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हाल ही में भारतीय क्रिकेट में एक ट्रेंड देखने को मिला है कि खिलाड़ी रेड बॉल की बजाय इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल को तवज्जो दे रहे हैं। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने एक बड़ा फैसला टेस्ट क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए लेने का मन बनाया है। बीसीसीआई टेस्ट की मैच फीस को बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस तरह रेड बॉल क्रिकेट को प्रीमियम बनाए जाने की संभावना है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो बोर्ड ने विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन द्वारा घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए टीम प्रबंधन के आह्वान को नजरअंदाज करने और इसके बजाय अगले महीने से शुरू होने वाले आईपीएल की तैयारी करने का विकल्प चुनने के मद्देनजर सैलरी स्ट्रक्चर को फिर से तैयार करने का फैसला किया। ईशान किशन ही नहीं, कई और खिलाड़ी हैं, जो आईपीएल की तैयारियों में जुट गए हैं।
नए रेमुनरेशन मॉडल के बारे में बताते हुए बोर्ड के एक सूत्र ने कहा, “उदाहरण के लिए, यदि कोई एक कैलेंडर वर्ष में सभी टेस्ट सीरीज खेलता है, तो उसे वार्षिक रिटेनर अनुबंध के अलावा, अतिरिक्त पुरस्कार दिया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी अधिक लाल गेंद वाले क्रिकेट के लिए आएं। यह टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए एक अतिरिक्त लाभ होगा।” रोहित शर्मा ने भी रांची टेस्ट मैच के बाद बयान दिया था कि जिस खिलाड़ी के अंदर टेस्ट क्रिकेट खेलने की भूख है, वह दिख जाता है।
यदि नए सैलरी स्ट्रक्चर को मंजूरी मिल जाती है, तो इसे आईपीएल 2024 के सीजन के बाद लागू किया जाएगा। बीसीसीआई उस अतिरिक्त बोनस पर काम कर रहा है जो एक खिलाड़ी को एक सीजन में सभी टेस्ट सीरीज खेलने पर मिलेगा। मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट बोर्ड एक टेस्ट मैच के लिए एक खिलाड़ी को 15 लाख रुपये, वनडे इंटरनेशनल मैच के लिए 6 लाख रुपये और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए 3 लाख रुपये का भुगतान करता है।