झारखंड के चतरा जिले के कुंदा थाना क्षेत्र में एक बार फिर नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. इससे लोगों में दहशत का माहौल है. बताया जा रहा है कि करिलगढ़वा गांव में सड़क निर्माण कराया जा रहा है. लेवी लेने के लिए शुक्रवार को दिनदहाड़े नक्सलियों ने वहां पहुंचकर धावा बोल दिया और हवाई फायरिंग की. इससे सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूर सकते में आ गए और काम छोड़कर चले गए. इसकी सूचना मिलते ही सीआरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे और छापेमारी में जुट गए. जानकारी के अनुसार करीब 10 की संख्या में वर्दीधारी नक्सली हथियारों से लैश होकर पहुंचे थे. ठेकेदार सुबोध कुमार सिंह ने लेवी की मांग या नक्सली धमकी से इनकार किया है. लंबे समय के बाद नक्सलियों ने सड़क निर्माण कार्य में लगे दो ट्रैक्टरों व मिक्सचर मशीन के टायर में गोली मारकर काम बंद करा दिया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब चार करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. सड़क का निर्माण जय मां अम्बे कंट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है. घटना की सूचना मिलते ही एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी, थाना प्रभारी कौसल कुमार सिंह व सीआरपीएफ टीम मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली. साथ ही आसपास के जंगलों में घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया.
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झारखंड: टीएसपीसी का एरिया कमांडर समेत दो नक्सली अरेस्ट, अमेरिकन पिस्टल व देसी हथियार बरामद
चतरा, तसलीम: चतरा पुलिस ने बेतीं बरवाडीह जंगल से टीएसपीसी के एरिया कमांडर नीरज गंझू उर्फ जय मंगल व सक्रिय सदस्य धनेश्वर करमाली उर्फ ढेला उर्फ डीके को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार एरिया कमांडर व सक्रिय सदस्य पिपरवार थाना क्षेत्र के बरवाटोला बेतीं गांव के रहने वाले हैं. उग्रवादियों के पास से एक देसी कार्बाइन, 7.62 एमएम की एक अमेरिकन पिस्टल, एक देसी पिस्टल, पांच चक्र जिंदा गोली, 25 टीएसपीसी का लेटर पैड पर्चा, मोबाइल व अन्य सामान जब्त किया गया. यह जानकारी एसपी राकेश रंजन ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर दी. छापेमारी टीम में डीएसपी मुख्यालय के अलावा टंडवा थाना प्रभारी विजय कुमार सिंह, पिपरवार थाना प्रभारी गोविंद कुमार, सिमरिया थाना प्रभारी विवेक कुमार, पिपरवार थाना के एसआई रूपेश कुमार महतो, दिलीप कुमार बास्की, टिकवानंद भगत व कई जिला बल के जवान शामिल थे.
झारखंड : नक्सलियों ने लेवी के लिए पुल का काम रोका, मुंशी को पीटा
पांडू: थाना क्षेत्र के ग्राम नेउरी-पोखरी के बीच बांकी नदी पर बन रहे पुल का निर्माण कार्य नक्सलियों ने रोक दिया है. लेवी नहीं मिलने से नाराज नक्सलियों ने निर्माण कार्य करा रहे मुंशी को भी पीटा है. बताया जाता है कि मंगलवार की रात पांच-छह की संख्या में हथियारबंद नक्सली निर्माण स्थल पर पहुंचे थे. उक्त पुल निर्माण कार्य की आधारशिला छह नवंबर को विश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने रखी थी. नक्सलियों द्वारा मुंशी के साथ मारपीट की घटना के बाद से इलाके में दहशत है. पुलिस नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है. हाल के दिनों में नक्सलियों की गतिविधि बढ़ी है. विकास कार्यों में लेवी की मांग की जा रही है. जिन योजनाओं में लेवी की राशि नहीं मिल रही है, उसका कार्य बंद करा दिया जा रहा है. इसके पूर्व महुडंड में सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहन व मशीन को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया था.
पुलिस ने तीन नाबालिग सहित 18 लड़कियों को कराया मुक्त
मेदिनीनगर शहर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर गुरयाही से बुधवार की देर रात करीब 9:30 बजे महिला थाना प्रभारी के नेतृत्व में रेस्क्यू कर तीन नाबालिग सहित 18 लड़कियों को शहर थाना लाया गया. इसकी जानकारी सीडब्ल्यूसी को दी गयी. सीडब्ल्यूसी ने तीनों को नाबालिग के पूछताछ के बाद बालिका सुधार गृह भेज दिया. इसकी सूचना उनके परिजनों को दे दी गयी है. जबकि अन्य 15 युवतियों से पूछताछ की जा रही है. ये सभी विभिन्न जिले की रहने वाली हैं.
