एक ईरानी जहाज को सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने हाइजैक कर लिया था। भारतीय नौसेना ने समुद्री डाकुओं को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया। वहीं 23 पाकिस्तानियों की जान बचा ली गई।
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भारतीय नौसेना
बीच समंदर, 35 का सरेंडर; कैसे समुद्री डाकुओं के लिए काल बन गई भारतीय नौसेना
तीन महीने पहले हाइजैक हुए मालवाहक पोत को भारतीय नौसेना ने समुद्री डाकुओं के कब्जे से बचा लिया है। नौसेना ने बचाया कि 40 घंटे के ऑपरेशन के बाद यह कामयाबी हाथ लगी है।
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Navy: सफल अभियान के लिए बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री ने जताया आभार, जयशंकर बोले- मित्र इसी के लिए तो होते हैं
मारिया गेब्रियल, एस जयशंकर
– फोटो : एक्स/मारिया गेब्रियल, डॉ. एस जयशंकर
विस्तार
बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मारिया गेब्रियल ने रविवार को भारत आभार जताया। दरअसल, भारतीय नौसेना अरब सागर में एक अपहृत जहाज से 17 बंधकों को समुद्री डकैतों के चंगुल छुड़ाया है। इनमें से सात बुल्गारिया के नागरिक हैं। वहीं, विदेश मंत्री एसजयशंकर ने इस प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मित्र इसी के लिए होते हैं।
भारतीय नौसेना के सामने सोमालिया के 35 जलदस्युओं ने किया आत्मसमर्पण – India TV Hindi
नई दिल्लीः भारतीय नौसेना ने समुद्र में एक बार फिर अपने पराक्रम की गाथा लिखी है। भारतीय तट से 1,400 समुद्री मील दूर एक व्यापारी जहाज को बंधक बनाने वाले 35 जलदस्यु को नौसेना ने आत्मसमर्पण करने के लिए ‘मजबूर’ कर दिया। इतना ही नहीं नौसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बंधक जहाज के चालक दल के 17 सदस्यों की सुरक्षित रिहाई भी सुनिश्चित की। समुद्री लुटेरों के खिलाफ अपने इस अभियान के लिए नौसेना ने अपने पी-8I समुद्री गश्ती विमान, फ्रंटलाइन जहाज आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और मानव रहित हवाई यान को तैनात किया।
अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया। इससे पहले, नौसेना ने सोमालिया के पूर्वी तट पर जहाजों के अपहरण के सोमालियाई समुद्री डाकुओं के एक प्रयास को विफल कर दिया था। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि समुद्री डाकू रुएन नामक एक मालवाहक जहाज पर सवार थे जिसका करीब तीन महीने पहले अपहरण किया गया था। नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने कहा, “ आईएनएस कोलकाता ने पिछले 40 घंटों में ठोस कार्रवाई करके सभी 35 जलदस्यु को सफलतापूर्वक घेर लिया और आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया तथा बंधक बनाए गए जहाज से चालक दल के 17 सदस्यों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की।
14 दिसंबर को हुआ था जहाज का अपहरण
” नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन का सोमालियाई जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था। पहले के बयान में नौसेना ने बताया था कि जहाज से भारतीय युद्धपोत पर गोलीबारी की गई और भारतीय जहाज की ओर से आत्म रक्षा में और नौवहन तथा नाविकों को जलदस्युओं के खतरे से बचाने के लिए आवश्यक न्यूतनम बल के साथ समुद्री डकैती से निपटने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार कार्रवाई की गई। नौसेना ने कहा, ‘‘जहाज पर सवार समुद्री डाकुओं से आत्मसमर्पण करने तथा उनके द्वारा बंधक बनाए जहाज तथा नागरिक को रिहा करने को कहा गया।
सशस्त्र डाकुओं ने भारतीय नौसेना के सामने टेक दिए घुटने
’’ नौसेना ने बताया कि शुक्रवार को एक भारतीय युद्धपोत और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान ने बांग्लादेश के एक मालवाहक जहाज का अपहरण किए जाने के बाद उसकी मदद की। उसने बताया कि सशस्त्र समुद्री डाकुओं द्वारा बंधक बनाए गए चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित की गयी और भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने सोमालिया के जल क्षेत्र में पहुंचने तक जहाज के करीब अपनी उपस्थिति बनाए रखी। पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय नौसेना ने पश्चिमी हिंद महासागर में कई व्यापारी जहाजों पर हमलों के बाद उनकी सहायता की है। (भाषा)
समंदर में अब थर-थर कापेंगे दुश्मन, नौसेना के बेड़े में शामिल होने जा रहे सीहॉक हेलीकॉप्टर
मॉडर्न हथियार, सेंसर और एवियोनिक्स सिस्टम सीहॉक को भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा जरूरतों के लिए परफेक्ट बनाता है। सीहॉक स्क्वाड्रन को INAS 334 के रूप में इंडियन नेवी में शामिल किया जाएगा।
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