<p style="text-align: justify;"><strong>Ramlala Pran Pratishtha:</strong> अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन से पहले जम्मू के कई इलाकों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ स्थल की तरह सजाया जा रहा है, ताकि जो लोग 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जा सकें तो उन्हें जम्मू में ही राममय माहौल मिले. इन इलाकों में भगवान श्रीराम के पोस्टर, बैनर और जगह-जगह झंडे लगाए जा रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">जम्मू के ये इलाके में सुबह और शाम में रामधुन में लीन हो जाते हैं. कई श्रद्धालु हाथों में अलग-अलग वाद्य यंत्र लेकर रामधुन करते हुए निकल पड़ते हैं. ये श्रद्धालु गलियों में जाकर रामधुन गाते हैं, ऐसे में पूरा माहौल भक्तिमय नजर आता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/17/178b1feb96c80506a9cba0cb15a4e2ac1705435777580488_original.jpg" /></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अयोध्यामय हुआ जम्मू!</strong></p>
<p style="text-align: justify;">लोगों का दावा है कि 500 साल बाद ऐसा मौका आया है जब अयोध्या में भव्य <a title="राम मंदिर" href="https://www.abplive.com/topic/ram-mandir" data-type="interlinkingkeywords">राम मंदिर</a> का उद्घाटन होने जा रहा है. ऐसे में अयोध्या से 1200 किलोमीटर दूर जम्मू भी अयोध्यामय हो गया है.</p>
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राम मंदिर का उद्घाटन
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर का सीएम नवीन पटनायक करेंगे उद्घाटन
Sri Jagannath Temple Heritage Corridor: अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन की तैयारियों के बीच ओडिशा में जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना शुरू होने जा रही है. इसे श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प (एसएसपी) या जगन्नाथ मंदिर विरासत गलियारा परियोजना कहा जा रहा है. बुधवार (17 जनवरी) को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस परियोजना को शुरू करेंगे. इसे बीजेडी की ओर धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा देने के कदम के रूप में देखा जा रहा है, साथ यह भी माना जा रहा है कि इस प्रकार नवीन पटनायक की पार्टी बीजेपी को राज्य में मात दे सकती है.
लोकसभा चुनाव के आसपास ही ओडिशा में इस साल विधानसभा चुनाव भी होना है. बीजेडी लगातार छठी बार सत्ता पर काबिज होने के लक्ष्य के साथ चल रही है और इसके लिए कोई प्रयास नहीं छोड़ रही है. वहीं, बीजेपी भी पूरी तरह से तैयार मानी जा रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में ओडिशा की 21 सीटों में से आठ पर बीजेडी को भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था, जिसे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक किसी भी हाल में पलटना चाहेंगे.
कॉरिडोर परियोजना शुरू होने से पहले ओडिशा के पुरी को फूलों, रंगबिरंगी रोशनी और भित्तिचित्रों से खूबसूरती से सजाया गया है जो एक शानदार झांकी प्रस्तुत करता है. मकर संक्रांति के दिन से शुरू हआ ‘महायज्ञ’ मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसका समापन बुधवार दोपहर को गजपति महाराजा दिब्य सिंह देब द्वारा दोपहर डेढ़ से ढाई बजे के बीच ‘पूर्णाहुति’ के साथ होगा. इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस परियोजना को श्रद्धालुओं को समर्पित करेंगे.
कैसा क्या है माहौल?
12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के अलग-अलग द्वारों पर ब्राह्मण और वैदिक विद्वान अलग-अलग वेद मंत्रों का जाप कर रहे हैं. सिंह द्वार (मुख्य प्रवेश द्वार) पर ऋग्वेद, दक्षिणी द्वार पर यजुर्वेद, पश्चिमी द्वार पर सामवेद और उत्तरी द्वार पर अथर्ववेद का जाप किया जाता है.
इस उद्घाटन कार्यक्रम को देखने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में उमड़ रहे हैं. 12वीं सदी के इस मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह से ही ग्रांड रोड पर कतार में लग गए.
पांचटी (परिवर्तनकारी) पहल और नबीन ओडिशा के अध्यक्ष वीके पांडियन, मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना और प्रभारी पुलिस महानिदेशक अरुण सारंगी ने सोमवार को पुरी का दौरा किया और परिक्रमा परियोजना के उद्घाटन के लिए की गई तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की
पांडियन ने सोमवार शाम को जिला प्रशासन, मंदिर के वरिष्ठ सेवादारों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और 17 जनवरी के आयोजन की सफलता के लिए सभी से सहयोग मांगा.
