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Delhi Air Pollution: दिवाली से पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों में हवा जहरीली होने लगी है। राजधानी दिल्ली के साथ हरियाणा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और मुंबई में सांस लेना मुश्किल होने लगा है। SAFAR की ओर से दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 306 दर्ज किया गया है। यानी दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं, हरियाणा में पराली जलने की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है।
नोएडा में कितना है AQI?
आईटीओ पर 309, आनंद विवाह में 349, जहांगीरपुरी में 346, बवाना में 330, द्वारका सेक्टर-8 में 318 और बुराड़ी में 322 एक्यूआई दर्ज किया गया। पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली में हवा की रफ्तार कम होने की वजह से आने वाले चार-पांच दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार यानी बहुत खराब श्रेणी में रह सकता है। वहीं, नोएडा का AQI 316 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में है। 23-25 अक्टूबर तक यह लगातार बेहद खराब स्तर पर बना रहेगा।
मुंबई की हवा का हाल
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए GRAP अभियान के तहत नियम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें कोयला और लकड़ी के चूल्हों को बैन कर दिया जाएगा। सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस सेवा बढ़ाई जाएगी। मुंबई की हवा मॉर्डरेट कैटेगरी में आ रही है, लेकिन यहां की गुणवत्ता पुराने आंकड़ों की तुलना में गिरी है। इसके चलते बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने निर्माण कार्य बंद कर दिए हैं। मुंबई में एयर क्वालिटी इंडेक्स 229 यानी खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है।
जनवरी तक पटाखों पर बैन
वहीं, दिवाली से पहले ही दिल्ली में पटाखों पर बैन लगा है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी (DPCC) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में एक जनवरी 2024 तक के लिए पटाखों पर बैन लगाया गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 11 सितंबर को पटाखे पर पूरी तरह से बैन लगाने की घोषणा की थी। एयर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पल्यूशन) एक्ट 1981 के रूल 20(ए)(6) के तहत पटाखों के निर्माण, स्टोरेज, सेल (ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन डिलिवरी) और पटाखे जलाने पर पूरी दिल्ली में 1 जनवरी 2024 तक बैन है।
बता दें कि शून्य-50 के बीच AQI को अच्छा, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच गंभीर माना जाता है।
नई दिल्ली: सितंबर खत्म होने को है। अक्टूबर में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में ठण्ड का एहसास होना शुरू हो जाएगा। ठण्ड के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण और धुंध की चादर भी अक्टूबर से देखने को मिलने लगती है। इस प्रदूषण और धुंध की चादर का सबसे बड़ा कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और पंजाब-हरियाणा में जलने वाली पराली को माना जाता है। हालांकि पराली जलने पर रोक लगी हुई है, लेकिन इसके बावजूद इसमें कमी नहीं आ रही है।
ठण्ड किस हुरुआत होते ही पूरे दिल्ली-एनसीआर में भयानक प्रदूषण हो जाता है। दिल्ली की हवा में जहर फैल जाता है। सांस और फेफड़े के मरीजों की संख्या में अचानक से उछाल आ जाता है। केंद्र और दिल्ली सरकार दावा करती है कि प्रदूषण से निपटने के लिए सारे प्रबंध कर लिए गए हैं, लेकिन इनके दावे हर साल प्रदूषण की चादर में लिपटे हुए नजर आते हैं। पिछले दिनों ही दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया था कि प्रदूषण से लड़ने एक लिए कई फैसले लिए गए हैं। लेकिन यह बयान हर वर्ष आते हैं।
पंजाब में पराली जलना हुई शुरू
आज गुरूवार को समाचार एजेंसी ANI ने एक वीडियो जारी किया और बताया कि पंजाब के कई गांवों में किसानों ने अपने खेतों में धान के अवशेष के रूप में बची पराली को जलाना शुरू कर दिया है। एजेंसी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि अमृतसर के ददुआना गांव में आज एक खेत में पराली जलती देखी गई है। अब कहा जा रहा है कि पराली जलाए जाने से जो धुआं निकलेगा, वह जल्द ही दिल्ली-एनसीआर की तरफ आने लगेगा। इसके बाद दीपावली पर पटाखों की वजह से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा।
रविवार से दिल्ली-एनसीआर में लागू हो जाएगा ग्रेप
वहीं इससे पहले सरकार ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में रविवार एक अक्टूबर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया जाएगा। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के मुताबिक ग्रेप के विभिन्न चरणों की पाबंदियों को इस बार भी तीन दिन मौसम पूर्वानुमान के आधार पर ही लागू किया जाएगा। ऐसे में पूर्वानुमान का सही होना ग्रेप के सफल क्रियान्वयन के लिए काफी जरूरी है।
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