राजस्थान में गहलोत या वसुंधरा, MP में शिवराज या कमलनाथ? सर्वे में 5 राज्यों की जनता ने बताया कौन है CM के तौर पर पहली पसंद
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छत्तीसगढ
’30 फीसदी, 40 फीसदी, 50 फीसदी कमीशन सरकार…’, विधानसभा चुनाव में BJP-कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को
Assembly Election 2023: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेश बघेल की सरकार को 30 फीसदी कमीशन सरकार बताया.
यही नहीं बीजेपी राजस्थान में भी अशोक गहलोत सरकार को कमीशन सरकार बता रही है. वहीं कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को 50 प्रतिशत कमीशन सरकार करार दिया है. तेलंगाना में भी कांग्रेस और बीजेपी दोनों का कहना है कि चंद्रशेखर राव की सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.
कर्नाटक के चुनाव में भी भ्रष्टाचार को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बनाया था. इस दौरान कांग्रेस ने पेसीएम और 40 फीसदी कमीशन सरकार का नारा दिया था. माना जाता है कि कांग्रेस का ये फॉर्मूला कामयाब रहा और पार्टी की जीत में अहम वजह बना. ऐसे में सवाल है कि क्या भ्रष्टाचार का मुद्दा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी अहम भूमिका निभाएगा?
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के कांकेर में गुरुवार (2 नवंबर) को राज्य सरकार पर गोबर खरीद योजना और मक्का प्रोसेसिंग प्लांट में घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये 30 फीसदी वाली सरकार है.
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस कभी भी नेक नीयत से काम नहीं कर सकती. 10 साल पहले केंद्र सरकार में लाखों करोड़ रुपये के घोटाले करके कांग्रेस ने अपनी तिजोरी भर ली थी. अब 10 साल से कांग्रेस केंद्र सरकार में नहीं है जिससे उसकी तिजोरी खाली हो रही है. इस कारण जहां-जहां राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां के गरीब लोगों को कांग्रेस अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लूट रही है. ”
पीएम मोदी ने कहा, ”छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ने पिछले पांच साल यही किया है. यहां कहा जाता है 30 टका कका, आपका काम पक्का.’’
मध्य प्रदेश में भी भ्रष्टाचार बना मुद्दा
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बुधवार ( 1 नवंबर) को आरोप लगाया कि राज्य में 50 प्रतिशत कमीशन की सरकार (शिवराज सिंह चौहान) का राज कायम है. उन्होंने कहा, ”शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के भविष्य पर ताला लगा दिया है. यह ताला तभी खुलता है जब आप 50 प्रतिशत कमीशन देते हैं.”
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसपर पलटवार किया. उन्होंने कहा, ”कमलनाथ सरकार ने दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक सरकार में रहने के दौरान बैगा, भारिया और सहरिया आदिवासियों को 1,000 रुपये देने सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं को बंद करके पाप किया था.”
तेलंगाना में केसीआर को घेरा
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (KCR) को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी घेर रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कालेश्वरम परियोजना के मेदिगड्डा बैराज का गुरुवार (2 नवंबर) को दौरा किया.
उन्होंने इसके बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘‘कालेश्वरम परियोजना यानी केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) परिवार का एटीएम. मैं मेदिगड्डा बैराज गया, जो तेलंगाना में भ्रष्टाचार से ग्रस्त कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना का एक हिस्सा है.’’
Kaleshwaram Project = KCR Family ATM
I visited the Medigadda barrage, which is a part of the corruption-ridden Kaleshwaram Lift Irrigation Scheme in Telangana.
Cracks have developed in multiple pillars because of shoddy construction with reports indicating that the pillars are… pic.twitter.com/BWe8Td9mCq
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 2, 2023
तेलंगाना बीजेपी के चीफ जी किशन रेड्डी ने भी केसीआर सरकार कालेश्वरम प्रोजेक्ट को लेकर हमला किया. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ”केसीआर सरकार और कालेश्वरम परियोजना में हुए भ्रष्टाचार के कारण प्रोजक्ट के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसको लेकर हाई लेवल जांच होनी चाहिए.”
