रात के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. और आगे भी इसके आसार नहीं हैं. इसके साथ ही 15 अक्टूबर तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा. प्रदेश में अगले पांच दिनों तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है. उमस की स्थिति जारी रहेगी, इसलिए लोगों को फिलहाल गर्मी से राहत नहीं मिलेगी. मंगलवार से इस सप्ताह के अंत तक ऐसी ही स्थिति रहेगी. राजधानी लखनऊ और आसपास के जनपदों में अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक रात में ओस गिरने में धीरे धीरे इजाफा देखने को मिलेगा.
मानसून की वापसी का सिलसिला 30 सितंबर से हुआ शुरू
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 13 अक्तूबर को एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक राजस्थान के ऊपर निचले क्षोभ मंडल में बने चक्रवात के प्रभाव से बारिश पूरी तरह थम हो चुकी है. साथ ही वायुमंडलीय नमी में प्रभावी कमी आई है. इस वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून के 30 सितंबर को प्रदेश के पश्चिमी हिस्से से वापस का सिलसिला शुरू हो गया था. इसे बाद छह अक्टूबर को राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के मध्यवर्ती हिस्सों से मानसून पीछे हटने लगा था.
पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में मानसून के आंकड़े
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक अब नौ अक्तूबर को मानसून ने पूरे प्रदेश को अलविदा कह दिया है. अब प्रदेश में कहीं भी मानसून की सक्रियता नहीं बची है. फिलहाल मौसम शुष्क रहेगा. इसके बाद 15 अक्तूबर से रात का पारा गिरने लगेगा और गुलाबी ठंड अपना असर दिखाने लगेगी. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मानसून के दौरान उत्तर प्रदेश में बारिश की स्थिति सामान्य रही. मानसून के मौसम में 1 जून से 30 सितंबर के दौरान जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश में 799.2 मिलीमीटर के औसत के सापेक्ष 29 फीसदी कम यानी मात्र 569.5 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 672 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड हुई. ये औसत के सापेक्ष तीन फीसदी अधिक रही. इस अवधि में कुल 693.9 मिलीमीटर के साथ बारिश सामान्य रही. पूरे प्रदेश में कुल बरसात 17 प्रतिशत कम 619.3 मिलीमीटर रही.
जून, जुलाई और सितंबर में कम हुई बारिश
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मानसून ऋतु के मासिक विश्लेषण के दौरान यह सामने आया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां जून महीने के दौरान बारिश सामान्य से अधिक रही वहीं जुलाई-अगस्त-सितंबर महीनों के दौरान यह सामान्य रही. इसी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश में सिर्फ अगस्त महीने के दौरान मानसूनी बारिश सामान्य रही जबकि अन्य तीन महीनों जून, जुलाई एवं सितंबर के दौरान यह सामान्य से कम रही. बिजनौर में सर्वाधिक 1270 मिलीमीटर जबकि भदोही में सबसे कम 162 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में भी मानसूनी बारिश सामान्य रही.
मौसम का ताजा सिस्टम
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा अब रक्सौल, डाल्टनगंज, कांकेर, रामागुंडम, बीजापुर और वेंगुरला से होकर गुजरती है. दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के साथ-साथ महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों से वापस चला गया है. उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है. एक ट्रफ रेखा रायलसीमा से तमिलनाडु होते हुए कोमोरिन तक फैली हुई है।.
पिछले 24 घंटे के दौरान, पूर्वोत्तर भारत और आंतरिक तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई. पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हुई तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी तमिलनाडु और कर्नाटक के तटीय इलाकों में हल्की बारिश हुई देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य भागों में न्यूनतम तापमान में एक या दो डिग्री की वृद्धि हुई.
मौसम की संभावित स्थिति
अगले 24 घंटे के दौरान, पूर्वोत्तर भारत और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल के कुछ हिस्सों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ भारी बारिश हो सकती है. गिलगित बाल्टिस्तान मुजफ्फराबाद और जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश के साथ छिटपुट बर्फबारी संभव है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की बारिश और लद्दाख में अलग-अलग जगहों पर बारिश संभव है. पोस्टल आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप में हल्की बारिश के साथ एक या दो बार मध्यम बारिश हो सकती है. देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा.
