#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde and Maratha quota activist Manoj Jarange Patil together garland the statue of Chhatrapati Shivaji Maharaj in Navi Mumbai
Patil is ending his fast today after the state government accepted the demands. pic.twitter.com/CxI3FPez0Z— ANI (@ANI) January 27, 2024
महाराष्ट्र सरकार को जरांगे ने दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि शुक्रवार को अपने भाषण के दौरान जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर रात तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो, वह मुंबई स्थित आजाद मैदान में अपने तय धरने को लेकर तैयारियां तेज कर देंगे और शनिवार को मुंबई में प्रवेश करेंगे। साथ ही उन्होंने सरकार से एक नई मांग कर दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार सभी मराठों को शामिल करने के लिए अपनी मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन करें, जब तक आरक्षण का लाभ पूरे समुदाय के लिए उपलब्ध न हो जाए।
37 लाख कुनबी प्रमाण पत्रों का डेटा दें- जरांगे
आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने राज्य सरकार से जारी 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्रों का डेटा भी मांगा है। बता दें कुनबी, एक कृषक समुदाय है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है। सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं।
कौन है जरांगे
पिछले साल सितंबर माह में जरांगे उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे जब पुलिस ने जालना जिले के सरती गांव में उनके अनिश्चितकालीन अनशन पर मौजूद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया था। हालांकि बाद में जरांगे ने अपने धरने का दूसरा चरण शुरु किया था। आंदोलन को बढ़ते देख राज्य सरकार को उनसे बात करने के लिए मजबूर होना पड़ा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिल के दौरान आरक्षण प्रदान करने के लिए एक कानून बनाया था, हालांकि उसे 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।