बता दें कि कालेश्वरम प्रोजेक्ट के तहत गोदावरी नदी से 195 टीएमसी पानी को तेलंगाना के पिछड़े इलाकों की तरफ मोड़ना है.
राजस्थान में भी 40 फीसदी कमीशन मुद्दा
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे थे तो उन्होंने कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन सरकार का अभियान चलाकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का जिक्र किया था.
पायलट ने वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार मामले में सीएम अशोक गहलोत से कार्रवाई की मांग करते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ मई में पदयात्रा निकाली थी. उन्होंने इस दौरान कहा था, ”कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन सरकार का मामला उठाया तो लोगों ने बीजेपी के खिलाफ हमारा साथ दिया.”
पीएम मोदी ने हाल ही में गहलोत सरकार पर हमला किया था. उन्होंने कहा था, ”राजस्थान में भी निवेश बढ़े, नई फैक्ट्री लगे और यहां नए कारखाने खुले. यहां कदम-कदम पर भ्रष्टाचार है. जहां लाल डायरी में काली करतूत हो. हर कोई कट-कमीशन में बिजी है तो ऐसे में यहां कौन निवेश करना चाहेगा”
राजस्थान में कथित परीक्षा पत्र लीक मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर ईडी ने हाल ही में छापे भी मारे थे. एजेंसी ने सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में तलब भी किया था. इसको अशोक गहलोत ने चुनाव से जोड़ते हुए कहा था कि ईडी दवाब में काम कर रही है.
इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव भी कह चुके हैं कि केंद्र सरकार का टारगेट 2024 के लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करना है.
बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में पहले भी सरकार बनी और गिरी है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को सत्ता से बाहर करने के लिए बीजेपी ने 2जी और कॉमनवेल्थ घोटाला जैसे कई मामलों का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा था. इस समय कांग्रेस भी अडानी ग्रुप के मामले में केंद्र सरकार पर हमलावर है.
बोफोर्स के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने पूर्व पीएम राजीव सिंह के खिलाफ अभियान चलाया था. ऐसे में ये तो आने वाले दिनों में ही पता लगेगा कि एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे कांग्रेस और बीजेपी में से जनता किस पर भरोसा करती है.
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‘गरीब आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करवा रही कांग्रेस सरकार’, छत्तीसगढ़ में अमित शाह का वार
Amit Shah Chhattisgarh Election Rally 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार अपने चरम पर पहुंच चुका है. इस बीच केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (3 नवंबर) को पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. शाह ने आरोप लगाया कि गरीब आदिवासियों के धर्मांतरण के लिए कांग्रेस सरकार सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के कारण धर्मांतरण बढ़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान हर नागरिक को अपनी पसंद की आस्था का पालन करने की आजादी देता है, लेकिन गरीब आदिवासियों को धर्मांतरित करना राज्य हित में नहीं है. इस वजह से छत्तीसगढ़ में घर-घर, गांव-गांव में संघर्ष हुआ है और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है.
‘धर्मांतरण रोकने को बीजेपी कड़ी कार्रवाई करेगी’
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार किसी के धार्मिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन यदि कोई सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा देती है तो इसको रोकने के लिए बीजेपी कड़ी कार्रवाई करेगी.
‘मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर लगाया तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप’
शाह ने कांग्रेस पर घोटालों में लिप्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है, तो भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को जेल भेजा जाएगा. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया.
‘बघेल सरकार की उल्टी गिनती शुरू’
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के ‘प्रीपेड सीएम’ हैं. उन पर कांग्रेस के लिए ‘एटीएम’ बनने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि बघेल सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
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भारत में किन परिस्थितियों में टल जाता है चुनाव? यहां जानिए इलेक्शन रद्द होने से जुड़े सारे नियम
Assembly Election 2023 News: इन दिनों पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इस महीने होने वाले चुनाव को लेकर गहमागहमी है. सबसे पहले मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. इसी दिन छत्तीसगढ़ में पहले चरण के तहत 20 सीटों के लिए मतदान होगा. दोनों ही राज्यों में शांतिपूर्वक और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.
इन पांच राज्यों के चुनाव के बाद अगले साल लोकसभा चुनाव और 6 अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे. चुनावों के दौरान कई बार लोगों के मन में ये सवाल आता है कि क्या चुनाव अचानक कैंसिल हो सकता है. अगर हां, तो ऐसा किन परिस्थितियों में होता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में भारत में चुनाव कैंसिल होता है.
