महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। बीते एक हफ्ते से समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं।
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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। बीते एक हफ्ते से समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं।
Phone Tapping Case: मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र की पिछली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कथित फोन टैपिंग के एक मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल रिपोर्ट को अनुमति देना जरूरी है क्योंकि कथित अपराध सही है, लेकिन दोषियों का पता नहीं चल पाया है.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड अदालत) एसपी शिंदे ने 22 अगस्त को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली थी. जिसका विस्तृत आदेश शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया. ये मामला मार्च 2021 में महाराष्ट्र के वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से संबोधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से उपजा था. जब वह विधानसभा में विपक्ष के नेता थे.
देवेंद्र फडणवीस ने दिया था पत्र का हवाला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस विभाग में तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की ओर से महाराष्ट्र के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को कथित तौर पर लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया था. पुलिस ने मामले में देवेंद्र फडणवीस का बयान मार्च 2022 में दर्ज किया था जब बीजेपी नेता विपक्ष में थे.
पत्र में इंटरसेप्ट किए गए फोन कॉल का विवरण भी था, जिससे तत्कालीन शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं में हंगामा मच गया. जिन्होंने आरोप लगाया कि उनके फोन अवैध रूप से टैप किए गए थे.
जांच एजेंसी ने क्या कहा?
जांच एजेंसी ने कहा कि वह यह स्थापित नहीं कर सकी कि दस्तावेज कहां से, किसने और कब देवेंद्र फडणवीस को सौंपे थे, जैसा कि अदालत के आदेश में जिक्र किया गया है. मुंबई पुलिस ने तब राजनीतिक नेताओं और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के कथित फोन टैपिंग और गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
सीबीआई को सौंपी गई थी जांच
हालांकि, जून 2022 में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार और फडणवीस के डिप्टी सीएम के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मामले की जांच मुंबई पुलिस से सीबीआई को सौंप दी गई थी. बाद में, केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की और मामले में शिकायतकर्ता एसआईडी ने जांच बंद करने के लिए अपनी अनापत्ति दे दी.
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क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भारी पड़ रहे है उप-मुख्यमंत्री अजित पवार? जिससे हुआ विवाद अब उसके साथ कैसे निभाएंगे एकनाथ शिंदे! अखिर ऐसा क्या हुआ कि, सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार में आने लगी दरार की अटकलें? क्या शिंदे और अजित के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा? आखिर क्यों अजित पवार के कड़े सवाल पूछने से नाराज हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद? क्या महाराष्ट्र की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा?
Sharad Pawar On Prithviraj Chauhan: कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण के ऑफर वाले बयान को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार ने बुधवार (16 अगस्त) को पलटवार किया. उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी तंज कसा.
पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने कहा, ”कांग्रेस के नेता अगर कोई बयान दे रहे हैं तो मुझे इसकी जानकारी नहीं, लेकिन अजित पवार से मीटिंग के दौरान किसी ऑफर पर बात नही हुई है. अजित पवार ने बैठक के दौरान ऐसी कोई बात नहीं बोली.”
उन्होंने आगे कहा कि देवेंद्र फडणवीस कह रहे थे कि वो फिर से आएंगे, लेकिन आए दूसरे पद पर यानी उपमुख्यमंत्री, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बने.
पृथ्वीराज चव्हाण ने क्या दावा किया?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया था कि भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार को मुलाकात के दौरान ऑफर दिया है. उन्होंने कहा, ” अजित पवार ने शरद पवार को दो ऑफर दिए. इसमें पहला था कि वो केंद्र में कृषि मंत्री बन जाएं या फिर नीति आयोग के चेयरमैन का पद संभाल लें.”
बता दें कि शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और अजित पवार के बीच मुलाकात हुई थी. इससे पहले भी दोनों नेताओं की एनसीपी में टूट के बाद चार बार मुलाकात हो चुकी है. इन मुलाकातों ने एमवीए के नेताओं को संशय में डाल दिया है.
क्या एमवीए का गठबंधन टूटेगा?
कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना की तरफ से एनसीपी को अलग करके चुनाव लड़ने की अटकलों पर शऱद पवार ने कहा कि ऐसा कुछ भी नही है. सिर्फ ये चर्चा है, लेकिन इसमें हकीकत नहीं है. उन्होंने बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं होगा. दरअसल, तीनों पार्टी महाविकास अघाडी (MVA) का हिस्सा है.
शरद पवार बीजेपी पर क्या बोले?
शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो लोगों को बांट रही है. उन्होंने कहा, ” देश की सत्ता बीजेपी और उसके सहयोगियों के हाथ में है. उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे उन्होंने (बीजेपी) ने राज्य सरकारों को गिराया- जैसे गोवा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के बाद क्या हुआ, यह सभी ने देखा है.
पीएम मोदी का किया जिक्र
शरद पवार ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर शरद पवार ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य की स्थिति चिंताजनक है. ऐसे में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी को वहां जाकर लोगों को विश्वास में लेना चाहिए है.
अजित पवार क्या बोले?
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि शरद पवार के साथ उनकी मुलाकात के दौरान कुछ खास बात नहीं हुई. उन्होंने कहा, ‘‘पवार साहब (शरद पवार) पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं. मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को तरह-तरह का प्रचार दे रहा है, जिससे भ्रम पैदा हो रहा है. यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ.’’
कांग्रेस क्या बोली?
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार (14 अगस्त) को कहा कि जब दोनों नेता (शरद पवार और रिश्तेदार हैं, तो उन्हें गुप्त रूप से मिलने की क्या जरूरत थी. ऐसी मुलाकातें लोगों में भ्रम पैदा करती हैं.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने क्या कहा?
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया, ‘‘ऐसी आशंका है बीजेपी के ‘चाणक्य’, अजित को शरद पवार से मिलने के लिए भेजकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इस तरह की मुलाकातें शरद पवार की छवि को धूमिल कर रही हैं और यह अच्छा नहीं है.’’
इनपुट-भाषा से भी.
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार दो कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए. इसके बाद राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े हो गए हैं. पहले कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत और वित्त मंत्री पवार शामिल थे.
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