दर्दनाक हादसे की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
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दर्दनाक हादसे की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
सिद्धार्थनगर के भवानीगंज थाना क्षेत्र के बलुआ में समय माता के मंदिर में शतचंडी महायज्ञ का आयोजन हो रहा है, जिसमें सपा विधायक सैयदा खातून शामिल हुईं. जहां उनको माला पहनाकर स्वागत किया गया. फिर दूसरे दिन पहुंचे बढ़नीचाफा के भाजपा चेयरमैन धर्मराज वर्मा ने मंदिर का गंगाजल समेत पंच गव्य छिड़कवाकर मंदिर का शुद्धिकरण करवाया और कहा कि मंदिर अपवित्र हो गया था. शुद्धिकरण के बाद फिर से पूजा के योग्य हुआ है. भाजपा चेयरमैन का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है. वीडियो में वह बलुआ समय माता मंदिर के आयोजित कार्यक्रम में पहुंची विधायक को गोमांस खाने वाला बताते हुए मंदिर के शुद्धिकरण की जानकारी दे रहे हैं.
दरअसल, भवानीगंज थानाक्षेत्र का बलुआ समय माता मंदिर चढ़ावे के विवाद के चलते प्रशासन की देखरेख में हो रहा है. यहां शतचंडी महायज्ञ का आयोजन चल रहा है. जिसमें स्थानीय लोगों के बुलाने पर डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक सैयदा खातून मंदिर में पहुंची और उन्होंने इस कार्यक्रम में शिरकत किया. इस दौरान उन्होंने यज्ञाचार्य तथा कथा व्यास से आशीर्वाद भी प्राप्त किया. उन्होंने उपस्थित जनमानस को आश्वस्त किया कि मंदिर के विकास के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेंगी, लेकिन बढ़नी चाफा नगर पंचायत के चेयरमैन धर्मराज वर्मा को उनका पहुंचना इतना नागवार लगा कि उन्होंने गंगाजल, पंचगव्य इत्यादि से मंदिर परिसर का शुद्धिकरण रविवार को करा दिया.
वहीं चेयरमैन धर्मराज वर्मा ने बताया कि कल कुछ अधर्मी लोगों ने मुस्लिम समुदाय की स्थानीय विधायक सैयदा खातून को यहां बुला लिया था. सैयदा खातून मुस्लिम है वह मांस खाती हैं, ऐसे में इस पवित्र स्थल पर आने से यह पवित्र स्थल अशुद्ध हो गया था. उन्होंने अपने लोगों के साथ मिलकर मंदिर प्रांगण का शुद्धिकरण किया है. इस शुद्धिकरण के बाद यह स्थान अब पूरी तरह शुद्ध और पूजा के योग्य हो गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, डुमरियागंज सपा विधायक सैय्यदा खातून ने चेयरमैन के संस्कारों पर सवाल उठाते हुए कहा की बलुआ समय माता स्थान पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में हमें बुलाया गया था. मैं विधायक हूं और सभी धर्मों का सम्मान करती हूं. आगे भी करती रहूंगी. शैतानी लोगों के कृत्य से मेरे ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. बता दें कि इससे पूर्व भी एक धार्मिक कार्यक्रम में चेयरमैन धर्मराज वर्मा ने डुमरियागंज सांसद जगदंबिका पाल के खिलाफ अपने समर्थकों के सहारे हूटिंग करा चुके हैं. प्रसारित वीडियो को देखकर लोग चर्चा कर रहे हैं कि जब जन प्रतिनिधि का सम्मान नहीं तो किसका सम्मान होगा.
हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में पिरान कलियर शरीफ दरगाह पर मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस उर्स में देशभर के तमाम लोग हिस्सा लेने पहुंचेगे। इतना ही नहीं इसमें पाकिस्तान से भी जायरीन हिस्सा लेने आएंगे। जानकारी के अनुसार, सालाना होने वाले इस उर्स में इस बार पाकिस्तानी जायरीनों को भगवद्गीता की प्रति तथा गंगा जल तोहफे के रूप में दिया जाएगा।
बता दें कि तेरहवीं सदी के चिश्ती परंपरा के सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद या साबिर पाक को हिंदू और मुसलमान समान रूप से मानते हैं। उनकी दरगाह रूड़की क्षेत्र में गंगा किनारे कलियर गांव में स्थित है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि इस बार दरगाह के उर्स में पाकिस्तान से 110 श्रद्धालु आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिरान कलियर शरीफ में हर साल पाकिस्तान से जायरीन आते हैं लेकिन इस साल पहली बार उन्हें तोहफे के तौर पर भगवद्गीता और पवित्र गंगा जल दिया जाएगा।
कई बड़े नेता भी लेंगे उर्स में हिस्सा
शम्स ने कहा, ‘‘राज्य वक्फ बोर्ड और कलियर शरीफ प्रबंधन समिति संयुक्त रूप से पाकिस्तान से आने वाले श्रद्धालुओं को ये तोहफे देगी और उनसे अनुरोध करेगी कि वे अपने देश में मंदिरों के पुजारियों और महंतों को देवभूमि की ये पवित्र यादगार सौंप दें।’’ उन्होंने कहा कि उर्स के मौके पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की संभावना है।
‘हम लोग वसुधैव कुटुम्बकम् को मानते हैं’
वहीं वक्फ बोर्ड के अन्य सदस्य ने बताया कि हम लोग वसुधैव कुटुम्बकम् को मानते हैं। साबिर पाक भी पूरी दुनिया को अपना परिवार मानते थे। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए हम इस बार पाक जायरीनों को एक-एक भगवद गीता और गंगाजल की गैलन देंगे। इससे दोनों धर्मों के बीच गंगा-जमुनी परम्परा को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के बीच चल रही दुश्मनी को कम किया जा सकेगा।
हरिद्वार जिले के कलियर में मौजूद है साबिर मखदूम शाह की दरगाह
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पांचवें धाम के नाम से मशहूर साबिर मखदूम शाह की दरगाह हरिद्वार जिले के कलियर में मौजूद है। यह दरगाह 755 साल से भी ज्यादा पुरानी है। दरगाह की मान्यता न केवल देश बल्कि दुनिया के कई देश में है। बताया जाता है कि हर साल पाकिस्तान से भी सैकड़ों लोग इस दरगाह पर उर्स के मौके पर अपनी आस्था के कारण यहां पहुंचते हैं।
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