<p style="text-align: justify;">कोई इंसान पढ़ाई इसलिए करता है. ताकि वह अपने आप को पैरों पर खड़ा कर सके. कोई बिजनेस शुरू कर सके या फिर एक अच्छी सी जॉब कर सके. लेकिन आज के वक्त में जॉब्स की बड़ी मारामारी है प्राइवेट नौकरियां हो या सरकारी नौकरियां. दोनों ही जगह पर कंपटीशन बहुत बढ़ गया है. ऐसे में लोग अब कुछ अल्टरनेट क्षेत्र भी देख रहे हैं. जहां कंपटीशन कम हो. पिछले कुछ सालों की बात की जाए तो साइबर सिक्योरिटी में काफी लोग अपना कैरियर तलाश कर रहे हैं. जो युवा साइबर सिक्योरिटी में अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं. उनके लिए करियर काउंसलर के बताए गए यह कुछ टिप्स बेहद काम आने वाले हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>साइबर सिक्योरिटी में है सुनहरा करियर</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">जैसे-जैसे दुनिया भर में डिजिटाइजेशन हुआ है. वैसे-वैसे ही सभी क्षेत्रों में इसकी मांग बड़ी है. आज के दौर में शायद ही ऐसी कोई कंपनी या संस्थान हो जो डिजिटल तौर पर एक्टिव ना हो. इंटरनेट और सोशल मीडिया केस दौर में सभी को अपने काम को करने के लिए डिजिटल तरीके अपनाने पड़ रहे हैं. साल दर साल इसमें इजाफा होता जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;">जहां डिजिटाइजेशन बढ़ा है तो वही साइबर सिक्योरिटी के खतरे भी बढ़ा हैं. इसीलिए साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में जॉब्स की भी काफी डिमांड बढ़ी है. इनमें मुख्य रूप से चार-पांच पद है जो कि साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में काफी जॉब्स दे रहे हैं. साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट, क्लाउड सिक्योरिटी इंजीनियर, पेनिट्रेशन टेस्टर मैलवेयर, फॉरेंसिक एनालिस्ट, क्रिप्टोग्राफर जैसे कुछ पद है. </p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>सर्टिफिकेशन के साथ-साथ स्किल्स भी जरूरी</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">साइबर सिक्योरिटी में किसी को भी अगर अपना कैरियर बनाना है तो उन्हें अन्य डिग्री के अलावा इसमें सर्टिफिकेशन हासिल करना भी काफी फायदेमंद साबित होता है. साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में सर्टिफिकेशन को खास महत्व दिया जाता है 90% कंपनियां इन्हीं लोगों को कंपनी में जगह देती है जो सर्टिफिकेशन हासिल कर चुके होते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">बता दें सामान्य कोर्स के मुकाबले यह कोर्स थोड़ा महंगा होता है. सर्टिफिकेशन होने के अलावा इस क्षेत्र का व्यावहारिक ज्ञान भी होना बेहद जरूरी है साइबर सिक्योरिटी में कैसे काम करते हैं क्या-क्या चीज जरूरी है कंप्यूटर स्किल्स नेटवर्किंग स्क्रिप्टिंग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और क्रिटिकल थिंकिंग की जानकारी भी होना जरूरी है. </p>
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बिहार: OTP नहीं बताने के बाद भी खाते से निकाल लिए पैसे, साइबर ठगों ने अब निकाल लिया नया रास्ता
Crime News: बिहार में साइबर अपराधी ठगी का नया तरीका अपना रहे है. इसी कड़ी में एक नई घटना सामने आई है. साइबर ठगों को बिना ओटीपी बताए ही उन्होंने रुपयों की निकासी कर ली. साइबर बदमाशों ने झांसा में लेकर नेहरू नगर निवासी अभिषेक कुमार सौरभ के क्रेडिट कार्ड खाते से रुपयों की निकासी कर ली. अभिषेक के खाते से सारा पैसा गुड़गांव से निकाला गया . बताया जाता है कि उन्हें एक कॉल आया और यह बताया गया कि वह साइन कंपनी का प्रतिनिधि है. इस कंपनी से जुड़ने के लिए दस रुपये का रजिस्ट्रेशन लिंक के माध्यम से करना होगा. इसके बाद लिंक भी भेज दिया. अभिषेक ने लिंक को क्लिक कर अपनी डिटेल डाल दिया.
साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज
पीड़ित के डिटेल को डालने के बाद करीब नौ हजार रुपये निकासी का मैसेज आया तो अभिषेक ने प्रक्रिया को बंद कर दिया. इसके बाद उन्हें ओटीपी भी आया. लेकिन उन्होंने उसे शेयर नहीं किया. लेकिन फिर भी खाते से 35 हजार की निकासी हो गयी. वहीं, पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर निवासी दो भाई महेंद्र और जीतेंद्र के खाते से साइबर शातिरों ने 2.2 लाख रुपये की निकासी कर ली है. दोनों भाइयों ने इस संबंध में साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाया है. बड़े भाई महेंद्र ने बताया कि इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन के जरिये नंबर मिला था. विज्ञापन में एक कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने के बारे में बताया गया था. महेंद्र और जीतेंद्र दोनों का कपड़ा का दुकान है.
साइबर बदमाशों ने की लाखों की ठगी
दुकान के नाम पर दोनों भाइयों ने ज्वाइंट खाता खुलवा रखा है. महेंद्र ने बताया कि जब नंबर पर कॉल किया तो एक लड़की ने फोन उठाया. उसने फ्रेंचाइजी लेने के संबंध कई सारी जानकारियां दी. युवती ने पहले दोनों भाइयों से डिटेल लिया और दस्तावेज भी वाट्सएप के जरिये मंगवाया. युवती ने कहा कि आपके मोबाइल पर रजिस्ट्रेशन कन्फर्म करने के लिए ओटीपी जायेगा. जैसे ही ओटीपी महेंद्र के मोबाइल पर आया, उसने युवती को ओटीपी बता दिया. इसके बाद खाते से 2.2 लाख रुपये की निकासी हो गयी. राजधानी के एसपी वर्मा रोड निवासी व पेशे से व्यवसायी रोहित जैन के खाते से साइबर बदमाशों ने 1.39 लाख रुपये की निकासी कर ली है. रोहित जैन ने गांधी मैदान थाने में मामला दर्ज करा दिया है. उन्होंने गुगल से कुरियर कंपनी का नंबर निकाल फोन कर दिया. इसके बाद बदमाशों ने पांच रुपया जमा करने को कहा. साथ ही एनी डेस्क एप डाउनलोड करने को कहा. राेहित ने लिंक के माध्यम से पांच रुपया भेजा और एप भी डाउनलोड कर लिया. इतने में ही खाते से रुपये निकल गये.
प्वाइंट को कैश में बदलने के नाम पर ठगी
पाटलिपुत्र थाने के लोटस अपार्टमेंट निवासी शशि भूषण सिंह को आइसीआइसी बैंक द्वारा अपग्रेडेड रूबिक्स कार्ड दिया गया. कार्ड नया था, लेकिन साइबर बदमाशों ने कार्ड से एक लाख रुपये की निकासी छह बार में कर ली. जबकि, इस तरह की कोई स्वीकृति शशिभूषण सिंह ने नहीं दी थी. इधर,गाेपालगंज के परशुरामपुर निवासी व पीएमसीएच के मेडिकल छात्र युवराज सिंह को साइबर बदमाशों ने रिडिम प्वाइंट को कैश में बदलने का झांसा दिया और खाते से 50 हजार की निकासी कर ली. उन्हें एक फोन आया और बताया गया कि वे रिडिम प्वाइंट को कैश में बदल सकते हैं. इसके बाद उन्होंने उसमें क्रेडिट कार्ड का डिटेल डाला तो ओटीपी आया और खाते से 50 हजार की निकासी भी हो गयी.