अनिल विज ने कहा कि उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया है कि वे मुझे विधानसभा की कमेटियों में शामिल करें। इसके बाद मैं हर मंगलवार व बुधवार को कमेटियों की बैठक में शामिल होने चंडीगढ़ आया करूंगा।
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बिखर रहा गठबंधन : जयंत की भाजपा में एंट्री पर सियासी गलियारों में अटकलों का दौर, रालोद का इन सीटों पर दावा
चौधरी जयंत सिंह।
– फोटो : सोशल मीडिया
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सपा के साथ सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसने के बाद रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह की खामोशी ने गठबंधन में शोर मचा दिया है। सियासी गलियों में भाजपा से नजदीकियां बढ़ने पर खूब तर्क किए जा रहे हैं। रालोद के रणनीतिकार भी असमंजस में हैं। लखनऊ में विधानसभा सत्र बीच में ही छोड़कर विधायकों को दिल्ली से बुलावा दिया गया था, लेकिन फिर एन वक्त पर इंतजार करने के लिए कह दिया गया। उठापटक के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
रालोद विधायक जा सकते हैं दिल्ली
दो दिन पहले रालोद विधायकों को सत्र बीच में ही छोड़कर दिल्ली से बुलावा आया था। इस मुलाकात को गठबंधन से जोड़कर देखा गया, लेकिन इसी दौरान दिल्ली से दोबारा संदेश दिया गया कि अभी इंतजार करें। माना जा रहा है कि रालोद नेतृत्व अपने विधायकों से अलग-अलग राय लेकर ही अगला कदम उठाएगा।
UP: क्या NDA में शामिल होंगे जयंत? सियासी गलियारों में चर्चा हुई तेज, वेस्ट यूपी की इस सीट पर फंसा पेंच
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी
– फोटो : अमर उजाला
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इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और रालोद के बीच एक सीट को लेकर बात बनती नहीं दिख रही है। पश्चिमी यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। अभी इस सीट पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। अब चर्चा यह भी चल रही है कि सीटों को लेकर चल रहे विवाद को छोड़ जयंत एनडीए में भी जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, सपा ने कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रखी है। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेंच फंस गया। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपने हिस्से की सीटें बढ़ाने की बात रखी हैं।
अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी बहुजन समाज पार्टी, मायावती ने किया ऐलान
लखनऊ: अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनावों के लिए दो गठबंधन बन चुके हैं। एक गठबंधन NDA है, जिसमें 35 से भी ज्यादा दल शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ 25 से भी ज्यादा दलों से मिलकर बना इंडिया गठबंधन है। इसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, जेडीयू, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव गुट) और आम आदमी पार्टी समेत कई दल शामिल हैं। इस गठबंधन की तीन बैठकें हो चुकी हैं। पिछली बैठक मुंबई में हुई थी। इस बैठक से पहले खबर आई थी कि मायावती का दल बहुजन समाज पार्टी भी इसमें शामिल हो सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
गठबंधन में शामिल होने की ख़बरें झूठी
अब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में एक बैठक बुलाई। इस बैठक के दौरान फैसला लिया गया कि लोकसभा चुनाव में बसपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही कहा गया कि कुछ दिनों पहले पार्टी के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की ख़बरें आई थीं जोकि पूरी तरह से असत्य थीं। इस बैठक के बाद एक प्रेस नोट जारी करके कहा कि पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इस बैठक के बाद कहा गया है कि ऐसी झूठी खबरें पहले भी आई हैं और आगे भी आएंगी लेकिन इसमें बिलकुल भी सत्यता नहीं है
एमपी में बसपा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ किया गठबंधन
वहीं इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए थे। पार्टी इस बार अकेले नहीं बल्कि गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने गठबंधन कर लिया है। बसपा के राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम और जीजीपी के राष्ट्रीय महासचिव बलबीर सिंह तोमर ने इस गठबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि इस बार मध्य प्रदेश में उनकी सीट-बंटवारे की व्यवस्था के अनुसार, बसपा 178 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि जीजीपी 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। दोनों दलों ने बाद में जारी एक संवाददाताआ सम्मेलन में कहा, ‘‘दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार को खत्म करने के लिए मध्य प्रदेश में इस गठबंधन की सरकार बनेगी। इससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का तानाशाही और पूंजीवादी शासन भी खत्म होगा और गरीबों को न्याय मिलेगा।”
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