संताल परगना के 3 जिलों में बहुत भारी बारिश का अलर्ट, बाबानगरी देवघर समेत इन जिलों में भी होगी झमाझम बारिश
Jharkhand Weather Forecast|Very Heavy Rain Alert|संताल परगना के कम से कम तीन जिलों में बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, बाबानगरी देवघर समेत झारखंड के पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. भारत मौसम विज्ञान केंद्र (आईएमडी) के रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के पास मौजूद मौसम केंद्र ने यह अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि चार और पांच अक्टूबर को झारखंड के आधा दर्जन से अधिक जिलों में कहीं भारी बारिश होगी, तो कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. रांची स्थित मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने प्रभात खबर को बताया कि इन जिलों के लोगों को कई बातों का ध्यान रखना होगा. खासकर जहां बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इन जिलों में किसानों को अपनी फसल को बचाने के लिए उपाय करने होंगे. साथ ही आम लोगों को भी सतर्क एवं सावधान रहना होगा, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो जाए.
4 और 5 अक्टूबर को संताल में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि बुधवार (4 अक्टूबर) और गुरुवार (5 अक्टूबर) को संताल परगना में सबसे ज्यादा बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिलों में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है. मौसम केंद्र के प्रमुख के मुताबिक, चार अक्टूबर को गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. वहीं, इसी दिन बाबानगरी देवघर, दुमका, जामताड़ा, सरायकेला-खरसावां तथा पूर्वी सिंहभूम जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान है.
मौसम विभाग ने दी सावधानी बरतने की सलाह
उन्होंने बताया कि पांच अक्टूबर को पाकुड़, दुमका, गोड्डा और साहिबगंज जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में रहने वाले लोगों के लिए कुछ सावधानी बरतने की सलाह मौसम केंद्र ने दी है. उन्होंने कहा कि जल निकासी की उचित व्यवस्था लोगों को कर लेनी चाहिए. पके हुए फल एवं सब्जियों की तुड़ाई करके उन्हें सुरक्षित जगहों पर एकत्र कर लेना चाहिए, ताकि बारिश की वजह से उन्हें नुकसान न हो. इतना ही नहीं, लोगों से अपील की गई है कि वे जलजमाव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें. मौसम केंद्र का कहना है कि कई बार जलजमाव वाले क्षेत्रों में बड़े गड्ढे होते हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.
इन इलाकों में जाने से बचें, होंगी ये परेशानियां
इतना ही नहीं, यह भी कहा गया है कि जलजमाव वाले इलाके में अगर कहीं तार गिरा हुआ दिखे, तो उस तरफ जाने से बचें. बिजली विभाग को तुंरत इसकी सूचना दें. अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो उस इलाके में दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी. अभिषेक आनंद ने यह भी बताया कि भारी से बहुत भारी वर्षा वाले इलाकों में कृषि और बागवानी फसलों को नुकसान हो सकता है. अगर मानसून के दौरान पौधों की रोपाई की है, तो उसे भी नुकसान पहुंच सकता है. निचले इलाकों में जलजमाव हो सकता है. कई जगहों पर तेज बारिश की वजह से कीचड़ भी बढ़ जाता है, जिससे सड़कों पर आवागमन में परेशानी होती है.
भारी बारिश से प्रभावित हो सकती है बिजली की आपूर्ति
भारी बारिश की वजह से कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है. बारिश की वजह से जलजमाव, वज्रपात की आशंका रहती है, जिससे जान-माल का नुकसान होने की आशंका रहती है. इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पाकु़ड़, साहिबगंज एवं गोड्डा के लिए मौसम केंद्र रांची ने येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं, देवघर, दुमका, जामताड़ा, सरायकेला-खरसावां एवं पूर्वी सिंहभूम जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. 5 अक्टूबर को पाकुड़, दुमका, गोड्डा और साहिबगंज जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
बारिश के दौरान बिजली कड़के या वज्रपात की आशंका हो, तो कैसे करें अपना बचाव?
बारिश के दौरान वज्रपात की भी आशंका रहती है. इससे जान-माल का नुकसान हो सकता है. अगर कुछ सावधानी बरतेंगे, तो इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. जानें कौन से हैं वो उपाय.
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किसी पेड़ के नीचे शरण न लें.
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तालाब, झील या कहीं पानी में हैं या उसके आसपास हैं, तो वहां से बाहर निकलें. धान की रोपाई कर रहे हैं, तो खेत से बाहर आ जाएं.
