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<p style="text-align: justify;">कुछ दिन पहले ही विदेशी जमीन पर बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास ला दिया था. अब एक बार फिर ऐसा ही मामला आया है. दरअसल 11 अक्टूबर को अज्ञात हमलावरों ने भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी शाहिद लतीफ को पाकिस्तान के पंजाब में मारा गिराया. इस हमले में लतीफ के दो साथियों की भी मौत हुई है. </p>
<p style="text-align: justify;">बताया जा रहा है कि 11 अक्टूबर की सुबह शाहिद लतीफ ने तय समय पर मस्जिद में नमाज अदा किया और अपने साथियों के साथ वो मस्जिद से बाहर आ गया. शाहिद जैसे ही बाहर निकला, उसी वक्त उनके सामने एक मोटरसाइकिल आकर रुकी. इस बाइक पर तीन हथियार लैस लोग सवार थे. उन्होंने उसे देखते ही धुंआधार फायरिंग शुरू कर दी. </p>
<p style="text-align: justify;">जब गोलियों की आवाज शांत हुई तो मस्जिद के बाहर तीन लाशें पड़ी नजर आईं. जिनमें से एक लाश जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी शाहिद लतीफ की थी और दो उसके साथियों की.</p>
<p style="text-align: justify;">सियालकोट की पुलिस ने हत्या की पुष्टि की है और घटना की विस्तार से जानकारी भी दी है. सियालकोट पुलिस के अनुसार यह घटना बुधवार सुबह की नमाज़ के दौरान दस्का तहसील में हुई.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कौन था आतंकी शाहिद लतीफ</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक शाहिद लतीफ, पाकिस्तान के गुजरांवाला शहर का रहने वाला था और उसका जन्म 1970 में हुआ था. शाहिद के पिता का नाम अब्दुल लतीफ था. उसका परिवार मरकज़ अब्दुल्लाह बिन मुबारक, तहसील दस्का, जिला सियालकोट, पाकिस्तान का रहने वाला था. जबकि वो खुद मोरे अमीनाबाद, गुजरांवाला, पंजाब, पाकिस्तान का स्थायी निवासी था. </p>
<p style="text-align: justify;"> शाहिद लतीफ़ पर चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने का आरोप था और पठानकोट हमले में भारत को उसकी तलाश थी. शाहिद लतीफ को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के लॉन्चिंग कमांडर के रूप में जाना जाता था. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लतीफ ने पाकिस्तान में बैठे-बैठे ही चार जैश आतंकवादियों के साथ कॉर्डिनेट किया और उन्हें एयरबेस पर हमला करने के लिए पठानकोट भेजा. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>भारत ने कर दिया था रिहा </strong></p>
<p style="text-align: justify;">शाहिद लतीफ का अपराध के रिश्ता काफी पुराना है. उसने साल 1993 में पाक अधिकृत कश्मीर के ज़रिए जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की थी. हालांकि एक साल बाद यानी 1994 में उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद शाहिद आतंकी मसूद अजहर के साथ 16 साल तक कोट बलवल, जम्मू की जेल में बंद रहा. हालांकि साल 2010 में भारत ने 24 अन्य आतंकवादियों के साथ भारत सरकार ने उसे भी रिहा कर दिया था. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इन आतंकियों की रिहाई आखिर क्यों की गई</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्‍ली की उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था. इसमें हरकत उल मुजाहिदीन के आतंकियों का हाथ था. अपहरण के वक्त इस विमान में 176 पैसेंजर सहित क्रू के कुल 15 सदस्य मौजूद थे. </p>
<p style="text-align: justify;">आतंकियों ने हाइजैक किए गए इस विमान को कंधार एयरपोर्ट पर उतारा. उन्होंने अपने 26 आतंकी साथियों की रिहाई और 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की फिरौती की मांगी. शाहिद लतीफ भी उन 25 पाकिस्तानी आतंकियों की लिस्ट में शामिल था. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बीजेपी ने इसी घटना को याद कर कांग्रेस पर साधा निशाना </strong></p>
<p style="text-align: justify;">अब शाहिद लतीफ के हत्या की खबरें फैलने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं का बयान भी सामने आने लगा है. बीजेपी के कई नेताओं ने इस खबर को अपने सोशल प्लैटफॉर्म पर साझा करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है. </p>
