UPSC ने निकाली कई पदों पर भर्तियां, आज से शुरू हो रही आवेदन प्रोसेस
यूपीएससी
चेन्नई की बेनो जेफिन से लेकर मुंबई की प्रांजल पाटिल तक, दृष्टिबाधित उम्मीदवारों ने यूपीएससी में सफलता हासिल की – News18
दृष्टिबाधित शिक्षिका आयुषी जैन ने 5वें प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल की।
प्रांजल पाटिल ने 2017 में अपने दूसरे प्रयास में 124 रैंक के साथ यूपीएससी में सफलता हासिल की।
कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह होती है और अगर आप अपने सपनों के लिए प्रतिबद्ध हैं तो आपको कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही कुछ मेधावी यूपीएससी उम्मीदवारों के साथ हुआ, जो अपनी दृष्टि खोने के बावजूद सिविल सेवा परीक्षा में सफल होकर अपने जीवन में सफल होने में कामयाब रहे। आइए उनके बारे में और जानें.
प्रांजल पाटिल
दृष्टिबाधित होने के बावजूद प्रांजल पाटिल ने वह कर दिखाया जिसे कई लोग असंभव मानते होंगे। 26 साल की प्रांजल ने 2017 में अपने दूसरे प्रयास में 124वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की। स्कूल में एक घटना के कारण, मुंबई के उल्हासनगर की 6 वर्षीय लड़की की दृष्टि चली गई। वह हतोत्साहित नहीं हुई और स्कूल और कॉलेज दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती रही। उन्होंने ग्रेजुएशन के दौरान ही आईएएस बनने का फैसला कर लिया था। प्रांजल के पास एम.फिल की डिग्री भी है। उन्होंने कंप्यूटर स्क्रीन को पढ़ने के लिए JAWS (जॉब एक्सेस विद स्पीच) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया।
बेनो जेफिन
भारतीय राजनयिक बेनो जेफिन पहली आवेदक थीं जिन्हें 2005 में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में स्वीकार किया गया था। रिपोर्टों के अनुसार, वह पहली 100% दृष्टिबाधित आईएएस अधिकारी हैं। वह चेन्नई की रहने वाली हैं. जब वह 25 वर्ष की थीं, तब उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की। अपने पहले प्रयास में, बेनो प्रीलिम्स में सफल हो गईं लेकिन मेन्स में सफल नहीं रहीं। अंततः, उन्होंने 2013 में अखिल भारतीय रैंक 343 हासिल की। उस समय तक उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर ली थी। वह भारतीय स्टेट बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में भी कार्यरत थीं। बेनो ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। उन्होंने JAWS (जॉब एक्सेस विद स्पीच) सॉफ्टवेयर का भी उपयोग किया।
अजीत कुमार यादव
बचपन की बीमारी के कारण अजीत कुमार यादव की दृष्टि चली गई। लेकिन इससे उसकी इच्छाशक्ति नहीं टूटी. 2008 में, अजीत ने यूपीएससी परीक्षा में 208 की अखिल भारतीय रैंक हासिल की। लेकिन सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद भी उन्हें नौकरी पाने में परेशानी हुई। उन्हें आईएएस पद पाने की उम्मीद थी, लेकिन इसके बजाय, उन्हें भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा में जगह की पेशकश की गई। इसके बाद अजीत इस मामले को अदालत में ले गए। 2010 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के फैसले के बाद भी उन्हें पद नहीं मिला. बाद में विकलांगों के अधिकारों के लिए राष्ट्रीय मंच और राजनीतिज्ञ बृंदा करात के हस्तक्षेप से, यादव को अंततः आईएएस पदनाम मिला।
आयुषी जैन
इस दृष्टिबाधित शिक्षिका ने 2021 में AIR 48 हासिल करके अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। अपनी सफलता की यात्रा के बारे में साझा करते हुए, उन्होंने कहा कि वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान पिछले पांच वर्षों से काम कर रही थीं। वह किसी कोचिंग सेंटर में दाखिला नहीं ले सकी क्योंकि उसके पास समय ही नहीं था। दिल्ली के रानी खेड़ा की रहने वाली, उन्होंने डीयू के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके अलावा, उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी की और उसके बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से शिक्षा स्नातक की डिग्री हासिल की। आयुषी ने 2012 में एक स्कूल में काम करना शुरू किया। इसके अलावा, उन्होंने 2019 में लेक्चरर पद के लिए डीएसएसएसबी परीक्षा में टॉप किया, जिससे उन्हें दिल्ली के मुबारकपुर डबास में सरकारी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में काम करने का मौका मिला।
पूर्णा सुंथरी
कर्नाटक के मदुरै की रहने वाली पूर्णा सुंथरी जन्म से दृष्टिबाधित नहीं थीं। जब वह 5 वर्ष की थीं, तब उनके साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। उन्हें एक दुर्लभ रेटिनल डिजनरेटिव बीमारी का पता चला, जिसके बाद उनकी दृष्टि ख़राब होने लगी। जब एक चिकित्सक ने सर्जरी का सुझाव दिया, तो यह सफलतापूर्वक नहीं हुई जिसके परिणामस्वरूप उसकी दृष्टि पूरी तरह से चली गई। लेकिन इस घटना ने उन्हें वह हासिल करने से नहीं रोका जो वह चाहती थीं। पूर्णा ने 2019 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल की। उन्होंने 286वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल की।
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इन 47 जगहों पर SC, OBC छात्रों को मिलती है मुफ्त कोचिंग, क्या आप जानते हैं?
