इससे पहले विशेष कोर्ट (धन शोधन निवारण अधिनियम) ने मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत के बाद बिहार की लालू परिवार के कई सदस्यों को समन किया था। इसमें लालू यादव की पत्नी राबड़ी, उनकी बेटियां मीशा और हेमा शामिल थीं।
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Land for Job case
मुसीबत में लालू यादव, ईडी ने पूछताछ के लिए भेजा समन, लैंड फॉर जॉब मामले में होगी पूछताछ
पटना. राजद सुप्रीमो लालू यादव की मुसीबत बढ़ गयी है. ईडी ने पूछताछ के लिए उन्हें समन भेजा है. नयी चार्जशीट दाखिल होने के बाद ईडी उनसे लैंड फॉर जॉब मामले में एक बार फिर पूछताछ करना चाहती है. उन्हें 27 दिसंबर को ईडी कार्यालय में बुलाया गया है. मंगलवार को ही तेजस्वी यादव ने दिल्ली की कोर्ट में ऑस्ट्रेलिया जाने की इजाजत मांगी थी. तेजस्वी यादव अपनी पत्नी के साथ क्रिसमस की छुट्टियों के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना चाह रहे हैं, लेकिन आज बड़ी खबर सामने आ गयी है. ईडी ने पिछले महीने अमित कात्याल से लंबी पूछताछ की थी. ईडी सूत्रों के मुताबिक इस पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. अमित कात्याल ने जो जानकारी दी थी, उसके बारे में ईडी ने पूरी जांच पड़ताल की. उसके बाद लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए समन भेजा गया है.
तेजस्वी यादव से 22 को होगी पूछताछ
रेलवे में जमीन के बदले नौकरी लेने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने पूछताछ के लिए तेजस्वी यादव को हाजिर होने को कहा है. उनके पिता लालू प्रसाद यादव को पूछताछ होने का नोटिस जारी किया गया है. तेजस्वी यादव को 22 दिसंबर को पूछताछ के लिए हाजिर होने का समन भेजा गया है. वहीं लालू प्रसाद यादव को 27 दिसंबर को पेश होने को कहा गया है. ईडी का कहना है कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में नये तथ्य सामने आये हैं. इसके आधार पर तेजस्वी यादव के साथ साथ लालू प्रसाद यादव से पूछताछ होना जरूरी है. लिहाजा दोनों को पूछताछ के लिए हाजिर होने का समन जारी किया गया है.
कात्याल के खुलासे से फंसे तेजस्वी यादव
ईडी सूत्र बता रहे हैं कि तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव से ये पूछताछ अमित कात्याल नाम के कारोबारी से मिले सुरागों के आधार पर होगी. पिछले महीने 11 नवंबर को ईडी ने अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया था. ये वहीं अमित कात्याल है, जिसने बिहार में राबड़ी देवी की सरकार रहते पटना के पास बिहटा में बीयर की फैक्ट्री लगायी थी. इसमें लालू परिवार की भी भागीदारी थी. बाद में अमित कात्याल नाम के इस कारोबारी ने एके इंफोसिस्टम नाम की कंपनी बनायी. इस कंपनी ने सिर्फ जमीन खरीदने का काम किया.
रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी दी गयी थी
ईडी सूत्रों के मुताबिक अमित कात्याल की कंपनी एके इंफोसिस्टम नाम की कंपनी ने बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी. इस कंपनी को जमीन बेचने वाले में ऐसे लोग भी शामिल थे, जिनके परिजनों को लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी दी गयी थी. ईडी और सीबीआई की जांच के मुताबिक कात्याल की एक कंपनी ने 2010 में तेजस्वी यादव को गाड़ी गिफ्ट किया था. बाद में सिर्फ एक लाख रूपये में अपनी कंपनी एके इंफोसिस्टम के सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया.
लालू परिवार को मिली थी कात्याल की कंपनी
ईडी और सीबीआई के मुताबिक अमित कात्याल ने तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को करीब 85 लाख रुपये का कर्ज दिया और फिर उसे माफ कर दिया. कात्याल की एक कंपनी की ओर से तेजस्वी की कंपनी को मोटी रकम कर्ज के तौर पर दी गयी, लेकिन उसकी कभी वापसी नहीं हुई. कात्याल ने अपनी एक कंपनी में मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार को भी डायरेक्टर बनाया था. कई कंपनियों के मालिक कात्याल ने अपनी कंपनी की ओर से मीसा भारती को ब्रोकरेज के तौर पर मोटी रकम भी दी थी.
Land For Job Scam: लालू यादव की ओर से अमित कात्याल ने किया था जमीनों का अधिग्रहण, ईडी का दावा
Land For Job Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया है कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए अमित कात्याल ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू यादव की ओर से उम्मीदवारों (Aspirants) से जमीनें हासिल की थीं.
केंद्रीय एजेंसी ने हाल ही में कात्याल को हिरासत में लिया था और फिर 11 नवंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने कात्याल को 16 नवंबर तक हिरासत में भेज दिया.
एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने किया जमीनों का अधिग्रहण
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि जांच में पाया गया कि कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के निदेशक थे और इस कंपनी ने लालू यादव की ओर से उम्मीदवारों से जमीन हासिल करके उनका अधिग्रहण किया था.
‘लालू यादव के घर के पते पर रजिस्टर है कंपनी’
एजेंसी ने बताया कि यह कंपनी D-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी नई दिल्ली के पते पर रजिस्टर है. यह लालू यादव और उनके परिवार का घर है. एजेंसी ने सोमवार (13 नंवबर) को अपने बयान में कहा कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तो अमित ने उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया और उन्होंने इन जमीनों को अपनी कंपनी के लिए हासिल किया और बाद में इन्हें लालू यादव के परिवार वालों को ट्रांसफर कर दिया.
‘कंपनी ने लालू यादव के परिवार को ट्रांसफर की जमीन’
बयान में यह भी कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण के बाद कंपनी के शेयर 2014 में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर कर दिए गए थे. ईडी के मुताबिक, अमित कात्याल आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी हैं और लगभग दो महीने से मामले में पूछताछ के लिए समन से बच रहे हैं.
‘कंपनी ने स्कैम से लिया लाभ’
इससे पहले ईडी ने दावा किया था कि एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस घोटाले में कथित तौर पर लाभ हासिल किया था. ईडी ने यह भी दावा किया दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में कंपनी के पंजीकृत पते का इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि कथित घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर की थीं.
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लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार को बड़ी राहत, लालू, तेजस्वी और राबड़ी तीनों को मिली जमानत
नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को जमानत मिल गई है।
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