एसडीपीओ सुरजीत कुमार ने बताया कि नाबालिग के भाई द्वारा गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था. जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई कर इन्हें बरामद किया. उन्होंने कहा कि बालिग लड़कियों के परिजन को भी सूचना दी गयी है. परिजन के आने के बाद उन्हें सौंप दिया जायेगा. पूछताछ के क्रम में लड़कियों ने बताया कि वे स्वेच्छा से मेदिनीनगर में आकर काम कर रही थीं.
झारखंड : आइइडी ब्लास्ट में एक साल में 4 जवान व 10 ग्रामीणों की मौत, 29 पुलिसकर्मी व सात ग्रामीण घायल
Jharkhand Naxal News Explainer| पश्चिम सिंहभूम जिले में नक्सलियों के खिलाफ अक्तूबर 2022 से अभियान चलाया जा रहा है. नक्सल विरोधी इस अभियान में लगे सुरक्षा बलों के जवानों को रोकने के लिए नक्सलियों ने बड़ी संख्या में जंगलों में आइइडी बिछा रखे हैं. इसकी चपेट में आने से अब तक 29 पुलिसकर्मी व सात ग्रामीण घायल हो चुके हैं. चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. 10 ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. आइइडी ब्लास्ट में सबसे ज्यादा जानें अतिनक्सल क्षेत्र टोटों व गोइलकेरा थाना क्षेत्र में गईं हैं. नक्सली पुलिस पर ग्रामीणों की जान को खतरे में डालने का आरोप लगाते हैं, तो पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए नक्सली ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने जो माइंस बिछा रखी है, उसकी वजह से सुरक्षा बलों से ज्यादा ग्रामीणों की जान गई है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, टोंटो व गोइलकेरा थाना क्षेत्र में जिस इलाके में नक्सलियों का कुनबा मौजूद है, वहां पर नक्सलियों ने बड़े पैमाने पर जमीन के नीचे जगह-जगह आइइडी छिपाकर रखा है. इसके कारण सुरक्षा बलों के जवान व आमलोग आये दिन इसकी चपेट में आते रहते हैं. पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटों थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका व सरजोमबुरू के बीच पहाड़ी व जंगलों में एक-एक करोड़ के इनामी तीन नक्सली मिसिर बेसरा, रमेश उर्फ अनल उर्फ पतिराम मांझी व असीम मंडल के अलावा अजय महतो, अनमोल, मोछू, चमन कांडे, सागेन अंगरिया व अश्विन अपने दस्ते के साथ मौजूद हैं.
झारखंड: गुमला पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 16 वर्षों से फरार माओवादी सोमरा उरांव गिरफ्तार
गुमला, दुर्जय पासवान: गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर थाना की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 16 वर्षों से फरार भाकपा माओवादी का सदस्य सह उग्रवादी सोमरा उरांव (35 वर्ष) को पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया है. सोमरा पर चौकीदार की हत्या करने का आरोप है. 16 साल पहले चौकीदार की हत्या के बाद से वह फरार था. सोमरा चैनपुर, डुमरी व कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र में सक्रिय था. कई उग्रवादी घटनाओं में शामिल रहा है. पुलिस मुठभेड़ में तीन साल पहले मारा गया शीर्ष नेता बुधेश्वर उरांव का सहयोगी था. सोमरा की तलाश पुलिस को 16 साल से थी. इंस्पेक्टर बैजू उरांव ने ये जानकारी पत्रकारों को दी. पुलिस के डर से पिछले 15 वर्षों से वह दिल्ली में छिपकर रह रहा था. कुछ दिन पूर्व सोमरा उरांव अपना गांव रातू जामटोली आया हुआ था. जिसकी गुप्त सूचना चैनपुर पुलिस को मिली थी. जिसके बाद चैनपुर पुलिस ने एक टीम गठित कर छापेमारी करते हुए तिगावल मोड़ के पास से सोमरा उरांव को गिरफ्तार किया.
चौकीदार जोसेफिन कुजूर हत्याकांड में था संलिप्त
गुप्त सूचना पर पुलिस ने शनिवार की सुबह चैनपुर थाना क्षेत्र के तिगावल मोड़ से सोमरा उरांव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर बैजू उरांव ने देते हुए बताया कि गिरफ्तार सोमरा उरांव वर्ष 2007 में चैनपुर थाना के चौकीदार जोसेफिन कुजूर हत्याकांड में संलिप्त था. वर्ष 2007-08 में माओवादी संगठन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए चैनपुर, डुमरी एवं कुरुमगढ़ इलाके के माओवादी वारदातों में शामिल था.
