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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार की शाम ईडी ने उन्हें कथित शराब घोटाले में दसवां समन जारी किया। ईडी की टीम सीएम हाउस पहंची। वहां तलाशी शुरू की गई, जो अब तक (खबर लिखने तक) जारी है। शाम करीब सात बजे से ईडी के अधिकारियों ने सीएम केजरीवाल से पूछताछ शुरू की। करीब दो घंटे के बाद ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि ईडी ने 31 जनवरी को झारखंड के रांची में हेमंत सोरेन को भी गिरफ्तार किया था। अरेस्ट होने के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में दो महीने के अंदर ईडी ने दो-दो मुख्यमंत्रियों को अरेस्ट किया है। लेकिन दोनों के केस में कुछ बाते कॉमन भी हैं जो आपको हैरान कर देंगी…
दोनों में क्या-क्या कॉमन
ईडी ने अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में दस समन जारी किया। उन्हें दसवें समन के बाद गिरफ्तार किया गया। वहीं झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को भी ईडी ने कथित जमीन घोटाले में दस समन जारी किया था। दसवें समन के बाद उन्हें भी अरेस्ट किया गया। ईडी ने केजरीवाल के साथ करीब दो घंटे तक पूछताछ की। वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ने सोरेन के साथ आठ घंटे तक पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद दोनों ही दिग्गज नेताओं को अरेस्ट कर लिया गया। ऐसे में दोनों नेताओं को दसवां समन जारी कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है।
एक सीएम की बेटी भी गिरफ्तार
हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि ‘आप’ का कहना है कि अरविंद केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली के सीएम बने रहेंगे। आतिशी ने कहा कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे। दो महीने के अंदर ईडी ने ताबड़तोड़ ऐक्शन लेते हुए दो मुख्यमंत्रियों को अरेस्ट किया है। इस बीच ईडी ने के कविता को भी गिरफ्तार किया है। वह तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी हैं।
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह निशाना बनाना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को। अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतर कर लड़िए, उनका डटकर मुकाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए- यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमजोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के खिलाफ है।’