किसी प्रत्याशी की मौत होने पर
भारत में किसी भी विधानसभा क्षेत्र या लोकसभा क्षेत्र में चुनाव रद्द एक ही परिस्थिति में होता है. अगर नामांकन के बाद और मतदान वाली तारीख तक किसी भी विधानसभा या संसदीय सीट पर राष्ट्रीय और लोकल पार्टी के उम्मीदवार की मौत हो जाती है तो इस परिस्थिति में चुनाव रद्द हो जाता है. पहले निर्दलीय प्रत्याशियों की मौत होने पर भी ऐसा होता था, लेकिन बाद में इस नियम में बदलाव करते हुए यह तय किया गया था कि अगर किसी भी रजिस्टर्ड पार्टी के प्रत्याशी की चुनाव के दौरान मौत होती है तो इलेक्शन को रद्द किया जाएगा.
चुनाव रद्द होने के बाद क्या?
अगर प्रत्याशी की मौत की वजह से किसी विधानसभा क्षेत्र या लोकसभा क्षेत्र में चुनाव स्थगित हुआ है तो इसका मतलब ये नहीं कि अब वहां पांच साल तक चुनाव नहीं होगा. चुनाव आयोग कुछ समय बाद उस सीट पर चुनाव की तारीखों का ऐलान करता है और फिर उस सीट पर अलग से मतदान की प्रक्रिया पूरी कराई जाती है.
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कितनी संपत्ति के मालिक हैं भूपेश बघेल और कमलनाथ? हलफनामे से खुलासा
Election 2023: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपनी आय और संपत्ति की जानकारी चुनाव आयोग को दे रहे हैं. इस बीच कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी चुनाव आयोग में अपना हलफनामा दाखिल किया. इस हलफनामे में कमलनाथ ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है.
हलफनामे के मुताबिक कमलनाथ और उनके परिवार के पास 160 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत की संपत्ति है. इसमें कहा गया है कि उनकी चल और अचल संपत्ति की कीमत 71.58 करोड़ है. वहीं, पत्नी की संपत्ति की कीमत 62.52 करोड़ रुपये है.
कमलनाथ की पत्नी के पास हैं इतनी संपत्ति
हलफनामे के अनुसार कमलनाथ की चल संपत्ति 7.13 करोड़ है और पत्नी अलका नाथ के पास 45.95 करोड़ की चल संपत्ति दिखाई है, जबकि कमलनाथ 64.45 करोड़ और पत्नी अलका नाथ की अचल संपत्ति का मूल्य 16.56 करोड़ रुपये है.
भूपेश बघेल हैं इतनी संपत्ति के मालिक
वहीं, दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास 1 करोड़ 8 लाख 78 हजार 591 रुपये की अचल संपत्ति है, जबकि उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल के पास 3 करोड़ 11 लाख 69 हजार 515 रुपए की चल संपत्ति है.
उनके बैंक खातों में कुल 56 लाख, 03 हजार 923 रुपए की जमा हैं. वहीं, मुक्तेश्वरी बघेल के अकाउंट में एक करोड़ 38 लाख15 हजार 326 रुपए जमा हैं.
इसके अलावा उनके पास 2 किलो चांदी है. इसकी कीमत 1 लाख 50 हजार रुपए है और 3 ट्रैक्टर भी हैं. सीएम भूपेश बघेल के पास 10 तोला सोना है जिसकी कीमत 5 लाख 85 हजार है. वहीं, पत्नी के पास 40 तोले सोना है. मुख्यमंत्री के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं.
कहां से पैसा कमाते हैं कमलनाथ?
कांग्रेस पार्टी के मध्य प्रदेश प्रमुख और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने चुनावी हलफनामे में अपनी आय के मुख्य स्त्रोत उनकी सैलरी और बैंक में जमा पैसों पर मिलने वाले ब्याज को बताया है. उन्हें कृषि से भी आय होती है. हलफनामे में कमलनाथ ने बताया है कि वो एक विधायक हैं और ऐसे में उन्हें वेतन के साथ-साथ कई प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं.
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