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किसी सुरक्षित पक्के छत के नीचे शरण लें. बिजली कड़कने की आवाज के आधे घंटे बाद तक किसी सुरक्षित छत के नीचे ही बने रहें.
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आसपास कोई पक्का मकान या छत नहीं है, तो वज्रपात से बचने के उपाय करें. पैर और सिर को मोड़कर आपस में मिलाकर खुद को गेंद के आकार का बना लें. दोनों हाथों से दोनों कानों को बंद कर लें, ताकि आपका शरीर जमीन के संपर्क में कम से कम रहे.
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अगर यात्रा में हैं, तो कार, बस या ट्रेन में ही बने रहें. बाहर न निकलें.
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बिजली कड़कती है, तो उस वक्त विद्युत उपकरणों का बिल्कुल इस्तेमाल न करें. मोबाइल फोन को भी दूर रख दें.
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अगर किसी इलाके में बिजली का तार नीचे गिरा है, तो उस इलाके में बिल्कुल न जाएं.
UP Weather Update: पूर्वांचल को बारिश ने भिगोया, पश्चिमी यूपी से दूर हुए बादल, जानें इस सप्ताह मौसम का हाल
UP Weather Update: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. पश्चिमी यूपी में जहां मौसम आमतौर पर सामान्य तौर पर शुष्क बना हुआ है और लोग उमस से बेहाल हैं. वहीं पूर्वांचल के जिलों में बारिश की वजह से मौसम पूरी तरह बदल गया है. हालत यह है कि अक्टूबर के महीने में जब गुलाबी जाड़ा दस्तक देने को तैयार होता है, तब लोगों को सावन का एहसास हो रहा है. बारिश के कारण तापमान में छह डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है.
पूर्वांचल में अगले 48 घंटे में बारिश-बिजली गिरने का मौसम
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के मुताबिक मंगलवार को मीरजापुर और जौनपुर में बारिश की वजह से स्कूलों को बंद करना पड़ा. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे तक क्षेत्र में इसी तरह का मौसम जारी रहने की संभावना जताई है. प्रदेश में बुधवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा जबकि पूर्वांचल में एक या दो स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं. इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है.
प्रदेश में 5, 6 और 7 अक्टूबर को भी इसी तरह का मौसम रहेगा. जबकि 8 और 9 अक्टूबर को पूरे उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा. प्रदेश में अधिकतम तापमान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अगले चार दिनों में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है. वहीं न्यूनतम तापमान में पूरे प्रदेश में यही स्थिति देखने को मिल सकती है.
इन जिलों में हुई बारिश
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के मुताबिक पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून अत्यंत सक्रिय है और कई स्थानों पर गरज चमक के साथ मध्यम बारिश भी, जबकि पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रहा. प्रदेश में सोनभद्र, जौनपुर, जालौन, वाराणसी, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, चंदौली, सोनभद्र, मीरजापुर, रायबरेली, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, सीतापुर, हरदोई, देवरिया, संत कबीर नगर में बारिश हुई.
आगरा में सबसे ज्यादा और नजीबाबाद में सबसे कम तापमान
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बीते 24 घंटे में वाराणसी मंडल में दिन के तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई. वहीं गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज, लखनऊ और झांसी मंडल में भी अधिकतम तापमान में कमी देखने को मिली. शेष सभी मंडलों में दिन के तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ. राज्य में सबसे अधिक तापमान आगरा में 37.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसी तरह न्यूनतम तापमान की बात करें तो पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के बरेली, मुरादाबाद, आगरा एवं मेरठ मंडलों में काफी गिरावट दर्ज की गई है. राज्य में नजीबाबाद में सबसे कम तापमान 17.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
यूपी के इन हिस्सों में मौसम की स्थिति
मौसम विभाग के मुताबिक देश में इस समय दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा अब गुलमर्ग, धर्मशाला, मुक्तेश्वर, पीलीभीत, उरई, अशोक नगर, इंदौर, बड़ौदा और पोरबंदर से होकर गुजर रही है. आज दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तराखंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों से वापस चला गया है. जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात राज्य के शेष हिस्सों से दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं. अगले दो-तीन दिनों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश पूर्व मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में इसका असर देखने को मिलेगा.