मिमिक्री मामले के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिले बीजेपी के दिग्गज नेता, देखें तस्वीरें
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राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह के साथ बैठक बाद मुस्कुराते हुए निकलीं वसुंधरा राजे
Rajasthan New CM: राजस्थान में नए मुख्यमंत्री को लेकर संस्पेस खत्म होने वाला है. इस बीच सीएम पद की मजबूत दावेदार में से एक मानी जा रही वसुंधरा राजे ने पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह के साथ बंद कमरे में बैठक की. मीटिंग के बाद वसुंधरा मुस्कुराते हुए निकलीं. सूत्रों के मुताबिक, वसुंधरा सीएम की रेस में सबसे आगे हैं. सूत्रों ने बताया कि उनके साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं
हालांकि, पूरी तस्वीर थोड़ी देर में होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में ही साफ होगी. विधायक दल की बैठक शुरू होने से पहले फोटो सेशन हुआ. इसमें वसुंधरा राजे राजनाथ सिंह के बगल में बैठी नजर आ रही हैं.
वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. विधानसभा चुनाव रिजल्ट आने के बाद से ही वसुंधरा काफी एक्टिव हैं और दिल्ली में उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हो चुकी है. यही नहीं वसुंधरा ने अपने खेमे के विधायकों के साथ दो दफे मुलाकात की है.
दरअसल, राजस्थान की 200 सीटों में से 199 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने 115 पर जीत हासिल की है. कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई थी.
रविवार तक हो जाएगा MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के CM के नाम का एलान? जानें सभी समीकरण
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जहां मध्य प्रदेश में बड़ी जीत दर्ज की थी, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। विधानसभा चुनावों के नतीजे 3 दिसंबर को आ गए थे और अब तक बीजेपी तीनों में से किसी भी राज्य के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है। तीनों ही सूबों से कई नाम निकलकर सामने आए हैं, हालांकि माना जा रहा है कि रविवार को सस्पेंस गायब हो जाएगा और मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा हो जाएगी।
राजनाथ, खट्टर, मुंडा को दी गई कमान
बीजेपी ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को क्रमश: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी विधायक दल के नेता के चयन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया। विधायक दल के नए नेता अपने राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक इस वीकेंड होने की संभावना है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक राजस्थान में विधायक दल के नेता के चयन के लिए राजनाथ सिंह के अलावा राज्यसभा सदस्य सरोज पांडे और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह में अच्छे संबंध माने जाते हैं।
राजनाथ क्यों चुने गए राजस्थान के पर्यवेक्षक?
BJP के भीतर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पार्टी 2 बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे के दावों को नजरअंदाज कर सकती है और उनकी जगह किसी नए चेहरे को राज्य की कमान सौंप सकती है। वहीं, जानकारों का कहना है कि राजनाथ को राजस्थान का पर्यवेक्षक इसलिए बनाया गया है क्योंकि वसुंधरा की गिनती उनके करीबियों में होती है। BJP के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार राजनाथ से पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि वह उनकी पसंद के अनुरूप मुख्यमंत्री पद पर आम सहमति बनाने में मदद कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई विधायकों को राजे का समर्थन करते हुए देखा जा रहा है।
मध्य प्रदेश में भी नए चेहरे के साथ जाएगी BJP?
मनोहर लाल खट्टर के साथ पार्टी के OBC मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा भी मध्य प्रदेश की बैठक में शामिल होंगे, जबकि मुंडा के साथ केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और BJP महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक होंगे। मध्य प्रदेश में जहां BJP ने दो-तिहाई बहुमत के साथ बड़ी जीत हासिल की, वहां वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है लेकिन पार्टी के भीतर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भी एक राय है। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद 15 महीनों को छोड़ दें तो BJP 18 साल से राज्य की सत्ता में है, इसलिए पार्टी के भीतर राज्य में किसी नए चेहरे पर दांव लगाने का विचार है।
यह लगभग तय है कि रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की बागडोर नहीं दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ से छनकर आ रही है यह खबर
सूत्रों ने कहा कि BJP छत्तीसगढ़ में किसी OBC या आदिवासी नेता को बागडोर सौंपने पर विचार कर रही है। लता उसेंडी, गोमती साय और रेणुका सिंह जैसे अनुसूचित जनजाति वर्ग के नेता शीर्ष पद के लिए स्वाभाविक दावेदार हैं। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से राजनेता बने ओपी चौधरी भी पिछड़ी जातियों से हैं। पार्टी ऐसे समय में कम से कम एक महिला मुख्यमंत्री को चुनना चाहेगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी BJP के लिए महिला मतदाताओं के समर्थन पर लगातार बात कर रहे हैं और अक्सर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की आवश्यकता की बात करते रहे हैं। (भाषा)
मणिपुर में उग्रवादी संगठन UNLF पर बोले एन बीरेन सिंह, ‘मोदी-शाह के प्रयासों से 60 साल बाद…’
Manipur Banned Armed Group UNLF: मणिपुर के सबसे पुराने सशस्त्र उग्रवादी समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताते हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बुधवार (29 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह सब 60 साल बाद हो रहा है, जो बड़ी एक सफलता है.
