नौसेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उसने सेशेल्स रक्षा बलों और श्रीलंका नौसेना के सहयोग से सोमाली डाकुओं और उसके चालक दल के सदस्यों द्वारा अपहृत श्रीलंकाई जहाज को सफलतापूर्वक बचा लिया है।
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भारतीय नौसेना
Houthi Attack: अदन की खाड़ी में ब्रिटिश तेल टैंकर पर हूती का हमला, मदद के लिए भारतीय नौसेना ने उठाया ये कदम
आईएनएस विशाखापत्तनम
– फोटो : ANI
विस्तार
अदन की खाड़ी में ब्रिटिश तेल टैंकर एमवी मार्लिन लुआंडा में आग लगने की घटना के बाद भारतीय नौसेना एक्शन में है। नौसेना ने शनिवार को कहा कि उसने एमवी मार्लिन लुआंडा पर अग्निशमन प्रयासों में मदद के लिए एक टीम तैनात की है। इसमें 22 भारतीय और एक बांग्लादेशी चालक दल के सदस्य हैं।
हमले के बाद टैंकर में आग
रिपोर्टों के अनुसार, यमन के हूती आतंकियों के मिसाइल हमले के बाद टैंकर में आग लग गई। ब्रिटिश तेल टैंकर के संचालक ने कहा है कि जहाज लाल सागर पार करने के बाद अदन की खाड़ी में एक मिसाइल से टकरा गया था।
संकटग्रस्त जहाज को सहायता
नौसेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक, एमवी मार्लिन लुआंडा के अनुरोध पर आईएनएस विशाखापत्तनम को मदद के लिए तैनात किया गया है। आईएनएस विशाखापत्तनम संकटग्रस्त जहाज में चालक दल को सहायता प्रदान करेगा।
नेवी की इस ऑपरेशन से खुश हुए PM मोदी, जयपुर के एक कार्यक्रम में कर दी नौसेना की तारीफ़
जयपुर: भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेना में से एक है। नौसेना की बहादुरी के किस्से दुनियाभर में मशहूर हैं। हल-फिलहाल में नौसेना ने कई ऐसे ऑपरेशनों को अंजाम दिया है, जिसकी तारीफ़ दुनिया कर कर रही है। इसी में से एक अभियान अरब सागर में अंजाम दिया गया। जहां नौसेना ने मर्चेंट नेवी एक ऐसे जहाज को बचाया, जिसे समुद्री लुटेरों ने अपने कब्जे में ले लिया था।
जहाज के अपहरण की सूचना मिलते ही नौसेना तुरंत एक्टिव हो गई थी और उस जहाज को बचाने के लिए निकल पड़ी थी। इस अभियान में नौसेना ने 15 भारतीय नागरिकों समेत 21 लोगों को बचाया था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस ऑपरेशन की तारीफ की है। राजस्थान के जयपुर में इस पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना की इस अभियान का किस्सा सुनते हुए तारीफ़ की है।
पीएम मोदी ने कहा, “दो दिन पहले, भारतीय नौसेना ने एक बहुत ही साहसी ऑपरेशन को अंजाम दिया। जैसे ही एक व्यापारी जहाज से एक संदेश मिला अरब सागर, भारतीय नौसेना और समुद्री कमांडो तुरंत सक्रिय हो गए। इस जहाज पर 21 लोग सवार थे, जिनमें से 15 भारतीय थे। भारतीय नौसेना ने भारतीय तट से 2000 किलोमीटर दूर पहुंचकर उन सभी को बचाया। आपने भी देखा होगा वीडियो जिसमें जहाज के भारतीय चालक दल ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे।”
बेहद खतरनाक है लड़ाकू जहाज आईएनएस चेन्नई
सोमालियाई तट पर अपहृत जहाज एमवी लीला नॉफोक को बचान के लिए भारतीय नौसेना का खतरनाक युद्धपोत आईएनएस चेन्नई भेजा गया था। इसमें मार्कोस कमांडो सवार थे। आईएनएस कोलकाता क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है। 2016 से नौसेना की ताकत बना हुआ है। इस जंगी जहाज का ध्येय वाक्य है शत्रु संहारक। 7500 टन डिस्प्लेसमेंट वाले इस जंगी जहाज की लंबाई 535 फीट है। बीम 57 फीट की है। अधिकतम 56 किमी प्रतिघंटे की गति से चल सकता है।
INS Vikrant पर हुई MR-SAM की तैनाती, दुश्मन के उड़ाएगी परखच्चे
पहले स्वदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर समु्द्र में खतरनाक मिसाइलें लगाकर भारतीय नौसेना दुश्मन की धड़कनें बढ़ा रही है. अब मीडियम रेंज की सरफेस-टू-एयर मिसाइल MR-SAM को INS Vikrant पर तैनात कर दिया गया है. इस मिसाइल की रफ्तार 2448 किलोमीटर प्रति घंटा है. मतलब पलक झपकते ही यह मिसाइल दुश्मन के परखच्चे उड़ा देगी. इसमें कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन रडार और मोबाइल लॉन्चर सिस्टम लगा है.
मिसाइल की तेज गति के कारण दुश्मन इसको ट्रेस नहीं कर पाता है और इसमें लगा रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर भी दुश्मन को मार गिराने में मदद करता है. अगर दुश्मन का यान चकमा देने के लिए रेडियो का इस्तेमाल कर रहा है तो भी यह मिसाइल उसे मार गिराएगी. दुश्मन के एयरक्राफ्ट, मिसाइल, ड्रोन का यह मिनटों में खात्मा कर सकती है. डिफेंस रिर्सच एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने इजारयली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के साथ मिलकर इस मिसाइल को तैयार किया है. इसको ‘Abhra’ नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं इसकी खासियत और यह सीमा पर कैसे ताकत बढ़ाएगी-
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- MR-SAM की रफ्तार 680 मीटर प्रति सेंकेंड है यानी 2448 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो इसको घातका बनाती है.
