पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) की आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक हुई. तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने सांसद कल्याण बनर्जी को इस बैठक से बाहर रखा. बुधवार को ममता समेत 11 तृणमूल सांसदों ने राज्य की विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की. लेकिन कल्याण बनर्जी उस टीम में नहीं थे. उल्लेखनीय है कि कल्याण राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल करके जिस विवाद में फंसे हुए है उसी वजह से ममता बनर्जी उन्हें छोड़कर मोदी से मिलने गई थी. हालांकि, मोदी से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा, कल्याण बनर्जी ने जो किया मेरा संसदीय दल इसका जवाब दे सकता है. वे निर्णय लेने के लिए पर्याप्त हैं, हम सबका सम्मान करते हैं.
jagdeep dhankar
‘राज्यसभा के सभापति से बिना शर्त माफी मांग लें राघव चड्ढा’ – सुप्रीम कोर्ट की सलाह
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा से प्रवर समिति मामले में अपने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बते दें कि राघव चड्ढा को बीते 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। इस मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि, सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राघव चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है।
सुनवाई में क्या हुआ?
राघव चड्ढा निलंबन मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सांसद को इस मामले पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा के सभापति से मिलने के लिए कहा है। सीजेआई ने उम्मीद जताई कि सभापति इस पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएंगे और इस संबंध में आगे कदम उठाएंगे। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद मामले में आगे के घटनाक्रम से अवगत कराने को कहा है।
सदन की गरिमा प्रभावित करने का इरादा नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा के वकील के बयान को भी दर्ज किया कि सांसद का इरादा उस सदन की गरिमा को प्रभावित करने का नहीं है जिसके वह सदस्य हैं। वकील ने कहा कि राघव चड्ढा राज्यसभा के सभापति से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें। इस पर कोर्ट ने कहा कि सदन के तथ्यों और परिस्थितियों की को देखकर सभापति माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं।
क्यों निलंबित हुए थे चड्ढा?
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। सदन के कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया था कि राघव चड्ढा ने उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा। इस प्रस्ताव में दिल्ली सेवा विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति के गठन की मांग की गई थी। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने इस बिल का काफी विरोध किया था।
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जगदीप धनखड़ ने 8 संसदीय स्थायी समितियों का किया पुनर्गठन, यहां देखें पूरी लिस्ट
नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष के परामर्श से राज्यसभा के सभापति के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली 8 विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति (डीआरएससी) का पुनर्गठन किया है। संसद के ऊपरी सदन ने मंगलवार को कहा कि इसमें 31 सदस्यीय गृह पैनल में वरिष्ठ कांग्रेस राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम की नियुक्ति भी शामिल है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, राज्यसभा के सभापति ने अपने प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली आठ विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया है। नई संसदीय स्थायी समितियाँ 13 सितंबर, 2023 से प्रभावी होंगी। लिस्ट इस प्रकार है-
पुनर्गठित समितियों की लिस्ट-
व्यापार
शिक्षा, महिलाएँ, बच्चे, युवा और खेल
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
गृह मंत्रालय
उद्योग
कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय
विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति
हो रही तीन प्रस्तावित बिलों पर चर्चा
दरअसल, राज्यसभा के सभापति ने लोकसभा अध्यक्ष की सलाह लेने के बाद 8 समितियों का पुनर्गठन किया है। सभापति ने प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाली संसदीय स्थायी समितियों में फेरबदल किया गया है। बता दें कि जगदीप धनखड़ ने पी. चिदंबरम को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के मेंबर के रूप में ऐसे समय में नियुक्त किया है, जब पैनल तीन प्रस्तावित बिलों पर चर्चा कर रहा है।
इंडियन ज्यूडिशियल कोड 2023, इंडियन सिविल डिफेंस कोड, 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट यह ऐसे तीन विधेयक हैं, जिनका उद्देश्य आपराधिक न्याय कानूनों को बदलना है। इन बिलों को 11 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया था। बता दें, 24 विभाग संबंधी स्थायी समितियां या डीआरएससी हैं। इनमें से हर कमेटी में 31 मेंबर हैं, जिनमें से 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा से हैं।
इनकी जगह पर हुई पी.चिदंबरम की नियुक्ति
ऐसे में अब 8 डीआरएससी का पुनर्गठन किया गया हैं। बता दें कि हाल ही में कांग्रेस के पी.भट्टाचार्य रिटायर हुए हैं और इन्हीं के जगह पर पी.चिदंबरम की नियुक्ति हुई है। कांग्रेस के ही लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी पहले से ही भाजपा सांसद बृज लाल की अध्यक्षता वाले गृह पैनल के मेंबर हैं। इसके अलावा, सभापति ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को साइंस एंड टेक्नोलॉजी, एनवायरनमेंट, फारेस्ट एंड क्लाइमेंट चेंज कमेटी का अध्यक्ष भी नियुक्त किया है। इस बीच, 6 प्रमुख संसदीय कमेटियों (गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य) के अध्यक्ष भाजपा या उसके सहयोगी हैं।
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