जेना ने कहा कि श्री सेतु (पुल), श्री जगन्नाथ बल्लव पार्किंग, श्री मार्ग (सड़क) और अन्य परियोजनाएं लगभग तैयार हैं. राज्य के बाहर से आमंत्रित अतिथि मंगलवार से पुरी पहुंचने लगेंगे. उन्होंने कहा कि विभिन्न होटलों और अन्य सुविधा केंद्रों में अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. मुख्य सचिव ने कहा कि उसी दिन मुख्यमंत्री की ओर से उद्घाटन किए जाने के बाद श्री सेतु को जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
डीजीपी ने बताया कैसी रहेगी सुरक्षा व्यवस्था
Sri Jagannath Temple Heritage Corridorपुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के उद्घाटन के लिए पुलिस बल की 80 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 पुलिसकर्मी शामिल हैं) तैनात की जाएंगी. उन्होंने कहा कि लगभग 100 पर्यवेक्षक अधिकारी, 250 उपनिरीक्षक और सहायक उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी भी सुरक्षा ड्यूटी में लगाए जाएंगे.
चार स्तरीय सुरक्षा तैनाती होगी. डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा कि यातायात व्यवस्था से लेकर अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भक्तों के सुचारु दर्शन आदि से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं.
उन्होंने कहा कि चार बम निरोधक दस्ते, तीन श्वान दस्ते और तोड़फोड़ निरोधक टीम को तैयार किया गया है ताकि संदिग्ध वस्तुओं की खोजबीन करने के साथ ही क्षेत्र की निगरानी की जा सके.
800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया कॉरिडोर
इस परियोजना के तहत 800 करोड़ रुपये की लागत से जगन्नाथ मंदिर की मेघनाद पचेरी (बाहरी दीवार) के चारों ओर विशाल गलियारों का निर्माण किया गया है और इससे श्रद्धालुओं को 12 वीं शताब्दी के मंदिर के सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन करने में मदद मिलेगी. यह तीर्थयात्रियों को सुविधाएं भी प्रदान करेगा और मंदिर और भक्तों की सुरक्षा को मजबूत करेगा. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह परियोजना पुरी को विश्व धरोहर शहर के रूप में बदलने के लिए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली एक बड़ी पहल का एक हिस्सा है.
सरकार ने 17 जनवरी के लिए घोषित किया सार्वजनिक अवकाश
ओडिशा सरकार ने पुरी में श्रीजगन्नाथ परिक्रमा परियोजना की शुरुआत के दिन 17 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. गलियारा परियोजना में पार्किंग स्थल, श्री सेतु, तीर्थस्थल केंद्र, पुरी में जगन्नाथ मंदिर और उसके आसपास तीर्थयात्रियों की आवाजाही की सुविधा के लिए एक नयी सड़क, शौचालय, ‘क्लॉक रूम’ और आगंतुकों से जुड़ी अन्य सुविधाएं शामिल हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा कि राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बुधवार को बंद रहेंगे. बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी में जगन्नाथ मंदिर विरासत गलियारा परियोजना के उद्घाटन में लोगों की भागीदारी को सुगम बनाने के लिए इसकी घोषणा की है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने 17 जनवरी को समारोह में शामिल होने के लिए देशभर के 90 धार्मिक स्थलों और संस्थानों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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राम मंदिर उद्घाटन: 22 जनवरी को कैसे सेलिब्रेट करेंगी जेएनयू की वीसी? खुद बताया
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चल रही तैयारियों के बीच दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. जेएनयू की वीसी ने अपने प्लान के बारे में भी बताया है कि वह 22 जनवरी का कैसे सेलिब्रेट करेंगी.
राम मंदिर को लेकर शांतिश्री पंडित ने शुक्रवार (12 जनवरी) को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ”राम मंदिर आंदोलन प्रत्येक भारतीय के आत्मगौरव और स्वाभिमान का आंदोलन है. यह प्रत्येक मनुष्य और विशेषकर भारतीयों के लिए भारतीय सभ्यता और भारतीय पहचान का पुनरुत्थान है.”
