झारसुगुड़ा विधानसभा क्षेत्र में दिवंगत किशोर मोहंती का एक समय एकछत्र राज था. 2009 के बाद दिवंगत नव किशोर दास का यहां दबदबा बना गया था. वहीं नव किशोर दास की मौत के बाद उनकी पुत्री व वर्तमान विधायक दीपाली दास ने उत्ताराधिकारी के रूप में अपने पिता की विरासत संभाली है. उनके गढ़ में कोई और प्रवेश ना कर पाये, इसे ध्यान में रखते हुए दीपाली गुट ने रावण दहन के लिए एक माह पहले ही दशहरा उत्सव समिति के नाम पर जिला प्रशासन से अनुमति के लिए आवेदन कर रखा था. बाद में अलका गुट ने भी आवेदन किया था. इसके बाद मनमोहन स्कूल मैदान में रावण दहन को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया था. इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने उक्त मैदान में किसी भी पक्ष को रावण दहन के लिए अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि मनमोहन स्कूल मैदान में पिछले 38 वर्षों से अधिक समय से रावण दहन हो रहा है. प्रशासन के इस फैसले के बाद पहली बार यहां रावण दहन नहीं होगा. वहीं अब अलका गुट क्या कदम उठायेगा, इस पर सभी की नजर टिकी है