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आखरी अपडेट: 19 दिसंबर, 2022, 11:39 IST
कोलकाता की एक अदालत ने गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। (प्रतिनिधि छवि)
नदिया जिले के पलाशीपारा से विधायक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। संघीय एजेंसी ने अक्टूबर में इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था।
कोलकाता की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती ‘घोटाला’ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक माणिक भट्टाचार्य और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया है। एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ईडी ने विधायक, उनकी पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य, उनके बेटे सौविक भट्टाचार्य, तापस कुमार मोंडल (एक शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के मालिक) और एक्यूरे कंसल्टेंसी सर्विसेज और एडुक्लास ऑनलाइन जैसी फर्मों सहित कुल छह संस्थाओं को इससे पहले दायर चार्जशीट में नामित किया था। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के समक्ष।
ईडी ने एक बयान में कहा, “विशेष अदालत ने उक्त पूरक अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का संज्ञान लिया है, जिसमें पाया गया है कि नए जोड़े गए छह आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।” ईडी ने मामले में अक्टूबर में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष को गिरफ्तार किया था।
नदिया जिले के पलाशीपारा से विधायक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। संघीय एजेंसी ने अक्टूबर में इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था।
इसने इस भर्ती ‘घोटाले’ में 56.15 करोड़ रुपये की (अनंतिम रूप से) संपत्तियों को कुर्क करने के अलावा 49.80 करोड़ रुपये की भारी मात्रा में नकदी और 5.08 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने और आभूषण जब्त किए हैं। मामले में कुल जब्ती और कुर्की 111 करोड़ रुपये है।
ईडी घोटाले में धन के लेन-देन पर नज़र रख रही है, जबकि सीबीआई भर्ती में की गई कथित अनियमितताओं को देख रही है।
आरोप है कि भर्ती परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले कई लोगों को लाखों रुपये के बदले शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया, जबकि योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी की गई।
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