उन्होंने कहा, ”भगवान राम अनेकता में एकता के प्रतीक हैं, हालांकि मैं तमिलनाडु से आती हूं, मेरे लिए और यहां तक कि दक्षिण-पूर्व एशिया में भी राम का वही अर्थ है.”
#WATCH | JNU Vice Chancellor Prof. Santishree Dhulipudi Pandit says, “The Ram Mandir movement is a movement of self-pride & self-esteem. It is a resurgence of the Indian civilisation and the Bharatiya identity for every human being and Indian. Lord Ram is a symbol of unity in… pic.twitter.com/iHrEyI87Sz
— ANI (@ANI) January 12, 2024
शांतिश्री डी पंडित से जब यह पूछा गया कि 22 जनवरी का दिन वह मनाएंगी तो उन्होंने कहा, ”मैं मेरे घर में सेलिब्रेट करूंगी.” इसी के साथ उन्होंने कहा, ”एक नागरिक, एक शिक्षाविद् के रूप में मुझे अपनी सभ्यता पर गर्व है क्योंकि यह महानतम सभ्यताओं में से एक है.”
जेएनयू की वीसी ने बताया राम मंदिर का निर्माण क्यों महत्वपूर्ण है
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शांतिश्री डी पंडित ने भगवान राम को एकजुट करने वाली शक्ति करार देते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारत के सभ्यतागत इतिहास के साथ सामंजस्य बैठाने के लिए महत्वपूर्ण है और यह देश में एक आदर्श बदलाव लाएगा. उन्होंने ऐसा माहौल बनाने की भी वकालत की, जहां किसी को भी किसी अन्य के मत/मजहब का अपमान नहीं करना चाहिए.
उनकी यह टिप्पणी उस घटना के कुछ हफ्ते बाद आई है, जिसमें विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों पर बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण से संबंधित भित्तिचित्र बनाए गए थे और नारे लिखे गए थे. उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो सेवा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि विश्वविद्यालय इस घटना के बाद धार्मिक ‘असहिष्णुता’ की घटनाओं से बचने के लिए परिसर में सुरक्षा उपाय बढ़ाने को लेकर कदम उठा रहा है.
‘राम मेरे लिए एकात्मकता के प्रतीक’
अयोध्या में रामलला के ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ समारोह के बारे में उन्होंने कहा, ”राम मेरे लिए एकात्मकता के प्रतीक हैं. राम पूरे देश के लिए एकात्मकता के प्रतीक हैं. राम मंदिर का निर्माण भारत के सभ्यतागत इतिहास के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए महत्वपूर्ण है.” उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह एक आदर्श बदलाव है. अगर मुझे अपनी विविधता के बावजूद अपने देश के साथ एकात्म महसूस करना है, तो ये प्रतीक (राम) ही हैं जो हमें एक साथ लाएंगे.”
(भाषा इनपुट के साथ)
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अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा ने तोड़ा 30 साल पुराना एक महंत का प्रण
Ram Mandir Pran Pratishtha: 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी और इसके साथ ही जम्मू के महंत रामस्वरूप दास का तीन दशकों वो पुराना प्रण भी पूरा होगा जो उन्होंने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के वक्त लिया था.
बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के समय महंत रामस्वरूप दास के दो शिष्य पुलिस फायरिंग में शहीद हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने राम मंदिर बनने तक रामलला के दर्शन न करने का प्रण लिया था.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा
जम्मू के अखनूर के समा क्षेत्र में आश्रम के महंत रामस्वरूप दास को जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था.
92 साल के महंत रामस्वरूप दास का स्वास्थ्य इन दोनों ठीक नहीं रहता और वह अक्सर बातें और घटनाएं भूल जाते हैं लेकिन पिछले करीब दो दशकों से उनकी सेवा में लगे महंत द्वारका दास को वे सब घटनाएं याद हैं जिन्होंने महंत रामस्वरूप दास को रामलला के दर्शन न करने का प्रण लेने पर मजबूर कर दिया था.
कार सेवा में हुए थे शामिल, गोली लगने से दो शिष्यों को खोया
दरअसल 90 के दशक में महंत रामस्वरूप दास अपने दो शिष्यों राम भगत दास और राम अशरीय दास को लेकर कार सेवा में जम्मू से अयोध्या पहुंचे थे. महंत द्वारका दास बताते हैं कि उसी समय सभी कार सेवकों को सरयू नदी के पास ही रोका गया था.