नई दिल्ली. यदि आप ओबीसी या एससी वर्ग से आते हैं तो यह खबर आपके काम की है. मोदी सरकार दलित और ओबीसी कम्युनिटी के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए मुफ्त कोचिंग दे रही है. देश में ऐसे 47 कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. इनमें यूपीएससी, आईआईटी, नीट, जेईई, कैट, बैंक पीओ, एमबीए की तैयारी हो रही है, ताकि मेधावी छात्र-छात्राएं अपना मुकाम हासिल कर सकें. पहले कोचिंग के लिए सिर्फ 20 हजार रुपये मिलते थे लेकिन अब सरकार पूरा खर्च उठा रही है. सांसद शोभा करांदजले के एक सवाल पर बीते संसद सत्र में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने बताया कि इस योजना के तहत पिछले तीन साल में 4646 छात्रों को फ्री कोचिंग दी गई है.
विरोधी पार्टियां कभी बीजेपी तो कभी खुद पीएम मोदी पर दलित और पिछड़ा विरोधी होने के आरोप लगाती रहती हैं. लेकिन इसके उलट सरकार इस वर्ग के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए कसर नहीं छोड़ रही. कटारिया का कहना है कि सरकार कोचिंग फीस सीधे कोचिंग सेंटर भेज रही है और स्कॉलरशिप का पैसा संबंधित स्टूडेंट के खाते में. इससे सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार हासिल करने में सहायता मिलेगी. उन्हें आईएएस-आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर बनना आसान होगा. अलग-अलग क्षेत्रों में जाने की तैयारी अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में करवाई जा रही है.
इस स्कीम के तहत लाभ दो बार से अधिक नहीं लिया जा सकता
सबसे ज्यादा 14 केंद्रों पर आईआईटी-जेईई, 13 में नीट, 12 में बैंकिंग, 11 सेंटरों में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), 9 में एसएससी, 6 में राज्य लोक सेवा आयोग जबकि 4 में कैट के लिए कोचिंग दी जा रही है.
किन राज्यों में कहां हैं कोचिंग सेंटर
दिल्ली
–यूपीएससी प्री, मेन्स: जन कल्याण शिक्षा समिति संकल्प भवन, सेक्टर-4, आरके पुरम इंस्टीट्यूशनल एरिया.
–बैंकिंग, एसएससी: करियर पॉवर मेटिस एजुवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड, दूसरी मंजिल, प्रगति दीप, डिस्ट्रिक्ट सेंटर लक्ष्मी नगर
–एसएससी और बैंक पीओ: सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज, नई दिल्ली, 29- दक्षिण पटेल नगर.
–आईईएस और गेट: आईईएस अकादमी प्रा.लि., नई दिल्ली, 28 बी/7, दूसरी मंजिल, जिया सराय, आईआईटी, हौज खास
–यूपीएससी और एसपीएससी: करियर प्लस एजुकेशनल सोसायटी, 301/ए-37, 38, 39 अंसल बिल्डिंग, कमर्शियल कांप्लेक्स, मुखर्जी नगर.
–बैंकिंग परीक्षा और एसएससी: बीएससी अकादमी प्रा.लि. सी-37, गणेश नगर, पांडव नगर परिसर
–यूपीएससी और एसपीएससी: दीक्षांत शिक्षा केंद्र 301-303, ए-31-34 जैन हाउस एक्सटेंशन कमर्शियल सेंटर, मुखर्जी नगर
राजस्थान
–यूपीएससी और एसपीएससी: पतंजलि IAS क्लासेस प्रा.लि., बी.ओ.- 31, पतंजलि भवन, यूपीए सत्य विहार लालकोठी, जैन ईएनटी अस्पताल के पास, जयपुर.
