तमिलनाडु में महात्मा गांधी के अपमान पर राज्यपाल एन रवि ने दी सफाई
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तमिलनाडु के राज्यपाल एन रवि ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अपमान से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया में इस प्रकरण को गलत तरीके से दिखाया गया है। राज्यपाल एन रवि ने कहा कि उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर बोलते हुए महात्मा गांधी का अपमान नहीं किया। गवर्नर एन रवि ने कहा कि राष्ट्रपिता उनके जीवन में मार्गदर्शन करते रहे हैं। रवि के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में आई खबरों में ‘गलत धारणा’ पैदा करने का प्रयास हुआ। उन्हें महात्मा गांधी का अपमान करने वाला बताया गया, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। राज्यपाल रवि ने कहा, मीडिया में दिखाई गई बातें सच्चाई से कोसों दूर हैं।
राज्यपाल ने कहा कि वे महात्मा गांधी का बहुत सम्मान करते हैं। उनकी शिक्षाएं जीवन में आदर्श की तरह रही हैं। गवर्नर का स्पष्टीकरण टीएनसीसी सदस्यों के आंदोलन के बाद आया है। आंदोलन में शामिल लोगों ने कहा कि कथित तौर पर महात्मा गांधी का अपमान किया गया है। गवर्नर ने स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को कमतर आंकने का प्रयास किया। आंदोलन में शामिल नेताओं ने टीएनसीसी प्रमुख केएस अलागिरी, सांसद थिरुनावुक्कारासर और तमिलनाडु विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के सेल्वापेरुन्थागई भी शामिल थे।
आंदोलन के बाद राजभवन की तरफ से बयान जारी किया गया। इसके मुताबिक रवि ने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर भाषण दिया। इसके मुताबिक राज्यपाल ने कहा, ‘महात्मा गांधी के प्रति मेरा कोई अनादर नहीं था, उनकी शिक्षाएं मेरे जीवन में मार्गदर्शक रही हैं।’ गवर्नर ने कहा कि मीडिया ने उस भाषण की ‘चर्चा’ के दौरान उनकी बातों को नया मोड़ दे दिया। बकौल राज्यपाल एन रवि, उन्होंने अपने भाषण में इस बात को विस्तार से बताने की कोशिश की है कि भारत की आजादी में नेताजी के महत्वपूर्ण योगदान की पर्याप्त सराहना नहीं की गई है।
उन्होंने केवल यह बताने की कोशिश की है कि फरवरी, 1946 में रॉयल इंडियन नेवी और एयर फोर्स के विद्रोह के बाद ही 1947 में आजादी का आंदोलन तेज हुआ। दोनों ही नेताजी से प्रेरित थे। राज्यपाल ने साफ किया कि किसी की भूमिका को रेखांकित करना महात्मा गांधी की भूमिका को कमतर बताना या उनका अपमान करना नहीं है। उन्होंने जो भी कहा है वह प्राथमिक दस्तावेजों पर आधारित तथ्य हैं।