महंत रामस्वरूप जी महाराज जैसे ही अगले दिन सरयू नदी से विवादित ढांचे की तरफ कुछ करने लगे तो वहां पर मौजूद सुरक्षा बलों ने फायरिंग की, जिसमें उनके दोनों शिष्यों ने अपने प्राण गंवा दिए.
महंत को भी लगी थी गोली, जेल भी जाना पड़ा
इस घटना में महंत रामस्वरूप दास को भी गोली लगी और फिर उन्हें अस्पताल भर्ती करवाया गया, जहां से उन्हें सीधे जेल में डाला गया. कुछ महीने जेल में बिताने के बाद जैसे ही महंत रामस्वरूप दास बाहर आए तो उन्होंने अपने शिष्यों के बारे में तहकीकात की और उन्हें पता लगा कि उनके शिष्यों के पार्थिव शरीर सरयू नदी में बहा दिए गए हैं.
घटना से आहत महंत रामस्वरूप दास ने ले लिया था प्रण
इस घटना से आहत महंत रामस्वरूप दास ने उस समय प्रण लिया कि वह तब तक रामलला के दर्शन नहीं करेंगे जब तक कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता. इस प्रण के बाद वह अयोध्या से सीधे जम्मू आए और तब से इंतजार कर रहे हैं कि कब राम मंदिर बने और उनके दोनों शिष्यों को सच्ची श्रद्धांजलि मिले.
पीएम मोदी को कहा धन्यवाद
महंत रामस्वरूप दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने राम मंदिर बनाकर न केवल करोड़ों राम भक्तों को तोहफा दिया है बल्कि इस संघर्ष में शहीद हुए लोगों को भी सच्ची श्रद्धांजलि दी है.
55 देशों में मनाया जाएगा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न, वीएचपी ने बनाया ये प्ला
Ram Mandir Pran Pratishtha: आगामी 22 जनवरी को अयोध्या स्थित राम मंदिर में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं. हिंदू धर्म की आस्था से जुड़े इस समारोह में देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के 55 देशों में रह रहे प्रवासी भारतियों को भी जोड़ने का बड़ा प्रयास किया जा रहा है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से आयोजन से पहले इसको लेकर विदेशों में जश्न मनाने की योजना तैयार की है.
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा से पहले संगठन ने 55 देशों में बड़े पैमाने पर प्रार्थना सभाओं का आयोजन करने की योजना बनाई है. 22 जनवरी को अयोध्या में अभिषेक समारोह के साथ समन्वय स्थापित करते हुए इन सभी देशों में प्रार्थनाएं आयोजित की जाएंगी.
भारतीय प्रवासियों के साथ इन लोगों पर होगी नजर
इस तरह के समारोह आयोजित कर वीएचपी उन भारतीय प्रवासियों तक पहुंचने का प्रयास कर सकेगी जोकि हिंदू धर्म में परिवर्तित हो चुके हैं. विहिप सूत्रों ने कहा कि इन सभाओं में अफ्रीकी, हिस्पैनिक, दक्षिण अमेरिकी, इंडो-बर्मी, मंगोलियाई और यूरोपीय मूल के हिंदू भी सम्मलित होंगे.
अंतरराष्ट्रीय मामलों को संभाल रहे विहिप के संयुक्त महासचिव स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि कार्यकर्ता विदेशों में हिंदू आबादी के बीच शहरों में जा रहे हैं. उनसे अपने पास के मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में एकत्र होने का आग्रह कर रहे हैं.
‘कार रैलियां निकालकर लोगों से की जा रही अपील’
विज्ञानानंद ने बताया ने कि जहां कोई मंदिर नहीं है, वहां लोगों को खुली जगहों पर एकत्र होने के लिए कहा जा रहा है. कार रैलियों के जरिए लोगों को आयोजन से जुड़ी जानकारी दी जा रही हैं. चिन्हित जगहों पर 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को एलईडी स्क्रीन पर लाइव दिखाने की तैयारी की जा रही है.
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “आस्था, विश्वास, भाषा और विचारधाराओं से परे दुनिया भर के लोगों के भाग लेने से पता चलता है कि कोई भी श्री राम से अछूता नहीं है और कोई भी श्री राम के लिए अछूत नहीं है.”
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