–बैंक पीओ और एसएससी: मदर्स एजुकेशन हब, जे-7, कान्हा स्वीट्स के पास, बिग बाजार के सामने, गोपालपुर पुलिया
–आईआईटी-जेईई और प्री मेडिकल: करियर पॉइंट लिमिटेड, बी-28, 10-बी स्कीम, गोपालपुरा बाईपास, जयपुर
आईएएस के लिए प्री और मेन्स में दो-दो बार फ्री कोचिंग मिलेगी
उत्तर प्रदेश
प्री-मेडिकल और प्री-इंजीनियरिंग: पायनियर फाउंडेशन 250/15, केए श्यामकुंज, याहियागंज, लखनऊ.
प्री-मेडिकल और प्री-इंजीनियरिंग: पीएमटी फिजिक्स कॉलेज, 31/56 एमजी मार्ग, बाटा एंड के संस शोरूम के ऊपर, होटल कपूर के सामने, हजरत गंज, लखनऊ
बिहार:
नीट, आईआईटी-जेईई: गुरुकुल प्रेक्टिस सेंटर, पहली मंजिल, दुर्गा मंदिर के पास, मारनपुर, बोधगया रोड, जिला-गया.
हरियाणा
यूपीएससी, एसपीएससी: एलआईएलएसी एजुकेशन प्रा. लि. एम-24, ओल्ड डीएलएफ कॉलोनी, सेक्टर-14, गुरुग्राम.
चंडीगढ़
जीआरई/जीमैट, कैट: बुल्स आई, एससीओ- 90-92, सेकेंड फ्लोर, सेक्टर-8 सी, मध्य मार्ग, चंडीगढ़.
नीट, सीए-सीपीटी: एमटी एजूकेयर लि. एससीओ- 350-352, ग्राउंड फ्लोर, सेक्टर-34ए, चंडीगढ़.
मध्य प्रदेश
बैंक पीओ, आरआरबी: परफेक्ट सामाजिक एवं शिक्षण समिति, भोपाल.
बैंक पीओ, आरआरबी: तनिष्क शिक्षण एवं समाज कल्याण संस्था समिति, एमपी नगर, भोपाल
बैंकिंग, आरआरबी: कॉम्प-फीडर्स तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान, इंदौर. (केंद्र: उज्जैन एवं रतलाम)
यूपीएससी: एक्सेलैंट सिविल एकेडमी ट्रस्ट, केके प्लाजा जोन, एमपी नगर, भोपाल
आईआईटी-जेईई, नीट: दिशा दिया एजुकेशन ट्रस्ट, जेके टाउन, कोलार रोड, भोपाल
हिमाचल प्रदेश
जेईई, सीएमएटी: हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी साढौरा रोड, काला अंब, सिरमौर. (केंद्र: सिरमौर एवं सोलन)
(स्रोत: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक)
पांच हजार रुपये भी मिलेंगे
किन्हें मिलेगा लाभ?
-यह सुविधा उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलेगी जिनके अभिभावकों की सालाना आय 6 लाख रुपये या उससे कम है.
-इस स्कीम के तहत लाभ दो बार से अधिक नहीं लिया जा सकता.
-कुछ परीक्षा दो चरणों (प्री और मेन्स) में होती है. ऐसे में दोनों चरणों में दो बार मुफ्त कोचिंग मिलेगी.
-चयनित स्टूडेंट्स को सभी कोचिंग क्लासों में आना होगा. अगर कोई बिना किसी उचित वजह के 15 दिनों से अधिक समय तक गैर हाजिर रहता है तो फ्री कोचिंग की सुविधा बंद हो जाएगी.
पांच हजार रुपये भी मिलेंगे
कोचिंग में आने के लिए स्थानीय छात्रों को हर महीने 2500 रुपये जबकि बाहर से आने वालों को 5000 मिलेंगे. यह पैसा कोचिंग इंस्टीट्यूट चेक से देगा. सरकार कोचिंग सेंटर को इसके लिए पैसा भेजती है. कोचिंग इंस्टीट्यूट को छात्रों की प्रोग्रेस रिपोर्ट रखनी होगी.
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FIRST PUBLISHED : December 15, 2019, 15:49 IST