अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) ने 16 फरवरी को साइबर सुरक्षा और 21 वीं सदी की साइबर अपराध चुनौतियों के लिए नवीन विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का हैकाथॉन, कवच-2023 लॉन्च किया।
एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कवच-2023 कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आम नागरिकों के सामने आने वाली साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध की चुनौतियों से निपटने के लिए विचारों और तकनीकी समाधानों को खोजने के लिए एक अद्वितीय प्रकार का राष्ट्रीय हैकथॉन है।
इस अवसर पर बीपीआरएंडडी के महानिदेशक बालाजी श्रीवास्तव ने कहा कि यह 36 घंटे लंबा कार्यक्रम होगा, जिसके दौरान देश भर के शैक्षणिक संस्थानों और पंजीकृत स्टार्ट-अप के युवा मजबूत, सुरक्षित और प्रभावी तकनीकी समाधान खोजने के लिए भाग लेंगे। उनकी तकनीकी विशेषज्ञता और नवीन कौशल का उपयोग करके साइबर सुरक्षा के लिए। उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत निगरानी प्रणाली और सुरक्षा प्रावधानों के साथ साइबर सुरक्षा अपराधों की रोकथाम को आगे बढ़ाएगा।
एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन अभय जेरे ने बताया कि कवच-2023 दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में, फेक न्यूज/सोशल मीडिया, डार्क वेब, महिला सुरक्षा, फिशिंग डिटेक्शन, वीडियो एनालिटिक्स/सीसीटीवी, अश्लील कंटेंट डिटेक्शन, स्पैम अलर्ट, और मालवेयर एनालिसिस/डिजिटल फोरेंसिक जैसे विभिन्न बकेट में समूहीकृत समस्या बयानों की जांच की जाएगी। जनता के सामने रखा।
इच्छुक प्रतिभागियों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी आदि जैसी मजबूत तकनीकों का उपयोग करके बयानों के लिए डिजिटल समाधान विकसित करने की उम्मीद की जाती है। और कवच-2023 के पोर्टल पर अपनी अवधारणा प्रस्तुत करें।
.
Leave a Reply