<p style="text-align: justify;">तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, शाहिद लतीफ उन 25 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था जिन्हें 2010 में सोनिया गांधी ने पाकिस्तान के प्रति सद्भावना संकेत के तहत रिहा किया था. इसके 6 साल बाद ही शाहिद ने पठानकोट हमले को अंजाम दिया. वह जम्मू की जेल में 16 साल तक रहा था. भारत में सजा पूरी करने के बाद उसे वाघा के रास्ते पाकिस्तान डिपोर्ट किया गया था.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पठानकोट एयरफोर्स एयरबेस हमला</strong></p>
<p style="text-align: justify;">शाहिद लतीफ को भारत से रिहा होने के 6 साल बाद पठानकोट में 2 जनवरी 2016 को एयरफोर्स एयरबेस पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने हमला कर दिया था. लगभग चार दिनों तक चली गोलीबारी में सात सुरक्षाकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी. इस मुठभेड़ में चार हमलावर भी मारे गये थे.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके 1 दिन के बाद यानी 3 जनवरी को आईईडी विस्फोट के बाद एयरबेस पर एक और सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई. हमले की जांच से पता चला कि हमलावर आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह से थे. इसके बाद मार्च में पठानकोट आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथ में ले ली थी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पिछले कुछ दिनों से किसी से बात नहीं करता था शाहिद </strong></p>
<p style="text-align: justify;">बीबीसी की एक रिपोर्ट में शाहिद लतीफ़ के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि, "मौलाना इन दिनों अधिक सतर्क थे और उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना भी बंद कर दिया था."</p>
<p style="text-align: justify;">शाहिद के एक और रिश्तेदार ने नाम न छापने की शर्त पर ने बीबीसी को बताया कि "वो बीते दिनों काफ़ी सावधानी बरत रहे थे. उन्होंने अपनी गतिविधियां भी सीमित कर ली थीं. उन्होंने कई बार ज़िक्र किया था कि उनकी जान को खतरा है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हरदीप सिंह निज्जर की भी हुई थी हत्या</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस साल जून के महीने में 18 तारीख को कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या के बाद से ही कनाडा में खालिस्तान समर्थक समूहों ने भारत की तरफ उंगली उठाना शुरू कर दिया. पंजाब पुलिस के डोजियर के मुताबिक, हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के भारसिंह पुरा गांव का रहने वाला था. वह 1996 में कनाडा चला गया. कनाडा पहुंचने पर निज्जर ने एक प्लंबर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की. </p>
<p style="text-align: justify;">निज्जर ने भारत में खालिस्तानी समर्थकों की पहचान करने, उन्हें ट्रेनिंग देने और फंडिंग करने का काम किया. इसकी वजह से उसके ऊपर 10 से ज्यादा एफआईआर भी दर्ज है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>नमाज के दौरान इनकी हुई हत्या </strong></p>
<p style="text-align: justify;">शाहिद लतीफ़ की हत्या से पहले जैशे-मोहम्मद के इब्राहिम मिस्त्री, हिज़्बुल-मुजाहिदीन के इम्तियाज़ आलम और लश्कर-ए-तैयबा के अबू कासिम को भी मस्जिद में नमाज़ के दौरान निशाना बनाया जा चुका है. जानकारों के अनुसार हमलावरों ने सुबह का ही समय इसलिए चुना क्योंकि उस वक्त उनके पास कोई हथियार नहीं होता और वह अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पाकिस्तान में इस साल आतंकवादियों की हत्या</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान में इस साल कई ऐसे आतंकवादियों की हत्या हुई है, जो भारत में मोस्ट वांटेड थे. उनमें से रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम को पिछले महीने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक मस्जिद के अंदर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी गई थी.</p>
<p style="text-align: justify;">उससे पहले मार्च में प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर की पाकिस्तान के रावलपिंडी में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं फरवरी में अज्ञात बंदूकधारियों ने बंदरगाह शहर कराची में अल-बद्र मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर सैयद खालिद रज़ा की गोली मारकर हत्या कर दी थी.</p>
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