दिल्ली में रह रहा था छिपकर
सोमरा उरांव चैनपुर एवं डुमरी थाने में विस्फोटक पदार्थ रखने, आर्म्स एक्ट, सीएलए एक्ट जैसे सात मामलों में वांछित रहा है. इसके खिलाफ न्यायालय द्वरा सात स्थायी वारंट निर्गत है. पुलिस के डर से पिछले 15 वर्षों से वह दिल्ली में छिपकर रह रहा था. कुछ दिन पूर्व सोमरा उरांव अपना गांव रातू जामटोली आया हुआ था. जिसकी गुप्त सूचना चैनपुर पुलिस को मिली थी. जिसके बाद चैनपुर पुलिस ने एक टीम गठित कर छापेमारी करते हुए तिगावल मोड़ के पास से सोमरा उरांव को गिरफ्तार किया. पुलिस ने शनिवार को उसे जेल भेज दिया. छापेमारी दल में इंस्पेक्टर बैजू उरांव, थानेदार आशुतोष कुमार सिंह, एसआइ मुकेश कुमार, आरक्षी दीपक कुमार एवं आरक्षी प्रवेश कुमार सहित पुलिस जवान मौजूद थे.
आंगन में झाड़ू करने के विवाद के बाद भतीजे ने चाची को टांगी से काट डाला
गुमला जिला अंतर्गत घाघरा थाना के धोबनी खपराटोली में भतीजा ने चाची को टांगी से काटकर हत्या कर दी. मृतका 40 वर्षीय बिरसमुनी देवी है. मृतका के पति सुमन भगत ने बताया कि शुक्रवार की शाम लगभग 5.00 बजे बिरसमुनी अपने घर के आंगन में झाड़ू कर रही थी. इसी दौरान भतीजा लखेश्वर उरांव ने बिरसमुनी से कहा इधर झाड़ू मत करो तो बिरसमुनि ने कहा गंदा है. इसलिए झाड़ू कर रही हूं. क्या दिक्कत है. बस इसी बात पर लखेश्वर ने आंगन में रखे टांगी से बिरसमुनी के सर पर कई वार कर घायल कर दिया. घायल अवस्था में परिजन बिरसमुनी को घाघरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाये. जहां इलाज के बाद तुरंत रांची रिम्स ले जाया गया. इस दौरान उन्होंने थाना को इसकी सूचना नहीं दी.
हमारी पहली प्राथमिकता पत्नी को बचाना था
सुमन ने बताया कि हम देर करना नहीं चाहते थे. हमारी पहली प्राथमिकता मेरी पत्नी को बचाना था. इसलिए मैंने थाना को सूचित नहीं किया. शनिवार को सुबह में बिरसमुनि की मौत हो गयी. जिसके बाद से घाघरा थाना को इसकी सूचना देते हुए शव को घाघरा थाना लाया गया. पुलिस ने हत्यारा भतीजा लखेश्वर को गिरफ्तार कर लिया है. सुमन ने यह भी बताया कि सभी अलग-अलग अपने घर में रहते थे. पर सबका आंगन एक ही था. जिसे सब सामूहिक रूप से उपयोग करते थे. जहां वह झाड़ू कर रही थी. थानेदार अमित कुमार चौधरी ने कहा कि झाड़ू लगाने के विवाद को लेकर सगे भतीजा ने अपनी चाची को टांगी से वार कर हत्या कर दिया है.
सड़क हादसे में शिक्षक की मौत
गुमला के सदर थाना के पालकोट रोड टैसेरा के पास ट्रक की चपेट में आने से टेंगरिया चैनपुर के शिक्षक 35 वर्षीय मंजीत केरकेट्टा की मौत हो गयी. वह बसिया स्कूल से देर शाम को बाइक से गुमला आर था. तभी एक गाड़ी ने उसे चपेट में ले लिया. जिससे उसकी घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि मंजीत अपने परिवार के साथ गुमला में रहता था. वह हर दिन बसिया स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद गुमला आता था. शनिवार की शाम को वह करीब साढ़े सात बजे गुमला आने के क्रम में तैसेरा के समीप एक गाड़ी की चपेट में आ गया. घटना की सूचना पर काफी संख्या में लोग पहुंचे, मजदूर नेता जुम्मन खान ने अपनी गाड़ी में शव को उठाकर गुमला अस्पताल पहुंचाया. जुम्मन खान ने कहा कि अस्पताल पहुंचने से इलाज कराकर जान बच सकती है. इसलिए शिक्षक को अस्पताल लाया. परंतु, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.