पुणे: “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते समय, ग्रामीण और आदिवासी छात्रों के साथ-साथ शहरी छात्रों की समस्याओं को समझना और उसके अनुसार नीति को लागू करना आवश्यक है,” सेंटर फॉर मैटेरियल्स फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के महानिदेशक भरत काले ने कहा ( सी-मेट)।
वह सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – अगली पीढ़ी के छात्रों के लिए प्रभावी कार्यान्वयन और शिक्षकों की तैयारी’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (24-25 फरवरी) में बोल रहे थे।
सम्मेलन का आयोजन विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय, शिक्षा और विस्तार विभाग, काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन फाउंडेशन (सीटीईएफ) और मैप एपिक कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था।
काले ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते समय अगर हम प्रत्येक क्षेत्र की स्थिति को समझने पर काम करें तो हम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम बढ़ाएंगे।”
एसपीपीयू के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर संजीव सोनवणे ने कहा, “नई शिक्षा नीति को लागू करते समय हमें यह जांच करनी चाहिए कि अगली पीढ़ी किस तरह के शिक्षकों की इच्छा रखती है। हमें शिक्षा में 5.0 क्रांति के लिए तैयार रहना चाहिए।
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