एबीपी न्यूज को दिए विशेष साक्षात्कार के दौरान मणिपुर सीएम सिंह ने कहा, ”शांति वार्ता के प्रयास सालों से किए जा रहे थे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही थी. यह हस्ताक्षर आज पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ है. मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देता हूं, जिन्होंने शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत की.”
उन्होंने कहा, ”यूएनएलएफ के कैडर शांति के मार्ग पर चलने के लिए सहमत हुए हैं. मैं इसके लिए सदस्यों की सराहना करता हूं. मुझे उम्मीद है कि राज्य में उग्रवादी और हथियार उठाने वाले भी शांति का रास्ता अख्तियार करेंगे.”
‘मणिपुर में शांति, विकास और जनकल्याण की दिशा में काम कर रहा केंद्र’
मणिपुर में आर्म्स फोर्सेज स्पेशल पावर लागू है लेकिन इसको उन इलाकों से हटाने का काम भी लगातार किया जा रहा है जहां हालात अच्छे और शांत एरिया हैं. यह सब पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की वजह से पहली बार हो रहा है. मणिपुर में शांति लाने, विकास के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए लगातार काम किया जा रहा है.
‘यूएनएलएफ के फैसले से युवाओं को होगा बड़ा फायदा’
उन्होंने यूएनएलएफ और उसके कैडर के लोगों की इस पहल की सराहना की है जोकि अपने मिलिटेंट मार्ग को छोड़कर ‘मैन स्ट्रीम’ में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले के बाद बड़ा फायदा उन युवाओं को भी होगा जोकि गलत रास्ते पर चले जाते हैं.
‘मणिपुर की लगातार मॉनीटरिंग कर रहे अमित शाह’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में अब धीरे-धीरे शांति स्थापित हो रही है. बदलाव तेजी के साथ हो रहे हैं. पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राज्य में शांति व्यवस्था कायम कराने को 24X7 मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
‘हम काम करते हैं और कर रहे हैं- एन बीरेन सिंह’
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष कुछ भी कह सकता है, वे इसके लिए ही विपक्ष में हैं. हम काम करते हैं और हम काम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने 70 साल बाद क्या जादू बुना है जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है.
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भारत-ऑस्ट्रेलिया असाधारण चुनौतियों से निपटने के लिए संबंधों को करेंगे और मजबूत, क्या बोले नेता?
India-Australia 2+2 Ministerial Dialogue: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान देते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनियाभर में ‘असाधारण चुनौतियों’ से निपटने के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का सोमवार (20 नवंबर) को फैसला किया.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरी ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता में दोनों देशों ने सूचना के आदान-प्रदान और समुद्री क्षेत्र में जागरूकता को लेकर सहयोग और बढ़ाने के महत्व को भी रेखांकित किया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दूसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय संवाद के तहत नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई उपप्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वोंग से मुलाकात की.
भारत-ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंध तेजी से मजबूत हुए- एस जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंध ऐसे समय में पिछले एक साल में तेजी से मजबूत हुए हैं, जब दुनिया में अनिश्चितता बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम बढ़ता ध्रुवीकरण, गहराता तनाव देख रहे हैं और आज क्षेत्र में लोगों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि नियमित रूप से कदम उठाए जाएं. इसलिए हमें दैनिक आधार पर स्थिरता के लिए काम करना होगा.’’
ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्ल्स ये बोले
मार्ल्स ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए चीन सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और ‘सुरक्षा को लेकर सबसे बड़ी चिंता’ भी है. उन्होंने दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया.