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- मिसाइल का वजन 275 किलोग्राम है, लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है.
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- जमीन से हवा में वार करने वाली MR-SAM मिसाइल की रेंज 70 किलोमीटर है यानी यह 70 किलोमीटर की रेंज तक दुश्मन मिसाइल को नेस्ता नाबुत करने में सक्षम है.
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- इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम तक वॉरहेड यानी हथियार लोड किए जा सकते हैं.
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- MR-SAM दो स्टेज की मिसाइल है, जो लॉन्च होने पर धुआं कम छोड़ती है.
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- लॉन्च होने पर यह मिसाइल आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक दुश्मन को गिरा सकती है. मिसाइल की रेंज आधा किलोमीटर से 70 किलोमीटर तक है. अगर इस रेंज में दुश्मन का यान, विमान, मिसाइल या ड्रोन आता है तो यह उसको नेस्तनाबूद कर सकती है.
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- यह बराक-8 मिसाइल से लैस है.
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- इसमें कम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम, एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार मोबाइल पावर सिस्टम, रिलोडर व्हीकल और फील्ड सर्विस व्हीकल लगा है.
कितनी है लागत
टाइम्स ऑफ इंडिया की 2016 की एक रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2005 में जब रक्षा की कैबिनेट कमेटी ने MR-SAM प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी तब इसकी लागत 2,606 करोड़ बताई गई और 2009 में आईएआई को 10,076 करोड़ रुपये में 9 स्कावड्रन बनाने का ठेका दिया गया था. हालांकि, अब एमआर-एसएएम मिसाइल को 1,200 करोड़ की लागत में तैयार किया जा रहा है. दो साल पहले MR-SAM को राजस्थान के जैसलमेर में वायुसेना को सौंपा गया था.
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अरब सागर में भारत की सुरक्षा में जुटे पांच ‘योद्धा’, आसमान से ड्रोन-एयरक्राफ्ट कर रहे निगरानी
Arab Sea: गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच ईरान समर्थित समूहों ने लाल सागर और अरब सागर से गुजरने वाले कमर्शियल जहाजों को निशाना बनाना भी शुरू कर दिया है. यही वजह है कि पश्चिम एशिया के समुद्रों में हलचल बढ़ गई है. हाल ही में भारत आ रहे जहाज को भी निशाना बनाया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना अलर्ट मोड में आ गई है और अरब सागर में सिक्योरिटी बढ़ा दी है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नौसेना ने अब लाल सागर से भारतीय पश्चिमी तट तक हालात पर नजर बनाए रखने के लिए पांच शीर्ष फ्रंट-लाइन गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर तैनात किए हैं. आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस मोर्मुगाओ, आईएनएस चेन्नई और आईएनएस विशाखापत्तनम पर ब्रह्मोस लैंड अटैक मिसाइल को तैनात किया गया है. एक तरह से ये पांच योद्धा अरब सागर से लेकर लाल सागर तक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं.
आसमान से कैसे हो रही निगरानी?
नौसेना ने आसमान से दुश्मन पर नजर रखने के लिए बोइंग पी8आई एंटी-सबमरीन वारफेयर एयरक्राफ्ट और प्रीडेटर ड्रोन को तैनात किया है. इनके जरिए ईरान समर्थित समूहों के उन जहाजों पर नजर रखी जा रही है, जिनके जरिए कमर्शियल जहाजों को निशाना बनाया जा सकता है. वहीं, भारतीय तटरक्षक बल ने पश्चिमी तट पर भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में सुरक्षा के लिए डोर्नियर सर्विलांस एयरक्राफ्ट और गश्ती जहाजों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
समुद्र में कैसे की जा रही निगरानी?
भारतीय नौसेना ने अरब सागर से लेकर लाल सागर तक अपने युद्धक जहाजों को फैला दिया है. लाल सागर के मुहाने पर बाब अल-मंडेब चोकपॉइंट के पास आईएनएस कोलकाता को तैनात किया गया है. यमन के सोकोट्रा द्वीप के दक्षिण में आईएनएस कोच्चि, पश्चिमी अरब सागर में आईएनएस मोरमुगाओ और मध्य अरब सागर में आईएनएस चेन्नई की तैनाती की गई है. आईएनएस विशाखापत्तनम को उत्तरी अरब सागर में गश्त करने का काम सौंपा गया है.
क्यों समुद्र में बढ़ाई गई सुरक्षा?
दरअसल, कुछ दिन पहले एक ईरानी ड्रोन के जरिए एमवी चेम प्लूटो नाम के एक केमिकल टैंकर पर हमला किया गया. ये हमला गुजरात के द्वारका से 210 नॉटिकल मील की दूरी पर समुद्र में हुआ. इस जहाज में भारतीय क्रू मेंबर्स सवार थे, हालांकि उनमें से किसी को भी चोटें नहीं आईं. इस जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ था और इसका मालिकाना हक एक जापानी कंपनी के पास है. इस जहाज को नीदरलैंड से ऑपरेट किया जा रहा था.
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बताया कि इस हमले को ईरान की तरफ से अंजाम दिया गया. हमले की वजह से जहाज में आग लग गई थी, जिस पर तुरंत काबू पा लिया गया. फिलहाल ये जहाज मुंबई में रिपेयर किया जा रहा है. कमर्शियल जहाज पर हुए हमले के बाद ही भारतीय नौसेना अलर्ट हो गई है और अरब सागर से लेकर लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर निगरानी की जा रही है. भारत को आयात किया जाने वाला तेल इसी रास्ते से होकर गुजरता है.
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