उन्होंने समुद्री क्षेत्र में जागरूकता को लेकर सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘‘हम एक महासागर साझा करते हैं और इस अर्थ में हम पड़ोसी हैं और हमारे दोनों देशों के लिए मिलकर काम का इससे महत्वपूर्ण समय कभी नहीं हो सकता.’’
जयशंकर ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया को ‘असाधारण चुनौतियों’ का सामना करना पड़ता है और दोनों देशों के लिए इनसे निपटने की योजना बनाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ये मानव निर्मित चुनौतियां हो सकती हैं, ‘‘ये एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) स्थितियां हो सकती हैं. ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास इनका सामना करने के लिए सहयोग की संस्कृति हो.’’
भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये कहा
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि हिंद-प्रशांत की समग्र सुरक्षा के लिए भी अच्छी होगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा क्षेत्र विशेष रूप से भारत-ऑस्ट्रेलिया सामरिक साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक के रूप में उभरा है.
सिंह ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्रियों की जब भी उच्चतम स्तर पर मुलाकात हुई है, चाहे वह शिखर स्तर की वार्ता हो या क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) और जी-20 जैसे बहुपक्षीय मंच हों, हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई है.’’
इससे पहले मार्ल्स के साथ द्विपक्षीय बैठक में सिंह ने कहा कि एक मजबूत द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि हिंद-प्रशांत की समग्र सुरक्षा के लिए भी अच्छी होगी.
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने जारी किया ये बयान
भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि रक्षा उद्योग और अनुसंधान में सहयोग को गहरा करने से पहले से ही मजबूत संबंधों को बढ़ावा मिलेगा. सिंह ने सुझाव दिया कि पोत निर्माण, मरम्मत और उसका रखरखाव और विमानों का रखरखाव, मरम्मत और उसका कायाकल्प (एमआरओ) सहयोग के संभावित क्षेत्र हो सकते हैं.
बयान में कहा गया कि नेताओं ने दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई. सिंह ने इस साल अगस्त में ऑस्ट्रेलिया की ओर से बहुपक्षीय अभ्यास ‘मालाबार’ के पहले और सफल आयोजन के लिए मार्ल्स को बधाई दी.
द्विपक्षीय रक्षा संबंध होंगे और मजबूत
मंत्रालय ने कहा, “दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में संयुक्त युद्धाभ्यास, आदान-प्रदान और संस्थागत बात-चीत सहित दोनों देशों के बीच सैन्य क्षेत्र में बढ़ते सहयोग पर संतोष व्यक्त किया.”
अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्ष ‘हाइड्रोग्राफी’ सहयोग और हवा से हवा में ईंधन भरने के क्षेत्र में सहयोग को लेकर क्रियान्वयन व्यवस्था बनाने की बातचीत के अग्रिम चरण में पहुंच चुके हैं. सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों की सेनाओं को ‘कृत्रिम बुद्धिमता, पनडुब्बी-रोधी और ड्रोन-रोधी युद्ध और साइबर जैसे प्रशिक्षण क्षेत्रों’ में सहयोग पर भी ध्यान देना चाहिए.
इसमें कहा गया, “दोनों मंत्रियों के बीच पानी के भीतर प्रौद्योगिकियों के मामले में संयुक्त अनुसंधान में सहयोग पर भी विचार-विमर्श हुआ. दोनों देशों के बीच चुनौतियों का मिलकर समाधान करने सहित रक्षा स्टार्टअप में गठबंधन पर भी मंत्रियों के बीच चर्चा हुई.” बयान में कहा गया, “दोनों मंत्रियों का मानना था कि मजबूत भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा भागीदारी न केवल उनके आपसी फायदे के लिए, बल्कि समूचे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए बेहतर रहेगी.”
ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ‘क्वाड’ गठबंधन का हिस्सा हैं जो एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने पर केंद्रित है. क्वाड के अन्य दो सदस्य अमेरिका और जापान हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ये कहा
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “मंत्री रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित बहुआयामी भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी एजेंडे में हैं.”
बैठक से पहले, वोंग और मार्ल्स ने अपने जीवन का बलिदान देने वाले शहीदों को सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय समर स्मारक का दौरा किया. वोंग ने ‘एक्स’ पर कहा, “भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सैन्य संबंधों का एक लंबा इतिहास है- ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने गैलीपोली सहित कई अभियानों में भारतीय सैनिकों के साथ लड़ाई लड़ी.”
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